अररिया: उच्च न्यायालय के आदेश व शिक्षा विभाग की अपील का असर फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों पर धीरे-धीरे होने लगा है. उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने वाले शिक्षक यदि स्वेच्छा से नौ जुलाई तक अपने पद से त्यागपत्र दे देते हैं तो उन्हें क्षमादान दिया जायेगा.
इसके तहत किसी भी कोटि के नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष जिसने जाली या धोखाधड़ी कर हासिल शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पायी है वे यदि स्वेच्छा से नौ जुलाई तक त्यागपत्र दे देते हैं तो उन्हें क्षमादान देते हुए उनके विरुद्ध ना तो आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा और ना ही उनसे मानदेय के रूप में दी गयी राशि वसूल की जायेगी. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग द्वारा भी ऐसे शिक्षकों से अपील की जा रही है.
इसके लिए शिक्षा विभाग का नोटिस भी चिपकाया जा रहा है. इसका असर अब धीरे-धीरे फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों पर होने लगा है. इसी क्रम में बुधवार को कुर्साकांटा प्रखंड के एक शारीरिक शिक्षक ने अपना त्याग पत्र बीइओ रामदयाल शर्मा को सौंप दिया. बीइओने बताया कि समझदार शिक्षक निश्चित रूप से त्यागपत्र दे देंगे. उन्होंने बताया कि बुधवार को एक शिक्षक ने त्यागपत्र सौंपा है. एक-दो दिन में और भी शिक्षकों के त्यागपत्र देने की संभावना है.