अररिया: हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी विभाग ने जिले में विभिन्न चरणों में नियोजित हुए शिक्षकों के नियोजन से संबंधित अभिलेखों को खंगालना आरंभ कर दिया है. प्रथम चरण में जिला परिषद व नगर परिषद में नियोजित उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की जा रही है. जिले में पदस्थापित निगरानी की […]
अररिया: हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में निगरानी विभाग ने जिले में विभिन्न चरणों में नियोजित हुए शिक्षकों के नियोजन से संबंधित अभिलेखों को खंगालना आरंभ कर दिया है. प्रथम चरण में जिला परिषद व नगर परिषद में नियोजित उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की जा रही है. जिले में पदस्थापित निगरानी की टीम 2006 से अब तक हुए नियोजित उच्च माध्यमिक शिक्षकों से संबंधित अभिलेख को संकलित कर अपने साथ पटना ले गयी है. प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में उच्च माध्यमिक में सौ शिक्षकों का नियोजन किया गया है.
इसमें जिला परिषद द्वारा 83, नगर परिषद अररिया द्वारा 10 तथा नगर परिषद फारबिसगंज द्वारा सात शिक्षकों का नियोजन किया गया है. निगरानी विभाग की टीम नियोजन के समय अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये आवेदन, आवेदन प्राप्ति रजिस्टर, मेधा सूची के अलावा सभी शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र को समेकित कर पटना स्थित निगरानी कोषांग ले गयी है. जांच के द्वितीय चरण में माध्यमिक शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच की जानी है. इसके अलावा नियोजन इकाई के पारदर्शिता की भी जांच होनी है.
मिली जानकारी के अनुसार, जिले में कुल 342 माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन अब तक किया गया है. इसमें अररिया नगर परिषद द्वारा 22, फारबिसगंज नगर परिषद द्वारा 37, नगर पंचायत जोगबनी द्वारा नौ तथा जिला परिषद द्वारा 274 माध्यमिक शिक्षक शामिल है. इसके अलावा पुस्तकालय अध्यक्षों के रूप में नियोजन हुए 24 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की जानी है. जिला परिषद द्वारा 17, नगर परिषद अररिया द्वारा 03, फारबिसगंज नगर परिषद द्वारा तीन व जोगबनी नगर पंचायत द्वारा एक पुस्तकालयाध्यक्ष का नियोजन किया गया है. निगरानी विभाग इनके नियोजन के समय जमा अभिलेखों को भी खंगालेगा.
बोले डीइओ
डीइओ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि निगरानी की जांच में फर्जी प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षकों के अलावा नियोजन इकाई के विरु द्ध भी कार्रवाई की जायेगी. निगरानी के जांच के घेरे में नियोजित शिक्षक के साथ-साथ नियोजन इकाई भी है. निगरानी की जांच से फर्जी शिक्षकों के साथ-साथ नियोजन इकाइयों में खलबली मची हुई है.