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संविदारत स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर

अररिया: सेवा स्थायी करने सहित 10 सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार से जिला स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर बहाल प्रबंधकीय अधिकारियों, कर्मचारियों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. हड़ताली कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में धरना भी दिया. अनुबंध पर बहाल जिले के लगभग 600 अधिकारियों व कर्मियों के […]

अररिया: सेवा स्थायी करने सहित 10 सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार से जिला स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर बहाल प्रबंधकीय अधिकारियों, कर्मचारियों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है. हड़ताली कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में धरना भी दिया. अनुबंध पर बहाल जिले के लगभग 600 अधिकारियों व कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने का असर सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा. हालांकि अस्पतालों में ओपीडी सेवा चली जरूर, लेकिन कंप्यूटराइज्ड परची नहीं काटी जा सकी. ओपीडी में रागियों की संख्या भी अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम रही.

बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर स्वास्थ्य कर्मियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल का प्रभाव सदर अस्पताल सहित सहित पीएचसी में भी देखने को मिला. अव्वल तो ये कि डीपीएम से लेकर बीएचएम व स्वास्थ्य समिति से संबद्ध अन्य संविदा कर्मियों के हड़ताल के कारण आवश्यक प्रतिवेदन राज्य स्वास्थ्य समिति तक नहीं भेजे जा सके. कार्यालयों का काम पूरी तरह ठप रहा. वहीं स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का प्रभाव टीकाकरण व विभिन्न प्रकार की जांच पर भी पड़ा. एचआइवी व एड्स परामर्श केंद्र में भी काम नहीं हुआ. यक्ष्मा रोग से संबंधित आवश्यक जांच भी नहीं हो पायी.

सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, चूंकि चिकित्सक हड़ताल पर नहीं थे. लिहाजा ओपीडी सेवा प्रभावित नहीं हुई, पर दिक्कत ये रही कि कंप्यूटराइज्ड परची नहीं काटी जा सकी. हाथ से परची काटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी. इसी कारण से डॉक्टरों के रहने के बावजूद ओपीडी में देखे जाने वाले रागियों की संख्या लगभग 150 के करीब रही. सामान्य दिनों में ये संख्या 500 से अधिक रहती है. हां सदर अस्पताल स्थित प्रसव गृह सुचारु ढंग से चलता रहा. यहां ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने बताया कि हड़ताल का प्रभाव यहां की सेवा पर नहीं है. जबकि हड़ताल को लैब कर्मियों द्वारा समर्थन देने के कारण रक्त आदि के जांच में बाधा आयी. बताया गया कि नियमित टीकाकरण कार्य भी प्रभावित हुआ, क्योंकि कोल्ड चेन बंद रहा व संविदा पर बहाल एएनएम ने भी काम नहीं किया. अस्पताल कर्मियों ने बताया कि दवा वितरण का काम नियमित कर्मचारियों से लेना पड़ा.

दूसरी तरफ अस्पताल परिसर में धरना पर बैठे जिला संघ के अध्यक्ष मनोहर कुमार प्रेमांशु के अलावा सईदुर्रहमान, प्रेरणा वर्मा, सनोज कुमार, नाजिश नियाज, राम चंद्र शर्मा,अकील अख्तर, विकास कुमार, राहुल कुमार झा व दामोदर शर्मा सहित संघ के अन्य पदधारकों ने हड़ताल को सफल बताते हुए कहा कि जिले में पदस्थापित सभी 594 संविदा कर्मी हड़ताल पर हैं. पीएचसी में भी हड़ताल है. धरना में एएनएम, आशा व ममता भी शामिल हैं. लिहाजा संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं, पर इमरजेंसी सेवा में बाधा नहीं डाली जायेगी.

कुर्साकांटा प्रतिनिधि के अनुसार, बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ बिहार के आह्वान पर प्रखंड के स्वास्थ्य संविदा कर्मी सोमवार से अपने 10 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गये. इस दौरान संविदा पर बहाल सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने पीएचसी परिसर में धरना प्रदर्शन कर मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही.

धरना प्रदर्शन में संविदा पर नियुक्त लेखापाल, कोरियर, ममता आदि शामिल हैं. धरना में शामिल रेणु कुमारी, नीलम कुमारी, किरण, आशा, पुष्पा, पूजा, बुलबुल, रीता, बबिता, रेखा, अनुराधा, स्नेहा आदि ने हड़ताल की सूचना लिखित रूप से जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों को देने की बात कही.

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