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तीन साल में नहीं बन पाया एक भी भवन
अररिया: सरकार की महत्वाकांक्षी पंचायत सरकार भवन योजना का जिले में बुरा हाल है़ योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 व 2013-14 की है़ अब 2014-15 भी समाप्त होने पर है़ लेकिन स्थिति ये है कि एक भी योजना में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है़ यही नहीं बल्कि स्वीकृत 37 योजनाओं में तो दो योजनाओं […]
अररिया: सरकार की महत्वाकांक्षी पंचायत सरकार भवन योजना का जिले में बुरा हाल है़ योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 व 2013-14 की है़ अब 2014-15 भी समाप्त होने पर है़ लेकिन स्थिति ये है कि एक भी योजना में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है़ यही नहीं बल्कि स्वीकृत 37 योजनाओं में तो दो योजनाओं में निविदा भी नहीं निकाली जा सकी है़ नौ योजनाएं ऐसी हैं जिनमें विभिन्न कारणों से काम ही शुरू नहीं हो पाया है़.
मिली जानकारी के अनुसार पंचायत सरकार भवन योजना के लिए स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन को कार्य एजेंसी बनाया गया है़ दिलचस्प ये है कि एजेंसी की अद्यतन रिपोर्ट ही योजना की खस्ता हाली को बयां करती है़ रिपोर्ट के मुताबिक दो योजनाओं, फारबिसगंज के बथनाहा व जोकीहाट प्रखंड के बाग नगर में तो निविदा ही आमंत्रित नहीं की गयी है़ रिपोर्ट के अनुसार बथनाहा की आवंटित भूमि में पोखर है, लेकिन हैरत ये है कि बागनगर में भूमि उपलब्ध रहने के बावजूद निविदा नहीं निकाली गयी है़.
बची 35 योजनाओं में से भी विभिन्न कारणों से नौ योजनाओं में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है़ कारण कहीं भूमि विवाद को बताया गया है, तो कहीं आवंटित भूमि का क्षेत्रफल कम होना़ नरपतगंज के रेवाही योजना के बाबत कहा गया है कि स्थल तक जाने का रास्ता ही नहीं है, लेकिन ये देखना भी दिलचस्प है कि जहां सब कुछ ठीक ठाक है, वहां भी काम की गति बहुत सुस्त है़ कहीं प्रथत तल की छत तो कहीं द्वितीय तल की छत की ढलाई चल रही है़ कहीं लिंटर तो कहीं अभी भी प्लास्टर का काम हो रहा है़ कार्य एजेंसी द्वारा कार्यो के निष्पादन का अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि विभाग ने निविदा आमंत्रित करने के बाद निष्पादित व एकरारनाम करने में ही औसतन आठ से 10 माह गंवा दिया है़ इस योजना की निविदा 22 जनवरी 2013 को आमंत्रित की गयी, इसे 24 मई को निष्पादित किया गया. पांच माह बाद 25 अक्तूबर को एकरारनामा हुआ, पर काम अब भी चल ही रहा है़ ऐसा भी नहीं है कि राशि की कमी है, क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक इस मद में जिले को कुल 1125 लाख से अधिक राशि मिल चुकी है़ व्यय 977 लाख से कुछ अधिक हो पाया है़ कार्य की धीमी गति के बाबत पूछे जाने पर जिले के एक वरीय अधिकारी कहते हैं कि एजेंसी काम में आवश्यक रुचि नहीं ले रही है, इसलिए काम नहीं हो रहा है़
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