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राज्य की जनता को नीतीश ने दिया धोखा: सांसद

* भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने डाकबंगला में पत्रकारों को किया संबोधित, बोलेअररिया : गंठबंधन की मर्यादा को तोड़ कर नीतीश कुमार ने राज्य की 10 करोड़ जनता को धोखा दिया है. आगामी चुनाव में जनता नीतीश से इसका जवाब मांगेगी. उक्त बातें भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने स्थानीय डाकबंगला में पत्रकारों को […]

* भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने डाकबंगला में पत्रकारों को किया संबोधित, बोले
अररिया : गंठबंधन की मर्यादा को तोड़ कर नीतीश कुमार ने राज्य की 10 करोड़ जनता को धोखा दिया है. आगामी चुनाव में जनता नीतीश से इसका जवाब मांगेगी.

उक्त बातें भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने स्थानीय डाकबंगला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि 17 साल पहले बिहार में लूट, अपहरण, डकैती के जंगलराज से छुटकारा दिलाने के लिए हमारे माननीय नेता अटल जी ने देश की राष्ट्रीय पार्टी होने के अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए मात्र सात सीटों वाली समता पार्टी से गंठबंधन कर नीतीश को दो बार मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया.

नीतीश कुमार द्वारा नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाये जाने के मामले में उन्होंने कहा कि मोदी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गयी है. भाजपा ने पहले ही कहा है कि प्रधानमंत्री के सवाल पर एनडीए के सभी घटकों से विचार किया जायेगा.

नीतीश पर अहंकारी होने का आरोप लगाते हुए सांसद ने कहा कि दरअसल नीतीश कुमार भाजपा नेता नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से घबरा गये हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश और नरेंद्र मोदी की कोई तुलना नहीं. मोदी राष्ट्रीय नेता नहीं अंतरराष्ट्रीय नेता हैं. दुनिया के बहुत से देश मोदी के राजनीतिक कौशल, विकासात्मक नजरिये व प्रबंधन कौशल के कायल हैं.

नीतीश सरकार के कार्यकलाप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक व महादलित के विकास का जो राग नीतीश अलाप रहे हैं, उसमें भाजपा भी बराबर की हिस्सेदार है. सरकार में भाजपा कोटे के मंत्रियों द्वारा ज्यादा विकासात्मक कार्य किये जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि सुशील मोदी जब राज्य में उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्रालय का कमान संभाले तो उन्हें राज्य का खाली कोष मिला था.

उन्होंने अपने कौशल व जतन से राजस्व व्यवस्था में सुधार कर बिहार के विकास में अहम योगदान दिया. उन्होंने कहा कि जदयू से गंठबंधन टूटने से पूरे देश के भाजपाई खुश हैं. नीतीश पर महादलितों के साथ छलावा करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महादलित के लिए नीतीश प्रेम छलावा साबित हुआ.

महादलितों को तीन डिसमिल जमीन देने, महादलित बस्ती को स्कूल, सड़क व अन्य विकासात्मक गतिविधियों से जोड़ने का दावा सिरे से असफल हो गया है. जनता को लोकतंत्र में सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने कहा कि जनता आने वाले चुनाव में नीतीश को उनकी वास्तविक जगह दिखा देगी.

* नीतीश ने निजी स्वार्थ के लिए तोड़ा गंठबंधन
भाजपा-जदयू के गंठबंधन टूटने के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बब्बन ने कहा है कि बिहार में भाजपा ने जंगलराज को समाप्त करने के लिए नीतीश कुमार के साथ जो गंठबंधन बनाया था. उसे तोड़ कर नीतीश कुमार ने बिहार के जनता की पीठ में खंजर घोपने का काम ने अपने निजी महत्वाकांक्षा में किया है.

इसके लिए बिहार की जनता उसे माफ नहीं करेगी. बेलगाम अफसरशाही व जनप्रतिनिधियों के सम्मान को भी तरजीह नहीं देने वाले, पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के खिल्ली उड़ाने वाले व नियोजित शिक्षकों को बेरहमी से पटना में खदेड़ कर पीटने वाले इस तानाशाह को हमलोगों ने इसलिए झेला कि बिहार में जंगलराज के खात्मा के लिए यह जरूरी था.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अतिपिछड़ा, मध्य वर्ग, युवा वर्ग व विश्व को अपने विकास मॉडल से प्रभावित करने वाले चाय दुकानदार के बेटे के राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शन से इतना आहत हुए कि गंठबंधन तोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि गंठबंधन टूटने से आगामी लोक सभा चुनाव में भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में अपार सफलता प्राप्त करेगी.

* चल सकती है जदयू की सरकार
भाजपा-जदयू गंठबंधन टूटने के बाद बिहार में चल रही राजनीति हलचल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद नेता तसलीमुद्दीन ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करने से फिलहाल इनकार किया है. रविवार को उन्होंने कहा कि वे राज्य में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.

फिलहाल कोई राय देना मुनासिब नहीं है. हां बिहार में जदयू के सरकार बनने व इसके भविष्य के बारे में पूछने पर उन्होंने केवल इतना कहा कि सरकार चलने में कोई दिक्कत तो फिलहाल नजर नहीं आ रही है.

* गंठबंधन टूटने से जदयू व राज्य दोनों का फायदा
भाजपा-जदयू गंठबंधन टूटने पर जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ने खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के सवाल पर जदयू का नजरिया हमेशा एक जैसा रहा है. ऐसा व्यक्ति जदयू को स्वीकार नहीं है, ये बात पहले से साफ थी.

लिहाजा इस मुद्दे पर भजपा से अलग होना एक सही फैसला है. उन्होंने कहा कि भाजपा से अलग होने का फैसला जदयू व राज्य के अवाम दोनों के हित में है. उन्होंने ये भी कहा कि गंठबंधन की मजबूरी के कारण जनहित के बहुत सारे फैसले लेने में जदयू को दिक्कत हो रही थी. अब ऐसी कोई मजबूरी नहीं होगी. राज्य का तेजी से विकास होगा.

* नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ छल किया
भाजप-जदयू गंठबंधन के टूटने पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत ने कहा कि यह दोस्तों के साथ दगाबाजी करने जैसा है. उन्होंने कहा कि गंठबंधन टूटने से भाजपा को कम जदयू को ज्यादा नुकसान होगा. जदयू के स्वयंभू नेता नीतीश कुमार को भले ही तत्काल लाभ दिखता हो, मगर उन्होंने 2010 में बिहार की जनता के द्वार दिये गये जनादेश के साथ छल किया है.

बिहार की जनता ने एनडीए के नाम पर केवल जदयू को ही वोट नहीं दिया था बल्कि भाजपा को भी वोट दिया था. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार को माफ नहीं करेगी. आने वाले समय में उन्हें दोस्तों के साथ दगाबाजी करने की सजा जरूर मिलेगी.

* मिलेगी मुसलमानों की हमदर्दी
अलशम्स मिल्लिया डिग्री कालेज के प्राचार्य प्रो रकीब अहमद का मानना है कि भाजपा से अलग होने के बाद कुल मिला कर जदयू को फायदा ही होगा. दोनों दलों के बीच गंठबंधन टूटने की खबर पर उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार को कोई खतरा नहीं है. सरकार बनेगी और चलेगी भी. गंठबंधन टूटने से फिलहाल जदयू को फायदा होगा. आगे के बारे में कहना मुश्किल है. वहीं नरेंद्र मोदी के सवाल पर भाजपा से संबंध तोड़ने का भी अच्छा संदेश जायेगा. मुसलिम मतदाताओं की हमदर्दी नीतीश कुमार के हक में जा सकती है.

* कमजोर होगा जदयू
भाजपा-जदयू के बीच संबंध टूटने पर लोजपा जिलाध्यक्ष अब्दुल हन्नान ने कहा कि इस घटनाक्रम से जदयू को फायदा के बजाय नुकसान ही होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य में जदयू नहीं बल्कि लोजपा व राजद को इसका फायदा होगा. क्योंकि राज्य की जनता नीतीश कुमार की असलियत से वाकिफ है.

* सांप्रदायिक ताकतों से मिला छुटकारा
भाजप-जदयू गंठबंधन के टूटने पर कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष भारतेंदु यादव ने कहा कि बिहार को अब सांप्रदायिक ताकतों से छुटकारा मिल गया. धर्मनिरपेक्ष ताकतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग अलग है. इसलिए यह गंठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती थी. गंठबंधन टूटना स्वाभाविक है.

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