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उर्दू की समस्या व विकास पर चर्चा, पुस्तक का हुआ विमोचन
अररिया : उर्दू भाषी बाहुल्य क्षेत्रों में उर्दू की समस्या व विकास की संभावना पर रविवार को आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के दौरान मुख्य अतिथि व सभाध्यक्ष सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि केवल रोजगार के नजरिया से उर्दू को देखना उचित नहीं है. अपनी भाषा से मोहब्बत रखना इसके विकास के लिए बहुत जरूरी है. […]
अररिया : उर्दू भाषी बाहुल्य क्षेत्रों में उर्दू की समस्या व विकास की संभावना पर रविवार को आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के दौरान मुख्य अतिथि व सभाध्यक्ष सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि केवल रोजगार के नजरिया से उर्दू को देखना उचित नहीं है.
अपनी भाषा से मोहब्बत रखना इसके विकास के लिए बहुत जरूरी है. सेमीनार का आयोजन जोकीहाट प्रखंड के डूबा स्थित दावतुल कुरआन एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के बैनर तले व भारत सरकार की संस्था एनसीपीयूएल के आर्थिक सहयोग से किया गया था.
कार्यक्रम का संचालन युवा शिक्षक अब्दुल गनी लबीब ने किया. प्रखंड के फेटकी चौक स्थित जामिया दावतुल कुरआन में आयोजित सेमीनार के दौरान मुख्य अतिथि व बिहार उर्दू एकेडमी के पूर्व सचिव मुश्ताक अहमद नूरी ने कहा कि उर्दू भाषा के विकास में कोई बड़ी बाधा नहीं है.
न ही इसके भविष्य पर कोई बड़ा संकट है. जरूरत इस बात की है कि उर्दू के विकास की शुरुआत व्यक्तिगत स्तर से हो. ये मान लिया जाये कि उर्दू केवल रोजगार पाने का साधन मात्र नहीं है. बल्कि इस से हमारी पहचान जुड़ी हुई है. संस्कृति जुड़ी हुई है.
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