Advertisement
जयंती पर याद किये गये जयप्रकाश
जदयू कार्यकर्ताओं ने समारोहपूर्वक मनायी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती फारबिसगंज : जदयू कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नगर अध्यक्ष सैयद आबिद हुसैन उर्फ गुड्डू अली की अध्यक्षता में स्थानीय जेपी सभा भवन के परिसर में भव्य समारोह आयोजित कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 115 वीं जयंती मनायी. इस मौके पर मौजूद जदयू कार्यकर्ताओं ने लोकनायक […]
जदयू कार्यकर्ताओं ने समारोहपूर्वक मनायी लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती
फारबिसगंज : जदयू कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नगर अध्यक्ष सैयद आबिद हुसैन उर्फ गुड्डू अली की अध्यक्षता में स्थानीय जेपी सभा भवन के परिसर में भव्य समारोह आयोजित कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 115 वीं जयंती मनायी. इस मौके पर मौजूद जदयू कार्यकर्ताओं ने लोकनायक के तैल्य चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला.
इस मौके पर मुख्य रूप से युवा जदयू जिलाध्यक्ष डा अभिषेक सिंह, जिला उपाध्यक्ष रमेश सिंह, पवन मिश्रा, संदीप कुमार,नगर उपाध्यक्ष संजीव रजक, ताहा सलमान, मेहराब आलम, अरमान अली, रजत रंजन, संतोष राउत, मो असलम, छोटू खान सहित अन्य मौजूद थे.
सिमराहा प्रतिनिधि के अनुसार, फारबिसगंज प्रखंड के समौल संकुल स्थित प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला गोलाबाड़ी में बुधवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजीव रंजन, सुनील हांसदा, रिंकू पासवान आदि उपस्थित थे. वहीं मुसहरी पंचायत के कुड़वा में मुखिया अरविंद विश्वास के निवास स्थान पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनायी गयी.
इस मौके पर उपस्थित लोगों ने जेपी के तैल्यचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया. इस अवसर पर सरपंच मनोज मेहता, भीम मंडल, मंटू मेहता सहित कई वार्ड सदस्य व ग्रामीण उपस्थित थे.
उपेक्षा : जयंती पर भी याद नहीं आये जेपी : अररिया. लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जयंती के अवसर पर भी उनका स्मारक उपेक्षित रहा. संपूर्ण क्रांति के जनक जय प्रकाश नारायण को मरणोपरांत वर्ष 1999 में भारत रत्न की उपाधि दी गयी.
लोकनायक की उपाधि से सम्मानित उनके स्मारक स्थल की सफाई तक किये बिना उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया गया. सफाई तो दूर चांदनी चौक पर अवस्थित उनके स्मारक स्थल का द्वार तक नहीं खुला. जय प्रकाश नारायण मंच से जुड़े सदस्य रामशरण मंडल, सत्येंद्र शरण, तेज नारायण यादव आदि द्वारा स्मारक स्थल के चहारदीवारी को फांद कर बस एक माला उनके स्मारक पर समर्पित कर दिया गया. इधर न तो नगर परिषद या अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को ही इनकी जयंती याद आयी.
जयंती के दिन भी लोकनायक जय प्रकाश नारायण के स्मारक स्थल के पास पेड़ से गिरे हुए सूखे पत्तों के अलावा कचरा फैला हुआ था. देश व राज्य के बहुत सारे नेता आज भी उनके आंदोलन के जनक माने जाते हैं. वे बराबर ही उनके नामों का दंभ भी भरते हैं.
लेकिन उनके जयंती जैसे खास अवसर पर भी उनकी उपेक्षा लोकनायक के प्रति समर्पण की पोल खोलती नजर आयी. उनकी मृत्यु के केवल 38 वर्षों बाद ही उनके संस्मरणों को भुला देना दु:खदायी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement