अररिया : स्थानीय व्यवहार न्यायालय के षष्टम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार की अदालत में चेक डिजऑनर होने का मामला सत्य प्रमाणित होने पर जोकीहाट काकन के दो सगे भाइयों क्रमश: मो नुरूल उर्फ जम्बू व मो वफा उर्फ पयासु को दो-दो वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी. इसके साथ ही साढ़े सात लाख रुपये ससमय परिवादी को सुपुर्द करने का भी आदेश पारित किया गया. दोनो आरोपियों द्वारा यदि ससमय कोसकीपुर निवासी परिवादी असरफ नूर को साढ़े सात लाख रुपये का भुगतान नहीं किये जाने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
यह आदेश परिवाद पत्र संख्या 567/2012 में सुनाया गया है. आदेश पत्र के मुताबिक मो नुरूल उर्फ जम्बू को पांच लाख तथा मो वफा उर्फ प्यारू को ढाई लाख रुपये देने का आदेश हुआ है. बताया जाता है कि परिवादी से दोनों अभियुक्त ठेकेदारी करने के नाम पर रुपये लिया था, जिसका भुगतान इन दोनों द्वारा नहीं किये जाने पर पंचायत बैठायी गयी थी. इसमें दोनों ने अपने-अपने बैंक खाता का चेक दिया था. चेक को परिवादी द्वारा अपने बैंक खाता में डाला गया, जहां दोनों चेक बाउंस कर गया. बैंक से रुपये भुगतान नहीं होने पर परिवादी असरफ नूर द्वारा सिविल कोर्ट अररिया में धारा 138 एनआई एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया. जहां गवाहों के बयान से सुतंष्ट हो कर दोनों आरोपियों की सजा मुकर्रर की गयी.