पटना : शुक्रवार की रात व्यवसायी लक्ष्मी नारायण उर्फ छोटू (32 वर्ष) का शव शनिवार को भूतनाथ रोड के टीवी टावर के पास स्थित आवास पर लाया गया. शनिवार को बेगूसराय के हरदिया पेट्रोल पंप पर अपराधियों ने पेट्रोल पंप मालिक लक्ष्मी नारायण की गोली मार कर हत्या कर दी थी और लाखों रुपये लूट लिये थे. वे मूल रूप से नवादा जिले के पकरीबरावां गांव के रहनेवाले थे.
शव पहुंचते ही उनके बुजुर्ग पिता जगतानंद प्रसाद सिंह (82 वर्ष) बुत की तरह कुरसी पर बैठे दीवार की ओर एकटक देख रहे थे, तो मां रेशमी देवी व पत्नी प्रिया का रो-रो कर हाल बेहाल था. पिता के लिए यह एक और सदमा था, क्योंकि उनके दो बेटों की पहले ही मौत हो चुकी है. अभी उस मौत को वे भुला भी नहीं पाये थे कि एक और बेटे लक्ष्मी नारायण की अरथी उनकी आंखों के सामने निकली. लक्ष्मी नारायण की पांच साल की बेटी मीठी को तो इसकी जानकारी तक नहीं है कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है.
लक्ष्मी नारायण ने बेगूसराय में भी एक मकान बनवाया था और व्यवसाय के कारण वे अधिकतर वहीं रहते थे. उनकी पत्नी व बेटी पटना में रहती हैं और हमेशा वहां आना-जाना लगा रहता था. लक्ष्मी नारायण के बड़े भाई सूर्यमणी सिंह प्रोफेसर हैं और पटना में ही रहते हैं, जबकि उनके दो भाई उत्पल व पप्पू की मौत पहले ही हो चुकी है. 2016 में दूसरे नंबर के भाई उत्पल की मौत हथिदह में ट्रेन दुर्घटना में हो गयी थी और तीसरे नंबर के भाई पप्पू की 2002 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी. लक्ष्मी नारायण जगतानंद प्रसाद सिंह के सबसे छोटे बेटे थे.