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मालखानों में अब भी पड़ी है नौ लाख लीटर से ज्यादा शराब
अनदेखी. सीएम के आदेश का असर सिर्फ तीन जिलों में पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बड़ी संख्या में शराब जब्त की गयी हैं, लेकिन इन्हें नष्ट करने में जिला प्रशासन तत्परता नहीं दिखा रहा है. जबकि नये उत्पादन अधिनियम, 2016 में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि जब्त […]
अनदेखी. सीएम के आदेश का असर सिर्फ तीन जिलों में
पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बड़ी संख्या में शराब जब्त की गयी हैं, लेकिन इन्हें नष्ट करने में जिला प्रशासन तत्परता नहीं दिखा रहा है. जबकि नये उत्पादन अधिनियम, 2016 में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि जब्त शराब को नष्ट करने का पूरा अधिकार डीएम को है और उन्हें हर हाल में इसे जल्द से जल्द नष्ट करना है.
फिर भी सभी जिलों में डीएम के स्तर पर इसे लेकर कोई दिलचस्पी ही नहीं दिखायी जा रही है. हाल में 10 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके पूर्ण शराबबंदी कानून का पालन पूरी सख्ती और मालखाने में जब्त शराब को नष्ट करने के लिए सख्त निर्देश दिये थे. इसके बाद पटना और वैशाली जिलों ने तो आनन-फानन में मालखाने में जब्त शराब को नष्ट किया. इस वीसी से कुछ दिनों पहले सारण जिले ने जब्त शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू की थी. इसने करीब 10 हजार लीटर शराब की बोतलों पर बुलडोजर चलाकर इसे नष्ट करवाया था. लेकिन, इन जिलों को छोड़कर अन्य किसी जिले में सीएम के आदेश का असर नहीं दिख रहा है.
10 लाख लीटर शराब की जा चुकी है जब्त
राज्य में 5 अप्रैल, 2016 पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हुआ. इसके बाद से राज्य के सभी थाना क्षेत्रों में अब तक देशी, विदेशी, स्पिरिट और महुआ शराब मिला कर करीब 10 लाख लीटर शराब जब्त की जा चुकी है, जो जिलों या थानों के मालखाने में पड़ी थी. इसमें अगर तीन जिलों में नष्ट की गयी शराब की मात्रा को हटा दी जाये, तब भी यह करीब नौ लाख 20 हजार लीटर के आसपास आयेगा, यानी मालखानों में अब भी करीब 9.20 लाख लीटर शराब पड़ी हुई है. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी सभी जिलों को जब्त शराब को नष्ट करने से संबंधित 1800 मामलों में निर्देश जारी किये जा चुके हैं. इसमें जिलों ने महज 730 में ही अंतिम आदेश पारित किये हैं. इन निर्देशों के बाद भी इन्हें नष्ट करने से संबंधित आदेश डीएम के स्तर से जारी नहीं किया जा रहा है.
तस्करी में इस्तेमाल वाहन नहीं हो रहे जब्त
नये उत्पाद विधेयक में यह भी प्रावधान है कि शराब तस्करी में उपयोग होने वाले वाहनों और स्थान या मकान को भी जब्त किया जाये. लेकिन, जिलों में शराब तस्करी में उपयोग होने वाले वाहनों को भी जब्त करने से संबंधित आदेश जिलों में डीएम के स्तर से जारी नहीं किये जा रहे हैं. शराब तस्करी में अब तक राज्य भर में 1300 वाहनों को पकड़ा गया है, लेकिन इसमें महज 104 वाहनों को ही जब्त करने का आदेश डीएम के स्तर पर जारी हुआ है. शेष वाहन थानों या अन्य स्थानों पर खड़े हैं.
शराबबंदी के बाद अप्रैल, 2016 से 24 मई, 2017 तक हुई कार्रवाई
प्रावधान होने पर भी उत्पाद विभाग मांग रहा दिशा-निर्देश : पूर्ण शराबबंदी का पालन सख्ती से करने के लिए विधान मंडल से नया उत्पाद एवं मद्य निषेद्य विधेयक, 2016 पारित कर राज्य में लागू कर दिया गया है. इसमें डीएम को शराब नष्ट करने, वाहन जब्त करने से संबंधित आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है. फिर भी उत्पाद एवं मद्य निषेद्य विभाग के प्रधान सचिव ने जब्त शराब को नष्ट करने से संबंधित दिशा-निर्देश विधि विभाग से मांगा है.
विधि विभाग की तरफ से सहमति मिलने के बाद फिर इसके लिए पुलिस महकमा से मार्गदर्शन मांगा है. इस तरह यह फाइल इधर-उधर घूम रही है. इससे संबंधित कोई स्पष्ट लिखित निर्देश सभी डीएम को भेजने के बजाय इस पर दिशा-निर्देश ही लिए जा रहे हैं.
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