पटना: केंद्रीय आदर्श कारा, बेऊर में बंद 17 बीमार कैदियों की हुई मौत के मामले का बिहार मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग के अध्यक्ष व ओडिशा हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिलाल नाजकी ने बुधवार को ‘प्रभात खबर’ में ‘17 कैदियों की मौत कहां हुई’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर गृह कारा विभाग और पीएमसीएच प्रशासन को नोटिस जारी करने का फैसला लिया है.
न्यायमूर्ति नाजकी ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. आयोग इस संबंध में गृह कारा विभाग और पीएमसीएच प्रशासन को अपना पक्ष रखने को कहा है.
दरअसल, पांच जनवरी, 2012 से लेकर 13 सितंबर, 2013 के बीच आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर में बंद 17 कैदियों की मौत विभिन्न बीमारियों से हुई थी. सूचना के अधिकार के तहत जब कारा प्रशासन से मृत कैदियों के मौत के स्थान को लेकर सवाल पूछे गये, तो जेल प्रशासन का कहना था कि कैदियों की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में हुई, जबकि पीएमसीएच प्रशासन का कहना है कि उनके यहां किसी भी कैदी की मौत नहीं हुई है. सवाल उठता है कि अगर कैदियों को इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया, तो उनकी मौत के स्थान को लेकर भ्रम की स्थिति क्यों है.