पटना: राज्य में एक जेल ऐसा भी है, जहां के कैदी न तो अस्पताल में दम तोड़ते हैं और न ही जेल के अंदर. ऐसे में वे मरते कहां हैं? आसमान में या जमीन के अंदर? अधिकारियों ने इस सवाल पर कहा, हम देखते हैं कि ऐसा कैसे हुआ.
इस जेल का नाम है आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर . यहां के 17 कैदियों की मौत पांच जनवरी, 2012 से 13 सितंबर 2013 के बीच हो गयी. जेल प्रशासन नेकहा है कि इन बीमार कैदियों की मौत इलाज के दौरान पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गयी. पर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बेऊर के किसी कैदी की मौत उसके यहां नहीं हुई.
यह बड़ा विरोधाभास सामने आया है सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी के बाद. पटना जिले के बिक्रम थाने के रविश कुमार ने आरटीआइ के तहत आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर से यह सूचना मांगी थी कि जनवरी, 2012 से सितंबर, 2013 तक कितने कैदियों की मौत इलाज के दौरान हुई. इस सवाल के जवाब में केंद्रीय कारा के लोक सूचना अधिकारी ने कहा कि इस दौरान 17 कैदियों की मौत इलाज के दौरान पीएमसीएच में हुई.बेऊर जेल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के हस्ताक्षर के साथ उन कैदियों के नाम, पता, कैदियों की बीमारी और मौत की तारीख समेत पूरी सूची मुहैया करायी गयी है.
आरटीआइ कार्यकर्ता ने यही सवाल पीएमसीएच से पूछा. पीएमसीएच के लोक सूचना पदाधिकारी ने अपने जवाब में लिखा कि कैदी वार्ड में जनवरी, 2012 से दिसंबर, 2013 के बीच आदर्श केंद्रीय कारा से आये किसी भी बंदी की मौत कैदी वार्ड में नहीं हुई.
पता करेंगे कि कहां हुई मौत: जेल आइजी
जेल आइजी आनंद किशोर से जब इसके बारे में प्रभात खबर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में हम जेल प्रशासन से दरियाफ्त करेंगे कि मौत कहां हुई.
रजिस्टर मिला कर बतायेंगे : अधीक्षक
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक अमरकांत झा अमर ने इसके बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह रजिस्टर दिखवा कर बतायेंगे कि कैदियों की मौत कहां हुई.