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50 करोड़ के पुराने नोट को नये नोट में बदलने की थी योजना, 30 लाख बरामद

सफलता. आवास कंस्ट्रक्शन के बिल्डर समेत पांच िकये गये गिरफ्तार पटना : 50 करोड़ के पुराने नोट को नये नोट में बदलने के हो रहे खेल का पटना पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड व आवास कंस्ट्रक्शन के बिल्डर विनोद कुमार विश्वास (फारबिसगंज, अररिया), प्रोपर्टी डीलर अशोक कुमार सिंह […]

सफलता. आवास कंस्ट्रक्शन के बिल्डर समेत पांच िकये गये गिरफ्तार
पटना : 50 करोड़ के पुराने नोट को नये नोट में बदलने के हो रहे खेल का पटना पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड व आवास कंस्ट्रक्शन के बिल्डर विनोद कुमार विश्वास (फारबिसगंज, अररिया), प्रोपर्टी डीलर अशोक कुमार सिंह (रामभवन जगदेव पथ, आरा गार्डेन), दलाल शंकर सिंह (अनिसाबाद), सुबोध कुमार (फुलवारीशरीफ) व श्रवण तिवारी (पीसी कॉलोनी, लाल काेठी, कंकड़बाग) को गिरफ्तार किया है.
सभी को विनोद विश्वास के भूतनाथ रोड स्थित गणेश टावर के बी ब्लॉक के 403 नंबर फ्लैट से पकड़ा गया. उनकी योजना को फेल करते हुए पुलिस ने मौके से 1000 व 500 के पुराने 30 लाख के नोट बरामद कर लिये. पुलिस को इनकी योजना की भनक लग गयी थी. एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर अगमकुआं थानाध्यक्ष कामख्या नारायण सिंह की टीम उनके आने से पूर्व ही सादे वेश में अपार्टमेंट के इर्द-गिर्द फैल गयी थी. अशोक कुमार सिंह जैसे ही अपने चार साथियों के साथ विनोद कुमार विश्वास के फ्लैट में प्रवेश किया, वैसे ही फ्लैट में छापेमारी की गयी और 30 लाख के पुराने नोट बरामद कर लिये गये.
मामले में कुछ एनआरआइ के नाम भी आ रहे हैं सामने
पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि ये लोग किस माध्यम से पुराने नोट को नये नोट में बदल रहे थे. इसमें कुछ एनआरआइ के भी नाम सामने आये हैं, जो इनकी मदद कर रहे थे.
पूछताछ में विनोद कुमार विश्वास ने जानकारी दी कि उसके द्वारा बिहार व झारखंड के कई शहरों में अपार्टमेंट बनाये गये हैं. इसमें अगमकुआं में गणेश टावर, जसीडीह में विद्या रेसिडेंसी, ट्रांसपोर्ट नगर पटना में सहदेव रेसिडेंसी, संदलपुर में तुलसी इंकलेव, दुसाधी पकड़ी में सुमित्रा इंकलेव, चित्रगुप्त नगर में बीएस प्लाजा आदि के निर्माण शामिल हैं.
100 रुपये में 40 रुपये देता था बिल्डर एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि बिल्डर 100 रुपये के पुराने नोट के बदले मात्र 40 रुपये ही देता था और खुद 60 रुपये रखता था.
इसके लिए बिल्डर व अशोक कुमार सिंह ने सांठ-गांठ कर रखी थी और दलाल के माध्यम से वैसे लोगों से कांटेक्ट कर रहे थे, जिनके पास पुराने नोट बचे हुए थे. 30 लाख रुपये में बिल्डर इन लोगों को 12 लाख देता और खुद 18 लाख रख लेता था. इस गिरोह द्वारा 50 करोड़ रुपये के पुराने नोट को नया करने की योजना थी. यह एक तरह से यह काला धन है, जो उस समय भुनाया नहीं गया था.
इस ग्रुप का कई अन्य राज्यों से भी है संपर्क
एसएसपी ने बताया कि इन लोगों से पूछताछ की जा रही है. कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, जो पुराने नोट को नये नोट में बदलने का गोरखधंधा कर रहे थे. इस ग्रुप का कांटेक्ट बिहार के साथ ही कई अन्य राज्यों में भी है. उन सभी कांटेक्ट व इस खेल में शामिल लोगों के संबंध में जानकारी लेने के लिए इन लोगों से पूछताछ की जा रही है.
फिलहाल इन सभी को जेल भेजा जायेगा और आवश्यकता पड़ी तो रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. बैंक की संलिप्तता के संबंध में पूछे जाने पर एसएसपी ने बताया कि अभी जांच में यह बात सामने नहीं आयी है और अगर किसी की भी संलिप्तता होगी, तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
बैंक खातों को खंगाल रही पुलिस
पुलिस ने बिल्डर विनोद कुमार विश्वास व अन्य के पास से विभिन्न बैंकों के 13 एटीएम बरामद किये हैं. एटीएम के माध्यम से बैंक खाता की भी जानकारी पुलिस के पास आ गयी है और संबंधित बैंकों से खाते का ब्योरा पटना पुलिस ने मांगा है. पुलिस ने एक साल की डिटेल मांगी है ताकि यह जानकारी मिल सके कि इस दौरान उक्त खातों से कितने पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है.
खास कर पुलिस की जांच का दायरा पिछले नवंबर से है, जब नोटबंदी पूरे देश में लागू हुई थी. खाता को खंगालने के बाद पुलिस के पास और भी कई अहम जानकारियां आ सकती हैं. साथ ही नोटों के सीरियल नंबर के आधार पर भी अनुसंधान में हो रही है. उक्त सीरियल नंबर से भी यह जानकारी हासिल हो सकती है कि अंतिम बार बैंक से उक्त नंबर के नोट किसे मिले थे.

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