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तीन ने की आत्महत्या: पति की मौत के एक माह बाद ही पत्नी ने दे दी जान

पटना: पति की मौत से पूरी तरह टूट चुकी महिला ने एक माह बाद ही खुदकुशी कर जान दे दी. घटना गर्दनीबाग थाने के साधनापुरी रोड नंबर 6/डी स्थित मकान नंबर एस/212 में हुई. बुधवार की रात रश्मि सिन्हा (40 वर्ष) ने साड़ी से फांसी का फंदा बनाया और पंखे से झूल गयी. उनके पति […]

पटना: पति की मौत से पूरी तरह टूट चुकी महिला ने एक माह बाद ही खुदकुशी कर जान दे दी. घटना गर्दनीबाग थाने के साधनापुरी रोड नंबर 6/डी स्थित मकान नंबर एस/212 में हुई. बुधवार की रात रश्मि सिन्हा (40 वर्ष) ने साड़ी से फांसी का फंदा बनाया और पंखे से झूल गयी. उनके पति राजीव रंजन की विगत 11 फरवरी को बीमारी से मौत हो गयी थी. उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा मेघुल (12 वर्ष) संत कैरेंस स्कूल में 10वीं व छोटा बेटा मयंक (10 वर्ष) आठवीं का छात्र है. एक माह के अंदर ही दोनों बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. घटनास्थल से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया है.

एलआइसी एजेंट थे पति
रश्मि के पति राजीव रंजन एलआइसी एजेंट थे और काफी दिनों तक पोस्टल पार्क में किराये के मकान में रहने के बाद हाल में ही साधनापुरी स्थित घर में सपरिवार रहने के लिए आये थे. राजीव रंजन तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. एक भाई चंद्रशेखर उत्तराखंड के रूद्रपुर में काम करते हैं और दूसरा भाई ज्योति शेखर दिल्ली में सिविल इंजीनियर हैं.

बताया जाता है कि रश्मि अपने दो बेटों व अपनी मां के साथ एक ही कमरे में सो रही थीं. उनकी सास अलग कमरे में सो रही थीं. पति की मौत के बाद रश्मि की मां भी एक माह से उसके साथ ही रह रही थीं. बुधवार की देर रात वह अपने बेड से उठीं और कमरे से बाहर निकल गयीं. इसके बाद उन्होंने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया. इसके बाद अपनी सास का भी कमरा बाहर से बंद कर दिया. काफी देर होने के बाद भी रश्मि जब बेड पर नहीं लौटीं, तो उनकी मां ने आवाज दी. कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने दरवाजा खोलने का प्रयास किया. इसके बाद उन्होंने हल्ला मचाया और दरवाजे को बच्चों की मदद से खोला. बाहर निकलीं, तो देखा कि रश्मि के सास के कमरे का दरवाजा भी अंदर से बंद है. उनका भी दरवाजा खोला गया और सभी रश्मि को खोजने लगे. वे लोग जैसे ही तीसरे कमरे में पहुंचे, दंग रह गये. रश्मि पंखे में फांसी के फंदे में झूल रही थीं. आनन-फानन में नीचे उतारा गया और इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी.

नहीं था कोई अंदेशा
रश्मि नौ बजे रात तक ठीक थीं. उनके व्यवहार से ऐसा नहीं लगा था कि वह कुछ घंटों बाद सुसाइड कर लेंगी. रश्मि के ननदोई एमके सिन्हा (जमाल रोड) ने बताया कि वे दोनों बुधवार को बैंक में एटीएम कार्ड लाने गये थे. रात नौ बजे भी फोन कर हालचाल पूछा, लेकिन किसी प्रकार की ऐसी बातें सामने नहीं आयीं, जिससे यह पता चले कि रश्मि को कोई समस्या है और आत्महत्या जैसा कदम भी उठा सकती है.

आपको कभी न भूली हूं और न भूलूंगी
सुसाइड नोट में अपने पति को संबोधित करते हुए रश्मि ने लिखा है, आपको कभी न भूली हूं और न कभी भुलूंगी. आपसे मिलने व बात करने की इच्छा होती है. अब आपके बिना नहीं जी सकती हूं. इसके बाद दोनों बेटों को संबोधित करते हुए लिखा है-बेटे, हमको माफ कर देना. तुम्हारी देखभाल नहीं कर सकती हूं. इसके बाद उसने ननद व ननदोई से आग्रह किया है कि बच्चों की हिफाजत करेंगे और ख्याल रखेंगे.

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