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पहले बेटे ने राजद तोड़ी अब पिता भी साथ हो गये

पटना: राजद के लिए बुधवार झटके का दिन रहा, जबकि जदयू के लिए राजनीतिक रूप से फायदे का. राजद के प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव के बाद सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी, अबू कैसर, अमित राणा, गणोश पासवान और सुरेश मेहता ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया. इन पांचों ने जदयू की सदस्यता ग्रहण […]

पटना: राजद के लिए बुधवार झटके का दिन रहा, जबकि जदयू के लिए राजनीतिक रूप से फायदे का. राजद के प्रधान महासचिव रामकृपाल यादव के बाद सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी, अबू कैसर, अमित राणा, गणोश पासवान और सुरेश मेहता ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया. इन पांचों ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की. इनके अलावा लोजपा के विजेंद्र चौधरी ने भी जदयू का दामन थाम लिया.

इन सभी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणो मार्ग में पार्टी की सदस्यता दिलायी. इसके बाद इन नेताओं का जदयू कार्यालय में स्वागत समारोह हुआ, जहां जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी की टोपी और झंडा देकर इनका स्वागत किया. आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन अनिल शर्मा ने भी बुधवार को जदयू की सदस्यता ग्रहण की. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इन नेताओं के आने से पार्टी और मजबूत होगी. इस मौके पर मंत्री श्याम रजक, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विधान पार्षद संजय सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह, महासचिव रवींद्र सिंह, नवीन आर्या, राज्य नागरिक परिषद के महासचिव छोटू सिंह, अनिल पाठक, मुकेश सिंह समेत अन्य लोग मौजूद थे.

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शकुनी चौधरी के बेटे विधायक सम्राट चौधरी पहले ही राजद से अलग हो चुके हैं. शकुनी चौधरी सात बार विधायक और एक बार सांसद भी रहे. विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. राज्य के पूर्व मंत्री शकुनी ने 14 साल तक (2000-2014) राजद के साथ रहे. राजद ने 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भागलपुर से उम्मीदवार बनाया था. उनके बेटे सम्राट चौधरी हाल के राजद विधायक दल में हुई टूट के आधार थे. शकुनी चौधरी को भागलपुर सीट पर राजद द्वारा बुलो मंडल को टिकट देना रास नहीं आया और उन्होंने राजद छोड़ दिया.

चुनाव के समय लालू का दिमाग उलटा हो जाता है : शकुनी
शकुनी चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद दुनिया में किसी के आदमी नहीं हैं. जिसकी गद्दारी की वजह से मैं लोकसभा चुनाव हार गया था, उसे लालू ने भागलपुर से टिकट दे दिया है. चुनाव के समय लालू प्रसाद का दिमाग उलटा चलने लगता है. वह पार्टी पर ध्यान नहीं देते, देखते हैं कि घर का कौन-कौन आगे बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद रामविलास पासवान पर आरोप लगाते थे कि वह परिवार तक ही सीमित रहते हैं, लेकिन लालू भी तो अपनी पत्नी और बेटी को ही प्रत्याशी बनाया है. लालू अभिमानी हो गये हैं. घमंड में चूर हैं. पहले भी मैंने उनका घमंड चूर किया है और आगे भी करूंगा.

सिद्दीकी को बताया मीर जाफर
शकुनी चौधरी ने अब्दुल बारी सिद्दीकी पर भी जम कर निशाना साधा. कहा, जिस व्यक्ति ने 13 विधायकों के हस्ताक्षर कराये और विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे थे, उन्हें भी राजद ने टिकट दे दिया है. सिद्दीकी मीर जाफर से कम नहीं हैं, लेकिन समय किसी को माफ नहीं करता है. सिद्दीकी ने लोकसभा की टिकट के लिए अपने आप को बेच दिया.

भ्रष्टाचारियों का हुआ गंठबंधन
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच लोकसभा चुनाव में गंठबंधन हुआ है. दोनों भ्रष्टाचारी हैं. एक बड़ा भ्रष्टाचारी है, जो देश का है, वहीं दूसरा भ्रष्टाचारी (राजद) जेल भी जा चुका है. अगर जनता इनमें से किसी को वोट दे, तो वह भी इन भ्रष्टाचारियों की मदद करेगी.

राजद से भाजपा का गंठबंधन : अबू कैसर
राजद से जदयू में शामिल हुए अबू कैसर ने कहा कि राजद और भाजपा के बीच लोकसभा चुनाव में गंठबंधन हुआ है. दोनों के बीच अंडर टेबुल सेटलमेंट हो चुका है. लालू प्रसाद ने मेरे फोन से कई बार नरेंद्र मोदी से बात की है. राजद की ओर से कमजोर उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया है, ताकि भाजपा उम्मीदवार जीत जाएं. जैसे लगता है कि नरेंद्र मोदी ने ही राजद के प्रत्याशी तय किये हैं. अबू कैसर ने कहा कि मुझसे कहा कि मैं भागलपुर के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने नहीं जाऊंगा, वह जीतें या न जीतें. ऐसा कर लालू प्रसाद सिर्फ मुसलमानों को बेवकूफ बना रहे हैं और वोट बांटना चाह रहे हैं.

गणोश पासवान सुलतानगंज के विधायक रह चुके हैं. शुरू में वह समता पार्टी के टिकट पर जीते थे. बाद में वह राजद में चले गये थे. सुरेश मेहता राजद के वरिष्ठ नेता थे. वह भी विधायक रह चुके हैं. पूर्व विधायक अमित राणा चारा घोटाले में सजायफ्ता डॉ आरके राणा के बेटे हैं. विजेंद्र चौधरी लोजपा के नेता थे. वह मुजफ्फरपुर से चार बार विधायक भी रह चुके हैं.

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