पटना : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना कि 2010 में वह पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार थे, सरासर झूठ है. सुशील ने आज कहा कि हकीकत तो यह है कि 2008 में कोसी त्रसदी के पीड़ितों के लिए गुजरात से भेजी गयी पांच करोड़ की सहायता राशि दो साल बाद वापस करने और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के मौके पर दिए गए भोज को रद्द करने की मुख्यमंत्री की कार्रवाई पर भाजपा ने गठबंधन तोड़ने का मन बनाया था.
ऐसे में नीतीश कुमार भाजपा के राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं के मान-मनौव्वल में जुट गए. भाजपा नेताओं से संपर्क करने लगे और उन्हें मनाने की कोशिश शुरु कर दी ताकि गठबंधन कायम रह सके.
उन्होंने यह भी दावा किया कि वर्ष 2010 में हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 102 सीटें देने के लिए नीतीश कुमार को बाध्य होना पड़ा जबकि उसके पहले जदयू की कोशिश भाजपा को कम सीटें देने की थी.
सुशील ने कहा कि उस समय मुख्यमंत्री ने यात्रा भी शुरु की थी, और जब भाजपा नेताओं ने उनकी यात्राा और उस मौके पर होने वाली सभाओं में जाने से इनकार किया तो टेलीफोन पर आग्रह और उनका मान-मनौव्वल किया गया.
उन्होंने कहा कि पांच साल बाद अब गठबंधन टूटने के बाद इस्तीफे की झूठी कहानी गढ़ कर मुख्यमंत्री शेखी बघार रहे हैं. भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पिछले 10 मार्च को पूर्णिया में आयोजित हुंकार रैली के दौरान लगाए गए आरोपों पर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उनपर किए गए पलटवार की ओर इशारा करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री एक बार फिर पूछे गए सवालों का जवाब न देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए कि भाजपा की सरकार अपने वायदे के अनुसार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज और अन्य सुविधाएं देगी तो उन्हें स्वीकार होगा या नहीं. सुशील ने कहा कि भाजपा की केंद्र में सरकार बनने पर बिहार की जनता को विशेष दर्जा और पैकेज हासिल करने के लिए किसी लड़ाई की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने तो स्पष्ट रुप से सार्वजनिक मंच से इसकी घोषणा की है कि न केवल विशेष राज्य का दर्जा बल्कि विशेष पैकेज और विशेष तव्वजोह भी बिहार को दिया जाएगा. सुशील ने नीतीश पर नरेन्द्र मोदी का भाषण नहीं सुनने और किसी अन्य की कही-सुनी बातों के आधार पर दलील देने का आरोप लगाते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी ने क्या स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार की साढे दस करोड़ बिहारियों की मांग है केवल नीतीश कुमार का यह मुददा नहीं है. भाजपा ने पूरी स्पष्टता और जिम्मेदारी से इस मांग को पूरा करने का भरोसा बिहार की जनता को दिया है. राजनीतिक अभिप्रायों से नीतीश कुमार जनता को भ्रमित कर रहे हैं.