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बिहार परचा लीक आयोग : अनिल, आनंद की दिल्ली में तलाश

दिल्ली व हरियाणा के कुछ ठिकानों पर छापे आइएएस सीके अनिल की भी ली जा रही है टोह हो सकती है पूछताछ पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में बड़ी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिये गये हैं. एसआइटी प्रभारी मनु महाराज खुद दिल्ली गये हुए हैं. दिल्ली और हरियाणा के कुछ खास ठिकानों […]

दिल्ली व हरियाणा के कुछ ठिकानों पर छापे
आइएएस सीके अनिल की भी ली जा रही है टोह हो सकती है पूछताछ
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में बड़ी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिये गये हैं. एसआइटी प्रभारी मनु महाराज खुद दिल्ली गये हुए हैं. दिल्ली और हरियाणा के कुछ खास ठिकानों पर पुलिस की नजर है, मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया है. छापेमारी जारी है.
एसआइटी की टारगेट पर इवैल्यूएटर आनंद बरार है, उसकी गिरफ्तारी जल्द होने की संभावना है. आनंद की गिरफ्तारी से कई जानकारियों के सामने आने के आसार हैं, ऐसी जानकारियों जाे सुधीर कुमार और परमेश्वर राम के खिलाफ सबूत के तौर पर काम आयेंगी. एसआइटी 25 मार्च से पहले आनंद की गिरफ्तारी करने के प्रयास में है. वहीं, एसआइटी आइएएस सीके अनिल की भी टोह ले रही है. सूत्रों कि मानें, तो अगर सीके अनिल हत्थे चढ़े तो उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ हो सकती है. गौरतलब हो कि एसएसपी शनिवार को ही दिल्ली रवाना हो गये हैं. उनका मोबाइल फोन बंद है. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में जमे हुए हैं और बीएसएससी से जुड़े गिरफ्तारी के खास मुहिम में लगे हैं. लेकिन अधिकारिक तौर पर यह कहा जा रहा है कि एसएसपी छापेमारी के लिए नहीं बल्कि सुप्रीट कोर्ट में किसी केस के सिलसिले में उपस्थित होने गये हैं. फिलहाल सूत्रों के माध्यम से जो सुगबुगाहट मिल रही है उससे एसएसपी के दिल्ली जाने के पीछे बीएसएससी मामले में छापेमारी की बात कही जा रही है.
आनंद के खिलाफ कुर्की-जब्ती का आवेदन कोर्ट में दिया गया : इधर गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी आनंद बरार के गिरफ्तारी या सरेंडर नहीं होने पर अब उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. एसआइटी ने कोर्ट में आवेदन दे दिया है. साेमवार को कोर्ट द्वारा कुर्की के लिए आदेश दिया जा सकता है. इसके अलावा जमानत और अग्रिम जमानत के लिए जो आवेदन कोर्ट में दिये गये हैं, उन सभी की सुनवाई 25 मार्च को होगी.
एफएसएल रिपोर्ट तय करेगी अनुसंधान की दिशा : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एफएसएल को भेजे गये कुछ सैंपल रिपोर्ट आने के बाद बड़ा हथियार सबित हो सकते हैं. पैरवी करने वाले कुछ कद्दावरों के नाम सामने आ सकते हैं. इसके अलावा सुधीर कुमार के हस्ताक्षर को सैंपल भी भेजा गया है, उसका भी रिपोर्ट आनेवाला है. इन सभी रिपोर्ट के आने के बाद एसआइटी के पास वैज्ञानिक अनुसंधान से सामने आनेवाले साक्ष्य हो जायेंगे.
पैरवी करानेवाली 115 छात्राएं शक के घेरे में
पटना. एएनएम की परीक्षा में पैरवी से इंटरव्यू पास करनेवाली महिला परीक्षार्थियों का भी वही हश्र होगा जैसा बिहार इंटर के फर्जी टॉपर छात्रा का हुआ था. पैरवी करानेवाली छात्राएं एसआइटी के टारगेट पर हैं. उनकी जांच होगी. एसआइटी की रिपोर्ट पर विभाग संज्ञान लेगा, तो विशेष तौर पर अलग से इंटरव्यू हो सकता है. फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, तो ऐसी 115 महिला एएनएम परीक्षार्थियों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. गौरतलब है कि एसआइटी के पास ऐसे परीक्षार्थियों के नाम, रोल नंबर और पैरवीकारों की सूची मौजूद है. ये लोग एसएमएस के जरिये सांसद, विधायक, मंत्री और अधिकारियों से पैरवी करवाते थे.
अभी और खुलेंगी भरती घोटाले की परतें : आयोग की तरफ से लिये गये प्रतियोगी परीक्षा में घोटाले की और भी परतें खुल सकती हैं. आनंद बरार की गिरफ्तारी के बाद परमेश्वर राम के कुछ अन्य दलाल भी सामने आ सकते हैं, क्योंकि एसआइटी की जांच में यह सामने आया है कि परमेश्वर राम ने बाकायदा अपनी टीम बना रखी थी. उनके टीम के दलाल छात्रों से सेटिंग करके वहां तक पहुंचाते थे, पैसा वसूलते थे. इसके बाद काम होने पर पैसों का बंटवारा करते थे. जिनके पास पैसा नहीं होता था उनकी जमीन के कागजात बंधक के तौर पर रखे जाते थे. इसके संकेत तब मिले, जब एसआइटी ने छापेमारी के दौरान परमेश्वर राम के घर से कई दस्तावेज बरामद किये. जब जांच हुई तो सभी जमीन के कागजात निकले जो दूसरे के नाम पर थे. अब इन कागजातों की जांच आर्थिक अपराध शाखा से करायी जा रही है.
अविनाश ने माना, पहले से जान-पहचान थी रामेश्वर से : एसआइटी के सामने आयोग के डाटा इंट्री आॅपरेटर व परमेश्वर राम के करीबी अविनाश ने माना है कि उसकी जान-पहचान पहले से रामेश्वर कुमार उर्फ रमेश प्रभाकर से थी. उससे मिल कर वह परीक्षा में सेटिंग का काम कराता था. उसने पैसा वसूली की भी बात कबूल की है.
जेल में आमद से गंगा वार्ड भेजे गये निखिल
पटना. निखिल अब कुख्यात अपराधियों के साथ रहेगा. रविवार की रात उसकी उन अपराधियों के साथ ही गुजरी. सुबह में ही उसका स्थानांतरण आमद वार्ड से गंगा वार्ड में कर दिया गया. जहां पूर्व से ही कई अपराधी बंद है. इसके साथ ही उसके पिता व रिटायर्ड आइएएस कृष्ण बिहारी सिन्हा को निगरानी वार्ड में भेज दिया गया है. इस वार्ड में आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों को रखा जाता है.
टॉपर घोटाले के आरोपित लालकेश्वर, बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम आदि भी इसी वार्ड में बंद है. दूसरी ओर कृष्ण बिहारी सिन्हा का दुर्घटना के कारण सिर व पैर में चोट लग गयी थी. जिसके कारण उनका इलाज बेऊर जेल प्रशासन द्वारा कराया गया. उनका सिटी स्कैन भी कराने की आवश्यकता पड़ सकती है. जेल प्रशासन चिकित्सकों के निर्णय के अनुसार आगे की कार्रवाई करेगी. विदित हो कि शनिवार तक निखिल प्रियदर्शी व उसके पिता कृष्ण बिहारी सिन्हा को आमद वार्ड में रखा गया था. इस वार्ड में जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को पहले रखा जाता है और फिर दूसरे वार्ड में ट्रांसफर कर दिया जाता है.

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