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खराब था कैश वैन, बोलेरो में लेकर चले थे 1.10 करोड़ नकद बैंक प्रबंधन ने पुलिस को नहीं दी थी रकम की जानकारी
कैशवैन लूट और हत्या मामला. पूरा टाल इलाका संवेदनशील, फिर भी सुरक्षा के नहीं किये गये थे पुख्ता इंतजाम पटना/बाढ़ : बेलछी के बाघ टिल्ला कोरारी गांव स्थित पीएनबी की जिस शाखा के िलए ले जा रहे कैशवैन (बोलेरो) में लूट और तीन लोगों की हत्या हुई, वह इलाका बिल्कुल टाल क्षेत्र में आता है. […]
कैशवैन लूट और हत्या मामला. पूरा टाल इलाका संवेदनशील, फिर भी सुरक्षा के नहीं किये गये थे पुख्ता इंतजाम
पटना/बाढ़ : बेलछी के बाघ टिल्ला कोरारी गांव स्थित पीएनबी की जिस शाखा के िलए ले जा रहे कैशवैन (बोलेरो) में लूट और तीन लोगों की हत्या हुई, वह इलाका बिल्कुल टाल क्षेत्र में आता है. बाढ़ पीएनबी शाखा से घटना स्थल शाखा की दूरी करीब 17 किमी है, जो एनएच 30 ए पर है. टाल क्षेत्र का यह इलाका पूरी तरह सुनसान एवं असुरक्षित है. इसके बावजूद बैंक प्रबंधन ने इतने बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं दी थी.
बेलछी थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें बैंक द्वारा कैश वैन ले जाने की सूचना नहीं दी गयी थी, जिससे पुलिस को कैश ले जाने का पता नहीं चल सका. इसके पूर्व भी बैंक प्रबंधन ने कभी पुलिस को जानकारी नहीं दी. वहीं, बैंक प्रबंधन के अनुसार रुपये का ट्रांसफर जरूरत के हिसाब से किया जाता है. हरेक 15-20 दिन पर राशि ट्रांसफर की जाती है. शनिवार को भी डिमांड के अनुसार 60 लाख रुपये कैश बॉक्स में रख कर भेजा गया. खास बात यह है कि पीएनबी का करेंसी चेस्ट में उपयोग किया जाने बाला वैन खराब था, इसलिए बोलेरो से ही 1.10 करोड़ रुपये ले जाये जा रहे थे.
इसमें 50 लाख की रकम सकसोहरा ब्रांच में जमा कराया गया था. इस काम के लिए बैंक ने कंकड़बाग चित्रगुप्त नगर के बिहार रिस्क मैनेजमेंट कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बाढ़ पीएनबी सर्किल के लिए अनुबंधित किया गया था.
सुनियोजित साजिश की आशंका
ठीक बैंक शाखा गेट पर हुई इस घटना के पीछे सुनियोजित साजिश की आशंका जतायी जा रही है. पुलिस के अनुसार अपराधी पूरी तरह बैंक रूट से वाकिफ थे. हालांकि गिरोह स्थानीय होने का अनुमान लगाया जा रहा है. क्योंकि बाढ़ से रेकी की जाती, तो बैंक से पहले ही एनएच 30 ए पर कई असुरक्षित जगह है, जहां पर घटना को अंजाम दिया जा सकता था.
पुलिस के पहुंचने तक हो चुकी थी दो की मौत
बाढ़. घटना की सूचना मिलने पर बाढ़, बेलछी की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. लेकिन तब तक दो लोगों की मौत हो गयी थी. बताया जाता है कि पुलिस ने जांच करने के लिए शव को घटनास्थल पर ही छोड़ दिया. इसके बाद डॉग स्कवॉयड व एफएसएल की टीम को बुलाया गया. घटनास्थल की पूरी तरह जांच करने के बाद शव को बाढ़ अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान करीब पांच घंटे तक शव घटनास्थल पर ही पड़ा रहा. इधर, शव पहुंचने के बाद लोगों ने हंगामा किया और सड़क जाम कर दिया.
तीनों शवों को लाया गया अनुमंडल अस्पताल
बाढ़. कैश लूट में अपराधियों की ओर से मारे गये एजेंसी के तीनों कर्मियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लाया गया. इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. एक घंटे तक पोस्टमार्टम नहीं होने बाद परिजनों ने अस्पताल चौक के पास एनएच-31 को जाम करते हुए वाहनों की आवाजाही ठप कर दी. वहीं, मृतक के परिजन जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे थे. मृतक गार्ड सुरेश सिंह के पुत्र शैलेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि बैंक प्रबंधक की ओर से उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी गयी. जिसके कारण वह चार बजे तक भटकते रहे. कई परिजनों को फोन से घटना की जानकारी मिली.
अजीत का शव पहुंचते ही मचा कोहराम
मोकामा. पीएनबी बैंक लूट मामले में मारे गए बोलेरो चालक अजीत यादव का शव घोसवरी के मालपुर पहुंचते ही कोहराम मच गया.जिस वैन से कैश को ले जाया गया था उसमे अजीत गाड़ी को चला रहा था और अजीत ही पैसे ले जा रहा था. अजीत घोसवरी के मालपुर निवासी सिंटू यादव का भाई है. अजीत कुमार रुपये लेकर बैंक में प्रवेश करने के दौरान अपराधियों की गोली से गंभीर रूप से जख्मी हो गया था पटना ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी थी. देर शाम को जब अजीत का शव उसके गांव पहुंचा, तो परिजनों में कोहराम मच गया.
हर 15-20 दिन पर होता था बड़ा ट्रांजेक्शन, किसी जानकार द्वारा ही रेकी कर घटना को अंजाम दिये जाने का आशंका
अपराधियों ने गोलीबारी में नाइन एमएम पिस्टल का किया उपयोग, छह खोखा बरामद
बेलछी थाने से तीन किमी की दूरी पर स्थित है यह बैंक शाखा, बाढ़ से बेलछी का रास्ता भी पूरी तरह सुनसान व असुरक्षित
लूटपाट में स्थानीय गिरोह के शामिल होने का पुलिस
को शक
युगेश्वर, सुरेश और अजीत में खूब बनती थी
युगेश्वर, सुरेश और अजीत के बीच गहरी दोस्ती थी. चार दिन पूर्व ही करेंसी चेस्ट काम में लगे तीनों एक साथ ठहरे थे और काम को लेकर एक दूसरे की मदद भी करते थे. तीनों भले ही अलग-अलग गांव के निवासी थे, लेकिन भावानात्मक रूप से काफी जुड़े हुए थे और एक दूसरे की मदद करते थे. अजीत ने बुजुर्ग सुरेश सिंह को कहा था कि मैं आपको पूरी उम्र तक मदद करुंगा. आपका साथ निभायेंगे.
नौ हजार रुपये के लिए की गार्ड की नौकरी
चार वर्षों से कैश ट्रांसफर के काम में भदौर थाने के खजुरार गांव निवासी सुरेश कुमार सिंह 60 से ज्यादा उम्र होने के बाद भी लगे हुए थे. उनके दो पुत्र हैं. बड़ा पुत्र रंजीत कुमार प्राइवेट कंपनी में बाहर काम करता है. वहीं, छोटा पुत्र शैलेंद्र कुमार सिकंदरा मध्य विद्यालय में शिक्षक है. शैलेंद्र ने बताया कि वह अपने ज्यादा उम्र के बाबजूद काफी सक्रिय होकर काम कर रहे थे. काम करने के बाद देर होने पर वह बाढ़ में ही अन्य कर्मियों के घर पर ठहर जाते थे.
पांच वर्षों से अजीत कर रहा था चालक का काम
चालक अजीत 35 वर्ष घोसवरी थाने के मालपुर गांव का रहनेवाला था. उसके पिता महेंद्र यादव किसान है और बाढ़ में ही घर बना कर अपने चार पुत्रों को छोटे-छोटे कारोबार से जोड़ रखे थे. अजीत मंझला पुत्र था. वह अपने बड़े भाई चिंटू यादव के नाम से ली गयी बोलेरो को एजेंसी में भाड़े पर लगाया था और चालक के रूप में वह काम कर रहा था. अजीत को एक दस साल का बेटा है.
देर रात अपने घर बहरावां लौट जाते थे युगेश्वर
बाढ़ थाने के बहरावां गांव के रहनेवाले सेना से रिटायर्ड युगेश्वर दास उर्फ छोटेलाल पासवान तीन माह पहले ही करेंसी डील करनेवाली एजेंसी में गार्ड की नौकरी में आये थे. युगेश्वर को सिर्फ एक पुत्री सपना है, जिसकी शादी हो गयी है. वे बैंक मेें रुपये देने का काम करते थे और देर रात अपने घर बहरावां लौट जाते थे.
पटना : बाढ़ के बेलछी के बागा टिल्हा पीएनबी बैंक के सामने गार्ड की हत्या कर 60 लाख र.पये लूटे जाने की घटना मामले में जांच के क्रम में यह जानकारी मिली है कि रविवार को बैंक का सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया गया था. जबकि रविवार को बैंक बंद रहता है, तो फिर कैमरे को किसने बंद किया? जांच के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं और पुलिस इस सवाल की जांच में जुट गयी है. शनिवार को सीसीटीवी कैमरा ऑन था. जब शनिवार को ऑन था, तो बंदी के दिन किसने ऑफ कर दिया, इस बिंदु पर पुलिस का अनुसंधान जारी है.
इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है. पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आ गयी है कि यह पूर्व नियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. खास बात यह है कि अगले दिन सोमवार को जब दस बजे बैंक खुला तो फिर भी सीसीटीवी कैमरा को ऑन नहीं किया गया. इसके बाद 11 बज कर 30 मिनट पर यह घटना घटित हो गयी. सीसीटीवी कैमरा बंद होने के कारण घटना की तसवीर नहीं बन पायी. लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी ने फिर घटना के बाद सीसीटीवी कैमरे को ऑन कर दिया. उसके बाद की तसवीर सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज में कैद है. सूत्रों के अनुसार बैंक में काम करने वाला एक स्वीपर रविवार को वहां गया था और करीब डेढ़ घंटे तक रहा था. इसके बाद वह अपने बिहारशरीफ स्थित ससुराल चला गया. सुबह में वह ड्यूटी पर अाया था और जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने केवल इतनी जानकारी दी कि वह कल दस मिनट के लिए आया था. लेकिन रविवार को सीसीटीवी कैमरा के वीडियो फुटेज में उसके वहां डेढ़ घंटे तक रहने की तस्वीर है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सीसीटीवी कैमरा रविवार को बंद किया गया. जबकि उस दिन बैंक बंद रहता है. घटना की तस्वीर सीसीटीवी कैमरा में नहीं है. इन सभी बिंदुओं पर अनुसंधान किया जा रहा है.
सुरक्षा व्यवस्था लचर
बैंक प्रबंधन के असहयोगात्मक रवैये के कारण कैश लेन-देन का हमेशा खतरा बना रहता है. मिली जानकारी के अनुसार एक दर्जन बैंक है. जबकि दो गश्ती दल है. संसाधनों और पुलिसकर्मियों की कमी के कारण बैंक की सुरक्षा में कमी रहती है. बाढ़, बेलछी तथा सकसोहरा में कैश डिलेवरी को लेकर बैंक प्रबंधन की ओर से पुलिस को सूचना नहीं दी जाती है. इनके थानाध्यक्षों ने बताया कि करेंसी चेस्ट से निकाली गयी बड़ी रकम ले जाने और ले आने को लेकर कई बार सूचना देने का निर्देश बैंकों को दिया गया था, लेकिन बैंक प्रबंधन की सुस्ती के कारण बड़ा हादसा हो गया.
जायजा लेने पहुंचे प्रमुख
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई लूट की घटना की सूचना मिलते ही बैंक के वरीय अधिकारी बाढ़ के लिए पहुंच गये. उन्होंने पहुंच कर घटना के संबंध में जानकारी ली. बैंक के मंडल प्रमुख टीआर साहू, सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार रे तथा सुरक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार सिन्हा मौके पर पहुंच गये हैं. बैंक मंडल प्रमुख टी आर साहू ने कहा कि अभी बैंक अधिकारी व प्रशासन जांच में जुटी है, इसलिए घटना के संबंध में अभी कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा.
बाहर से जुड़े हो सकते हैँ गिरोह के तार
बैंक गेट के सामने स्थित घटना स्थल के पास पुलिस ने छह खोखे बरामद किये हैं. पुलिस के अनुसार इस वारदात में नाइन एमएम पिस्टल का उपयोग किया गया है. इससे गिरोह के तार दूसरे जगहों से जुड़े होने की संभावना है. बाइक पर आये तीन अपराधियों के चेहरे की पहचान को लेकर पुलिस कई ग्रामीणों से भी पूछताछ की है. प्रत्यक्षदर्शी की तलाश भी की जा रही है. इस फायरिंग पीएनबी बैंक मैनेजर राजेश प्रसाद की जान संयोगवश बच गयी, क्योंकि हमले के दौरान वह बैंक के भीतर घुसने के लिए गेट का ताला खोल रहे थे. ताकि कैश बाॅक्स को अासानी से भीतर लाया जा सके.
कैश वैन व बैंक अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट
पटना : सूबे में कैश वैन हमेशा ही अपराधियों के निशाने पर रहा है. कई जिलों में कैश वैन लूटने की घटनाएं सामने आ चुकी है. और, लूट का विरोध करने पर गार्ड व अन्य कर्मियों की गोली मार कर हत्या की घटना को अंजाम दिया जा चुका है. पटना में भी वर्ष 2014 मई माह में फतुहा में कैश वैन लूट की घटना काफी चर्चा में आयी थी. इस मामले में भी लुटेरों ने कैश वैन से एक करोड़ रुपये लूट लिया था, जिसके खाली बक्से को पटना पुलिस ने फतुहा से गौरीचक जाने वाले मार्ग में बरामद किया था. इस मामले में अभी तक 11 अपराधियों को पटना पुलिस पकड़ कर जेल भेज चुकी है और करीब 35 लाख रुपये भी बरामद कर लिये गये है. बाकी पैसा इन अपराधियों ने खर्च कर दिया था या फिर अन्य जगहों पर इंवेस्ट कर दिया था.
कुछ मामले
28 फरवरी 2017 को नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र के एनएच 31 पर चौक नंबर 17 के पास केनरा बैंक के गार्ड बृजनंदन सिंह और कैशियर रंजीत वर्मा की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. अपराधियों ने इनके पास से 40 लाख रुपये लूट लिया था.
मई 2016 को मुजफ्फरपुर के अखाड़ा घाट रोड में नाॅर्थ बिहार देना बैंक के निकट कैश वैन की लूट की गयी थी. इसमें 20 लाख रुपये की लूट हुई थी.
वर्ष 2013 में मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र में पूर्वा रेलवे पुल के पास कैश वैन की लूट की गयी थी. इसमें 31 लाख की लूट की गयी थी. इसमें वैशाली जिले के अपराधियों का नाम आया था.
– 2014 में फतुहा में कैश वैन से एक करोड़ की लूट की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया था.
वर्ष 2015 में बैंक लूट
गंगा ब्रिज केनरा बैंक की शाखा से 16 लाख रुपये की लूट.
केनरा बैंक शाखा से 43 लाख रुपये की लूट.
सीवान में ग्रामीण बैंक की शाखा से चार लाख की लूट.
मोतिहारी व वैशाली की ग्रामीण बैंक की शाखा से 8 लाख रुपये की लूट
आठ दिनों में हत्या कर कैश वैन लूट की दूसरी घटना
बिहारशरीफ (नालंदा) : पड़ोस के नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के सोहसराय थाने क्षेत्र में 27 फरवरी को बाइक सवार अपराधियों ने फ्लिपकार्ट के दफ्तर के पास कैश वैन से 40 लाख रुपये लूट लिये थे. इस दौरान लुटेरों ने वैन में सवार गार्ड बृजनंदन प्रसाद सिंह व कैशियर रंजीत कुमार वर्मा की गोली मार हत्या कर दी थी.
घटना के 72 घंटे बाद ही नालंदा पुलिस ने लूट के 40 लाख रुपये बरामद करते हुए वैन के चालक योगेंद्र प्रसाद व एटीएमओ चंदन कुमार पांडेय को गिरफ्तार कर लिया. नालंदा के एसपी कुमार आशीष ने बताया था कि इसमें वैन का चालक व एटीएमओ की ही अहम भूमिका थी. दोनों ने ही अपराधियों ने संपर्क साध घटना को अंजाम दिलाया था. हालांकि, इसमें शामिल किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
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