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BSSC पेपर लीक मामले में दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरु में छापेमारी

पटना. बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसअाइटी की कार्रवाई और तेज हो गयी है. एसआइटी की तीन टीमें बिहार से बाहर भेजी गयी हैं. दिल्ली में सुधीर कुमार के भाई की पत्नी मंजू के बहन के बेटे रंजन कुमार और आनंद बरार की तलाश की जा रही है. वहीं, अतुल और पवन गैंग के गोरेलाल, […]

पटना. बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसअाइटी की कार्रवाई और तेज हो गयी है. एसआइटी की तीन टीमें बिहार से बाहर भेजी गयी हैं. दिल्ली में सुधीर कुमार के भाई की पत्नी मंजू के बहन के बेटे रंजन कुमार और आनंद बरार की तलाश की जा रही है. वहीं, अतुल और पवन गैंग के गोरेलाल, भोला की गिरफ्तारी के लिए बेंगलुरु और कोलकाता में छापेमारी हो रही है.

सुधीर के पितासे भी पूछताछ की तैयारी

बीएसएससी पेपर लीक कांड में आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमारी की गिरफ्तारी के बाद एसअाइटी की कार्रवाई और तेज हो गयी है. एसआइटी सुधीर कुमार के पिता से भी पूछताछ की तैयारी में है. एसआइटी की तीन टीमें बिहार से बाहर भेजी गयी हैं. टीम लगातार छापेमारी कर रही है. अब तक कई ठिकानों पर छापेमारी हुई. फरार चल रहे आरोपितों के परिजनों और रिश्तेदारों से पूछताछ हो चुकी है, लेकिन एसआइटी के हाथ कोई नया चेहरा नहीं आया है.

दिल्ली में सुधीर कुमार के भाई की पत्नी मंजू के बहन के बेटे रंजन कुमार और आनंद बरार की तलाश की जा रही है. वहीं, अतुल और पवन गैंग के गोरेलाल, भोला की गिरफ्तारी के लिए बेंगलुरु और कोलकाता में छापेमारी हो रही है.

बाहर के होटलों में पहुंची एसआइटी
एसआइटी की टीमें तीन तरीके से छानबीन व आरोपितों को तलाश रही है. पहला मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर. इसमें सर्विलांस की मदद से आरोपितों के लोकेशन की जानकारी लेकर छापेमारी की जा रही है. छापेमारी टीम के साथ तकनीकी अनुसंधान के एक्सपर्ट भी लगे हुए हैं. ये लोग छापेमारी टीम की मदद कर रहे हैं. आरोपितों के नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर भी एसआइटी पहुंच रही है. एसआइटी के पास फरार चल रहे लोगाें की फोटो मौजूद है.

वहीं, दिल्ली, कोलकाता व बेंगलुरु के मशहूर होटलों में भी पूछताछ की गयी है. बुकिंग रजिस्टर को खंगाला गया है. हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. यहां बता दे कि एसआइटी जिस रंजन को तलाश रही है, वह सुधीर कुमार के बहन का बेटा है. वहीं, गोरेलाल और भोला अतुल व पवन गैंग के सदस्य हैं.

नाना ने पेपर मुहैया कराया था : आशीष
एसआइटी आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद से पूछताछ की तैयारी में है. एसआइटी ने अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा किया है कि सुधीर के भांजे आशीष ने अपने बयान में कहा था कि उसके नाना ने पेपर मुहैया कराया था. इस आरोप के संदर्भ में राधा प्रसाद से पूछताछ होनी है. इसके अलावे यह भी बात सामने आयी थी कि भांजे अशीष और रिश्तेदार रंजन, हरिआेम और अरुण ने मिल कर बीएसएससी के पेपर का सौदा किया था. इन लोगों ने सेटर सज्जाद ओर रेंडम क्लाॅसेज के संचालक रामेश्वर को पेपर लीक किया था. इसके लिए 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय की गयी थी.
प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनित व मैनेजर ने खोले सेटिंग के राज
पटना. गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किये गये कौनफिसेक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत अग्रवाल और मैनेजर अमित कुमार ने एसआइटी के सामने कुछ राज उगले हैं. बीएसएससी पेपर लीक कांड सेजुड़ी विशेष जानकारी हाथ लगने के बाद एसआइटी की एक टीम अहमदाबाद के लिए रवाना हुई. शनिवार की देर रात एसआइटी की टीम पटना से निकली है. सूत्रों कि मानें, तो एसआइटी के टारगेट पर प्रिंटिंग प्रेस के ही कुछ और लोग हैं, जिनकी अगले चौबीस घंटे में गिरफ्तारी हो सकती है.
ट्रांजिट रिमांड पर लिये गये विनीत से अब भी पूछताछ जारी
अहमदाबाद से गिरफ्तार किये गये विनीत अग्रवाल को ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाने के बाद अब तक उससे पूछताछ चल रही है. एसआइटी ने उसे जेल नहीं भेजा है. एसआइटी ने पूरी सेटिंग की जानकारी उससे ली है. अमित से भी पूछताछ हो रही है. दोनों की निशानदेही पर ही दोबारा एसआइटी की टीम गुजरात गयी है. वहां पर करीब आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है.
नालंदा समेत तीन जिलों में चल रही है छापेमारी, तीन हिरासत में
बीएसएससी पेपर लीक कांड में कोचिंग संचालक व अन्य सेटरों की तलाश जारी है. एसआइटी प्रमुख रूप से संजीव और अतुल कोतलाश रही है. इसके कुछ अन्यलोग भी हैं जो दूसरे जिलों में सेटिंग करते थे. कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग करा चुके हैं. एसआइटी इन्हें दबोचने के लिए बिहार के नालंदा, औरंगाबाद और नवादा में छापेमारी कर रही है. अब तक आरोपितों के करीबीयों के घर कई बार एसआइटी धमक चुकी है. एसआइटी सूत्रों के मुताबिक टीम ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इनसे पूछताछ जारी है.
बीएसएससी अध्यक्ष और सचिव ने मिल कर दो साल में की गड़बड़ी
पटना. बिहार कर्मचारी चयन आयोग के कोषागार में पैसे रहते हुए भी आकस्मिक निधि से राशि निकाली गयी. आयोग के अध्यक्ष और सचिव ने मिल कर दो वित्तीय वर्ष में आकस्मिक निधि से 13 लाख 74 हजार 55 रुपये निकाले. इसको लेकर जब महालेखाकर कार्यालय के लेखा परीक्षा से जवाब मांगे, तो अध्यक्ष और सचिव ने भूलवश कार्यालय द्वारा भुगतान करने की बात स्वीकार कर मामले को रफा-दफा कर दिया. आकस्मिक निधि से निकाली गयी इस राशि का क्या हुआ, कहां पर खर्च की गयी, इसकी कोई जानकारी आयोग के पास नहीं है.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार आकस्मिक निधि से 2014-15 में कार्यालय मद से Rs 7,71,955 एवं 2015-16 में Rs 6,02,100 की निकासी की गयी. जबकि दोनों ही वित्तीय वर्ष में कोषागार में पर्याप्त राशि उपलब्ध थी. महालेखाकार के लेखा परीक्षा की जांच में पाया गया कि 2014-15 में ‍Rs 14,24,45,530 और 2015-16 में Rs 29,66,39,963 राशि व्यावसायिक एवं विशेष सेवा मद में रखी हुई थी. इसके बावजूद आकस्मिक निधि से अध्यक्ष और सचिव ने पैसे निकाल लिये थे.

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