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गिरफ्तार करने गयी पुलिस बैरंग लौटी

पटना : सेना के दोनों हवलदार देवले और शेखर की गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद बुधवार को पुलिस की एक टीम गिरफ्तार करने दानापुर छावनी पहुंची. हालांकि, सूत्रों के अनुसार सैन्य प्रशासन ने उन दोनों को गिरफ्तार करने से फिलहाल रोक दिया और पुलिस टीम को जानकारी दी कि वे इस मामले में उन दोनों […]

पटना : सेना के दोनों हवलदार देवले और शेखर की गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद बुधवार को पुलिस की एक टीम गिरफ्तार करने दानापुर छावनी पहुंची. हालांकि, सूत्रों के अनुसार सैन्य प्रशासन ने उन दोनों को गिरफ्तार करने से फिलहाल रोक दिया और पुलिस टीम को जानकारी दी कि वे इस मामले में उन दोनों से पूछताछ करेंगे और उसके बाद अागे का निर्णय लेंगे. साथ ही टीम को यह आश्वासन भी सेना के अधिकारियों ने दिया कि उनकी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद अगर जांच में मामला सत्य पाया गया, तो फिर दोनों को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करा दिया जायेगा.
पटना पुलिस की टीम ने सेना के अधिकारियों को यह भी प्रस्ताव दिया कि वे दोनों को अपनी टीम के साथ दानापुर थाने में भेज दें और वहां हमलोगों की टीम भी मौजूद रहेगी और फिर पूछताछ की जायेगी. लेकिन, इस प्रस्ताव को इनकार कर दिया गया और पुलिस को यह जानकारी दी गयी कि वे आवश्यक कार्रवाई करने के बाद उसकी जानकारी पुलिस को दे देंगे.
इसके बाद पटना पुलिस की टीम बैरंग वापस लौट गयी. इसके पूर्व पटना पुलिस ने पूछताछ करने के लिए सेना के अधिकारियों को जानकारी दी थी. इस पर वहां सेना कार्यालय में ही पूछताछ करने के लिए पटना पुलिस को कहा गया था. इधर अब बैरंग लौटने के बाद पटना पुलिस की टीम न्यायालय को इस संबंध में जानकारी देगी कि वारंट का तामिला नहीं कराया गया और आरोपितों को उनके हवाले नहीं किया गया. इसके बाद न्यायालय के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
हवलदारों की गिरफ्तारी व पूछताछ के बाद टीम जायेगी मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर में कर्नल विक्रम सिंह गोधरा से पूछताछ करने के लिए पटना पुलिस की टीम दोनों हवलदारों को गिरफ्तार करने व पूछताछ करने के बाद ही जायेगी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि जब तक दोनों हवलदारों से पूरी तरह पूछताछ नहीं हो जाती है, तब तक मामले का पूरी तरह खुलासा नहीं हाे सकता है.
उन्होंने बताया कि इन लोगों से पूछताछ करने के बाद ही अब पटना पुलिस की टीममुजफ्फरपुर जायेगी. साथ ही एसएसपी ने यह भी जानकारी दी कि फिलहाल मुन्ना सिंह के मोबाइल के सीडीआर में अन्य सेना के कर्मियों के नामों की भी जानकारी मिली है. लेकिन, वे मुन्ना सिंह से जुड़े थे या नहीं, इसका सत्यापन किया जा रहा है. पूरी तरह छानबीन के बाद ही आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. एसएसपी ने बताया कि उन दोनों हवलदारों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य है और इसी के आधार पर न्यायालय से पटना पुलिस को गिरफ्तारी वारंट भी मिला है. इस मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर उन्होंने कहा कि मुन्ना सिंह व गिरोह के अन्य सदस्यों के मोबाइल के सीडीआर में कई लोगों के नाम सामने आये है. लेकिन, जरूरी नहीं है कि वे इसमें शामिल ही होंगे. पूरी जांच करने व सत्यापन के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है.
एएसपी के नेतृत्व में पुलिस पहुंची थी गिरफ्तार करने
दोनों हवलदारों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट मंगलवार की शाम पटना पुलिस की टीम को मिली थी और इसे काफी गोपनीय रखा गया था. ताकि, किसी को भनक न लगे. इसके बाद एएसपी अभियान राकेश दूबे के नेतृत्व में गठित एसआइटी दानापुर छावनी में सुबह में ही दल-बल के साथ पहुंच गयी. लेकिन, टीम को गेट पर रोक दिया गया और फिर इजाजत के बाद सेना के अधिकारियों के चैंबर में ले जाया गया. जहां टीम को आवश्यक प्रक्रिया करने के बाद ही आगे की कार्रवाई करने की जानकारी पटना पुलिस को दी गयी.
2014 में भी आया था चंद्रा जी और गुरु का नाम सामने
10 मार्च 2014 में भी बीएसएससी की परीक्षा के दौरान सेटिंग के आरोप में चार लोग पकड़े गये थे. उनके पास इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस और 18 लाख कैश बरामद हुए थे. पूछताछ में पकड़े गये गुर्गों ने बताया था कि उनका लीडर चंद्रा जी हैं. उनके बारे में भी कहा गया था कि वह कंकड़बाग के हैं.
लेकिन, पुलिस हाथ पांव मारती रही गयी लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा. यहां बता दें कि इस दौरान भी चंद्रा जी के साथ अमिताभ उर्फ गुरु का नाम भी सामने आया था. उस समय गुर्गों ने पुलिस को बताया था कि गुरु मूल रूप से दरभंगा का रहनेवाला है. उस समय गुरु का पता मलाही पकड़ी बताया गया था, लेकिन वहां से कुछ हांसिल नहीं हुआ.
विजय सिंह
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में जिस गुरु का नाम पुलिस के सामने आया, वह अब तक ट्रेस नहीं हो पाया है. मुन्ना ने गुरु का नाम अमिताभ उर्फ गुरु बताया था और एड्रेस कंकड़बाग. लेकिन, पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा है. कंकड़बाग इलाके में उसका न तो ठिकाना मिला है और न ही वैशाली से ही कुछ सुराग हाथ लगा है. मोबाइल नंबर, तसवीर कुछ नहीं सामने आया है. पटना पुलिस की खोजबीन में गुरु पूरी तरह से ट्रेसलेस है. लेकिन, सूत्रों कि मानें, तो जिस गुरु की तलाश की जा रही है वह कोई अपराधी नहीं, बल्कि एक विभाग का अधिकारी है. बड़े ओहदे पर है, उसकी पहुंच सियासी गलियारे तक है, यह सब कुछ पुलिस समझ चुकी है और अब गुरु को ट्रेसलेस बता कर खामोशी ओढ़ ली है.
गैंग के रिमांड के दौरान पुलिस कर सकती है नया खुलासा
पुलिस अब मुन्ना गैंग को रिमांड लेने की तैयारी में है. दो दिनों के अंदर रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी लगायी जायेगी. राहुल और नीतीश से कड़ाई से पूछताछ की जायेगी. पुलिस इस दौरान कुछ नया खुलासा कर सकती है. गुरु के नाम पर गैंग के छोटे गुर्गे को पुलिस मोहरा बना सकती है. मतलब साफ है कि यह अनुसंधान मामले के जड़ तक नहीं पहुंच पायेगा. पुलिस ट्रैक चेंज करेगी और गुर्गों को दबोचेगी.
दूसरे जिलों में बैठे मुन्ना के एजेंट को पुलिस दबोचने की तैयारी में
दूसरी तरफ बिहार के अन्य जिलों से बैठे मुन्ना गैंग के एजेंट को पुलिस दबोचने की रणनीति बना रही है. इसके लिए वैशाली, बेगूसराय, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, नालंदा पुलिस से संपर्क किया जा रहा है. पुराने मामले खंगाले जा रहे हैं, जो लोग पहले से शक के दायरे में हैं उनका बैंक एकाउंट चेक होगा. दूसरे जिलों में परीक्षा के नाम पर ठगे गये छात्रों और उनके आवेदन, केस को भी देखा जा रहा है.
ऐसे सामने आया था गुरु का नाम
शाहपुर थाने के शिवाला के पास से मुन्ना गैंग के पकड़े जाने के बाद राहुल कुमार ने नीतीश का नाम बताया था. पुलिस ने नीतीश को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि नीतीश गुरु उर्फ अमिताभ के लिए काम करता है और प्रतियोगी परीक्षा में सेटिंग और पेपर लीक कराता है. यहीं से गुरु का नाम सामने आया. गैंग ने यह भी बताया था कि गुरु बीएसएससी परीक्षा का पेपर लीक करानेवाला है. परीक्षा के दिन पेपर लीक की होने की बात भी सामने आयी, लेकिन इसमें किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई, आयोग ने पेपर लीक को अफवाह बताया. फिलहाल पुलिस तभी से गुरु नाम के शख्स को तलाश रही है.

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