नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी पार्टी बागी राजद विधायकों का जदयू में स्वागत करेगी और साथ ही इन आरोपों को खारिज किया कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने उनके इशारे पर काम करते हुए जल्दबाजी में राजद के अलग हुए गुट को मान्यता दे दी.
दिल्ली में गैर कांग्रेस और गैर भाजपा दलों की बैठक में हिस्सा लेने आये नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि राजद में मतभेद हैं और यह पार्टी ‘‘विभाजन के कगार पर है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक जदयू के रुख का सवाल है, अगर लोग हमारे पास आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे.’’उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि विधानसभा अध्यक्ष ने जदयू को लाभ पहुंचाने के लिए काम किया है. नीतीश ने कहा, ‘‘यह संभव नहीं है. विधान सभा अध्यक्ष को संविधान द्वारा कुछ शक्तियां प्रदान की गई है और कुछ मामलों में अकेले वही निर्णय कर सकते हैं. इस मामले में भी यही हुआ है.
कोई उनपर दवाब नहीं डाल सकता. इस फैसले के तकनीकी पहलुओं पर लोग जितना चाहे चर्चा कर सकते हैं लेकिन जहां तक राजनीतिक घटनाक्रम का सवाल है राजद विभाजन के करीब है. नीतीश ने यह भी कहा कि वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के पक्ष में तथाकथित हवा नहीं देख पा रह हैं.