पटना : लोकसभा चुनाव से पहले रामविलास पासवान की लोजपा लालू के साथ रहेगी या भाजपा का दामन थामेगी, इस पर आज इसपर आज फैसला टाल दिया गया.
पार्टी अगर भाजपा के साथ जाती है, तो बिहार में लालू के लिए यह दूसरा झटका होगा, क्योंकि कल ही उनके 13 विधायकों ने पार्टी छोडने की घोषणा की है, हालांकि उनमें से छह की वापसी का पार्टी ने दावा किया है.
लोक जनशक्ति पार्टी को अब गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से किसी तरह का परहेज नहीं है. लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि जब न्यायालय ने नरेंद्र मोदी को वर्ष 2002 के दंगों में क्लीन चिट दे दी है तो उनके बारे में अब ऐसी बातें करना मुनासिब नहीं है.
नरेंद्र मोदी को तो गुजरात दंगे की जांच कर रही एसआइटी ने भी क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा कि अभी भाजपा के साथ लोजपा का गंठबंधन हुआ नहीं है. इस पर मंगलवार को दिल्ली में होनेवाली लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला लिया जायेगा.
* चुनावी रणनीति पर विचार
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद उनके पिता रामविलास पासवान द्वारा वाजपेयी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बारे में उन्होंने कहा कि तब की परिस्थितियां कुछ और थी. राजनीति में परिस्थितियां बदलती रहती हैं. भाजपा के साथ गंठबंधन के पीछे अधिक से अधिक सीटें जीतना तो एक मकसद है ही, साथ गंठबंधन के लिए सैद्धांतिक सहमति भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि मंगलवार की बैठक में चुनावी रणनीति पर विचार किया जायेगा. राजनीति में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं.
* इधर, मनाने में जुटी कांग्रेस-राजद
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को लालू प्रसाद ने फोन कर पूरी बात बतायी. उसके बाद अहमद पटेल से पासवान की बातचीत हुई. इसमें पासवान ने अपनी मजबूरी बतायी. अहमद पटेल ने इस विषय में विस्तार से बातचीत करने की बात कही. उन्होंने पासवान से हुई बातचीत की जानकारी लालू को दी. उसके बाद खुद लालू प्रसाद ने पासवान से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पासवान के आवास पर न होने की जानकारी पासवान के पीए ने लालू को दी.
लालू पासवान से बात करना चाह रहे थे, लेकिन वह किस नंबर पर हैं, यह न दिये जाने से लालू खिन्न भी हुए. उन्होंने पासवान के पास अपना संदेश देने को कहा, लेकिन पासवान से संपर्क नहीं हो सका. दो घंटे के इंतजार के बाद भी पासवान से संपर्क नहीं हो पाया, तो लालू ने यह सारी बात मीडिया को बता दी. फिर पासवान से संपर्क करने का जिम्मा राजद के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी को दिया गया. फातमी का भी पासवान से तब तक संपर्क नहीं हो पाया था.
* राजनाथ, जेटली ने दिये संकेत
भाजपा-लोजपा के बीच गंठबंधन को लेकर भले ही दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व खुल कर कुछ बोलने से बच रहा हो, लेकिन भीतरखाने गंठबंधन का खाका को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसे लेकर भाजपा के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय सहित अन्य नेता मंथन में जुटे हैं. खुद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने लोजपा के साथ गंठबंधन की बात को खारिज नहीं किया, बल्कि इशारों ही इशारों में संकेत भी दे दिया. सोमवार को उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई ठोस नतीजा सामने आयेगा, तो बताया जायेगा.
संभावना जतायी जा रही है कि दो-तीन दिनों में सब कुछ साफ हो जायेगा. कुछ ऐसा ही बयान पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर की तरफ से भी आया. पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोजपा के साथ 7-9 सीटों पर साझा उम्मीदवार खड़ा करने पर बात अंतिम दौर में है. वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने अपने लेख के माध्यम से भी संकेत दिया है. उन्होंने अपने लेख में लिखा है कि नरेंद्र मोदी के पीएम प्रत्याशी घोषित करने के बाद सवाल खड़ा किया जा रहा था कि क्या भाजपा को कोई नया सहयोगी मिलगा? हमारा आतंरिक मूल्यांकन है कि चुनाव से पहले और बाद में कई दल साथ में आयेंगे. कई प्रदेशों में छोटी पार्टियां भी भाजपा के वोट बढ़ाने में सहायक होंगी. दलों के लिए कांग्रेस के साथ लेन-देन के आधार पर गंठबंधन दीर्घकालिक विकल्प नहीं हो सकता.
* गिरिराज ने किया स्वागत
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करनेवाली सभी पार्टियों का एनडीए में स्वागत है. उन्होंने कहा कि पूरी पारदर्शिता के साथ एनडीए में शामिल होनेवाली सभी पार्टियों का वे स्वागत करते हैं. अगर रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करते हैं तो हम उनका भी एनडीए में स्वागत करेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो नरेंद्र मोदी की आंधी को भी ब्लोअर की हवा बता रहे थे. अब उन्हें पता चल गया होगा कि नमो किसी ब्लोअर की हवा नहीं हैं, बल्कि प्राकृतिक रूप से आयी आंधी हैं.
* पासवान से गंठबंधन आत्मघाती कदम : चौबे
भाजपा और लोजपा के बीच गठबंधन को लेकर वार्ता के बीच बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि पार्टी के लिए यह गंठबंधन आत्मघाती बन जायेगा. दिल्ली जाते समय चौबे ने पटना हवाई अड्डे पर कहा, रामविलास पासवान अवसरवादी हैं. चौबे ने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार जब एक वोट से गिर गयी थी तो पासवान ने राजग सरकार का समर्थन नहीं किया था.
* सांप्रदायिक शक्तियों के साथ न जायें : लालू प्रसाद
नयी दिल्ली. अपने सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के भाजपा के साथ हाथ मिलाने की अटकलों के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि राम विलास पासवान को सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ नहीं मिलाना चाहिए. लालू प्रसाद ने पासवान से यह अपील तब की जब पासवान से संपर्क करने का उनका प्रयास विफल रहा. उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस द्वारा उन्हें पेशकश की जा रही सीटों की संख्या को लेकर लोजपा की पीड़ा कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि उनके बीच बातचीत अभी चल रही है.