पटना: राजधानी के एक निजी अस्पताल में भरती एक मरीज द्वारा दूसरे मरीज की हत्या के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. तारकेश्वर महतो नामक जिस मरीज पर मामला दर्ज है उसकी निगरानी के लिए अस्पताल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
सिर के ऑपरेशन के बाद विक्षिप्त हुए मरीज तारकेश्वर महतो ने रोगी दिनेश मंडल के परिजन से पहले हंस कर हाल-चाल पूछा, लोग कुछ समझ पाते, तब तक दिनेश के गरदन पर सजर्री की कैंची चला दी. इसमें बुधवार की देर रात उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजन दयानंद प्रसाद ने शास्त्री नगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज करायी.
दिनेश के साले दयानंद के अनुसार 15 फरवरी की देर रात आइसीयू में सोया तारकेश्वर अचानक बेड से उठा और पानी पीने के बाद डॉक्टर के टेबुल पर रखी कैंची उठा ली और वहां से बाहर आ कर लोगों को धमकाने लगा. फिर द्वितीय तल स्थित वार्ड के कमरा नंबर 242 में घुस कर दिनेश पर हमला कर दिया.
पहला वार बेड पर : गीता के अनुसार तारकेश्वर महतो ने बेड पर बैठ कर सबसे पहले ग्लूकोज की बोतल को काफी देर तक देखता रहा. इसके बाद अचानक ही कैंची लेकर दिनेश के आसपास वार करने लगा. तारकेश्वर ने सबसे पहले कैंची से दिनेश के बेड व तकिये पर हमला किया. तीसरे बार में कैंची उसके गरदन पर लगी. नस कट जाने से खून बहना रुक नहीं रहा था. उसे बचाने के दौरान तारकेश्वर व गीता में झड़प हो गयी. गीता ने तारकेश्वर से कैंची छीनने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी. झड़प के दौरान पत्नी को काफी चोटें लगीं.
बांका का था दिनेश : बांका जिले के दुर्गापुर गांव निवासी दिनेश मंडल गांव में दुकान कर अपनी जीविका चलाता था. 10 फरवरी को अचानक उसे लकवा का अटैक आ गया. दुर्गापुर में उनका इलाज कराया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. डॉक्टर ने दिनेश को पटना रेफर कर दिया. 12 फरवरी को दिनेश के साले दयानंद ने उसे अस्पताल में भरती कराया था.
अस्पताल नहीं, मरीज पर केस
दिनेश की मौत के बाद उसके साले दयानंद ने शास्त्री नगर थाने में तारकेश्वर के खिलाफ लिखित शिकायत की. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दयानंद को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना. उधर, तारकेश्वर की हत्या के आरोपित हो जाने के कारण उसकी निगरानी के लिए पुलिस ने दो कांस्टेबल को तैनात किया है, ताकि वह कहीं दूसरी घटना को अंजाम न दे या भाग न जाये.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. आरोपित मानसिक रोगी के खिलाफ कानून के नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. पुलिस उसकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. अस्पताल प्रशासन से पूछताछ कर आवश्यक रिपोर्ट की मांग की गयी है.