पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने केंद्र पर अंतरिम बजट में पिछड़े राज्यों की हकमारी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राजकोषीय घाटा कम करने के प्रयास में गरीबों की सहायता को चूस लिया.
वर्ष 2013-14 के प्रस्तावित व्यय 5,55,322 करोड़ रुपये में से सरकार ने कुल 79,790 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है.
इसका खामियाजा अब बिहार समेत झारखंड, ओड़िशा, उत्तरप्रदेश व देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों को भुगतना पड़ेगा. विधान परिषद स्थित अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछड़ा क्षेत्र विकास अनुदान (बीआरजीएफ) की प्रस्तावित राशि 6500 करोड़ में से 3700 करोड़ रुपये की कटौती कर दी है.
इसका सबसे बुरा प्रभाव बिहार के उन सभी जिलों पर पड़ेगा, जिसके विकास के लिए इस राशि का प्रावधान बजट में किया गया था. इस अनुदान से राज्य के सभी जिलों खास कर नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यो का संचालन हो रहा है. राजकोषीय घाटा को 4.8 प्रतिशत से घटा कर 4.6 प्रतिशत करने के क्रम में योजना व्यय की राशि में 80 हजार करोड़ रुपये की कटौती की गयी है. यह राज्यों का हक था. और अब राजकोषीय घाटा कम करने की वाहवाही लूटने लगे हैं. इस राशि का खर्च राज्य ग्रामीण सड़कों के निर्माण, मिड डे मिल, सर्वशिक्षा अभियान, पेयजल आपूर्ति और बुनियादी संरचना को विकसित करने में किया करते हैं.