जमुई : मुख्यालय स्थित मंडल कारा में मंगलवार दोपहर में करीब एक घंटा तक कैदियों द्वारा हो-हंगामा किये जाने समाचार मिला है.घटना के बाबत जेल में तैनात पुलिस कर्मियों की मानें तो जेल के अंदर कैदियों को मोबाइल से बात करते देख उसे सीज करने के दौरान वे लोग हो-हंगामा करने लगे.
जबकि सूत्रों से मिली जानकारी केअनुसार जेल में व्याप्त अनियमितता से आक्रोशित कैदियों ने व्यवस्था में सुधार करवाने को लेकर हंगामा कर रहे थे. हंगामा के दौरान कैदी एकजुट होकर घटिया किस्म का खाना दिये जाने व कांस्टेबल पर गाली-गलौज करने का आरोप लगा रहे थे तथा जेल की लचर व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे थे. बताते चलें कि पिछले 14 फरवरी को जेल में बंद अपराधी व नक्सलियों द्वारा दूरभाष के जरिये अपने गिरोह के संचालन करने की सूचना पर जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी व पुलिस अधीक्षक जीतेन्द्र राणा के नेतृत्व में कई अधिकारियों द्वारा तीन बजे सुबह को ही अचानक जेल में छापेमारी किया गया था.
इस दौरान अधिकारियों ने जेल के विभिन्न वार्डो से कई आपत्तिजनक सामाग्री के अलावे कई मोबाईल व सीम भी बरामद किया था. चार दिन पूर्व हुए छापेमारी के बाद जिलाधिकारी ने जेल प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा था कि कोर्ट से पेशी कर वापस आने व मुलाकाती के दौरान विशेष चौकसी बरती जाये.अधिकारी द्वय ने सख्त निर्देश देते हुए कहा था कि जेल के अंदर अपत्तिजनक सामाग्री का प्रवेश होना कहीं से बर्दाश्त के लायक नहीं है. जेल प्रशासन इसके लिए मुस्तैदी से रहे. लेकिन जेल में ड्यूटी रत कैदी द्वारा यह कहा जाना कि जेल के अंदर कैदी से मोबाइल लेने के दौरान कैदी पुलिस के साथ उलझ पड़े. जेल प्रशासन की कार्यकलाप पर प्रश्न चिह्न् खड़ा करती है.
हालांकि सहायक कारापाल एस. के. दास उपर्युक्त बातों के बाबत पूछे जाने पर पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि हल्की सी बात को लेकर कैदी उलझ गये थे लेकिन तुरंत सब कुछ शांत हो गया है.जानकारी के अनुसार हंगामा की सूचना पाते ही अनुमंडलाधिकारी रमेंद्र कुमार व भूमि सुधार उपसमाहर्ता संजय कुमार ने मंडल कारा पहुंच कर मामले को शांत कराया था. इस बाबत पूछे जाने पर एसडीओ रमेंद्र कुमार बताते हैं कांस्टेबल व कैदी के उलझने के बाद हो-हंगामा हुआ था. दोषी कर्मियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिये जाने के बाद कैदियों ने हंगामा करना बंद किया.