नीतीश सरकार ने सोमवार को 1,16,886 करोड़ रुपये का वर्ष 2014-15 का बजट पेश किया, जो राज्य का अब तक का सबसे बड़ा बजट आकार है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने इसमें किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं किया है. साथ ही किसी तरह की छूट की भी घोषणा नहीं की गयी है. 10,174 करोड़ के राजस्व अधिशेष वाले इस बजट में मुख्य फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, मनरेगा, ग्रामीण विकास पर है. बजट की 70.88 प्रतिशत राशि विकास कार्यो पर खर्च होगी.
पटना: विपक्ष के हंगामे के बीच अपनी सरकार का नौवां और भाजपा के हटने के बाद पहला बजट पेश करते हुए प्रभारी वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले बजट आकार 27 प्रतिशत बढ़ने से बिहार की मजबूत वित्तीय स्थिति का पता चलता है. 2014-15 में राज्य का वार्षिक योजना आकार 57392.44 करोड़ का होगा, जो चालू वित्तीय वर्ष से 68.80 प्रतिशत अधिक है. केंद्र सरकार ने इस बार से अपनी योजनाओं की राशि सीधे जिला व एजेंसियों को भेजने के बजाय राज्य सरकारों के पास भेजने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार इस पैसे को एजेंसियों के पास भेजेगी, इसलिए योजना आकार चालू वित्तीय वर्ष से इतना अधिक हुआ है. पुराने तरीके से देखने पर यह आकार 40100 करोड़ रुपये का होगा.
राज्य का कुल योजना व्यय 48 प्रतिशत बढ़ कर 57,655 करोड़ रुपये हो गया. चालू वित्त वर्ष के दौरान यह 39,006 करोड़ रुपये था. जबकि गैर योजनागत व्यय 6,150 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 59,231 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. श्री चौधरी ने कहा कि योजना और गैर योजना व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि से पता चलता है कि राज्य की वित्तीय प्राप्तियों में तेजी से वृद्धि हो रही है. राज्य का अपना कर राजस्व 22.42 प्रतिशत बढ़ कर 25,662 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं, राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.96 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन कानून के दायरे में है. कुल मिला कर 2014-15 का बजट राजस्व के मामले में 10,174.03 करोड़ रुपये के अधिशेष वाला है.
शिक्षा पर सबसे अधिक 21.36 प्रतिशत राशि खर्च की जायेगी. इसके बाद ग्रामीण विकास और सामाजिक क्षेत्रों पर पैसे खर्च किये जायेंगे. 2014-15 में राज्यकर्मियों के वेतन पर 18204.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि रिटायर कर्मियों की पेंशन पर 11666.33 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में उपस्थित होने और वित्त विभाग उनके अधीन होने के बावजूद विजय कुमार चौधरी के बजट पेश करने पर नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने उनका विरोध किया, इस पर चौधरी द्वारा बजट भाषण पढ़ा जाना जारी रखे जाने पर भाजपा सदस्य सदन में हंगामा करने लगे और मुख्यमंत्री से बजट पेश किये जाने की मांग करते रहे.
श्री चौधरी ने कहा कि सातवीं से 12वीं तक की छात्रओं के लिए मुफ्त सेनेटरी नैपकिन वितरण योजना को अप्रैल से लागू कर दिया जायेगा. इस पर 32.76 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 30.13 लाख छात्रओं को लाभ मिलेगा. इससे छात्रओं के ड्रॉप आउट में कमी आयेगी. उनके स्वास्थ्य का ख्याल होगा और आत्मबल मजबूत होगा. संभव: यह योजना देश में पहली बार शुरू की गयी है.
बजट में एक हजार हाइस्कूल खोलने व पांच निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. बजट प्रस्ताव में मनरेगा योजना की पारदर्शिता और जबावदेही में नयी पहल के लिए केंद्र सरकार से मिले पुरस्कार का असर दिखा. सरकार ने निजी शौचालय निर्माण के लिए व्यापक अभियान चलायेगी. ग्रामीण इलाकों पर विशेष फोकस करते हुए सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में इंदिरा आवास के लाभान्वितों को पक्के घर के अतिरिक्त शौचालय, बिजली कनेक्शन, मनरेगा के तहत परिसंपत्ति, स्वरोजगार और कौशल विकास से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 38 जिलों में महिला स्वयं सहायता समूहों को सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर अधिकतम तीन लाख तक की ऋण राशि उपलब्ध दी जायेगी. समय पर कर्ज लौटाने पर उन्हें ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट दी जायेगी.