भाजपा से नाता तोड़ने पर पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया खुलासा
ये हैं कारण
– सुशील कुमार मोदी के अनुरोध पर मैंने नितिन गडकरी से मुलाकात की थी
– गडकरी ने साफ कह दिया कि पीएम पद के उम्मीदवार (नमो) पर पीछे नहीं हटेंगे
पटना : जदयू की 12 वीं और अंतिम संकल्प रैली में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार भाजपा के साथ गंठबंधन टूटने के कारणों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जब साफ-साफ मुझसे कह दिया कि अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार (नरेंद्र मोदी) के मुद्दे पर भाजपा के पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है, तब गंठबंधन टूटा.
उन्होंने कहा कि विश्वासघात मैंने नहीं, भाजपा ने किया है. सरकार रहे या जाये, मुङो परवाह नहीं. वसूलों से कभी समझौता नहीं करूंगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने मुझसे कहा कि हमारे प्रेसिडेंट नितिन गडकरी आपसे मिलना चाहते हैं. उनके अनुरोध पर जब मेरी उनसे मुलाकात हुई, तब उन्होंने भाजपा का निर्णय सुनाया और पीएम प्रत्याशी के मुद्दे से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए. ऐसे में मेरा भाजपा से जुड़े रहना संभव नहीं था. गंठबंधन के वक्त फैसला हुआ था कि विवादित मुद्दे और व्यक्तियों को अलग रखा जायेगा.
जब तक भाजपा इस वचन पर कायम रही, तब तक गाड़ी चलती रही. जब हमने आपत्तियां दर्ज करानी शुरू कीं, तो बार-बार भाजपा नेतृत्व ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. भाजपा ने तो यकीन दिलाया था कि विवादित व्यक्ति को आगे नहीं लायेंगे, पर उन्होंने विश्वास तोड़ा. इस मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और जदयू अध्यक्ष शरद यादव के बीच बैठक भी हुई, पर वह बेनतीजा रही. हमने भाजपा को साफ-साफ कहा
कि आप अपना मामला स्पष्ट करे. कोई घालमेल न करे. मुङो दीवार पर लिखी इबारत साफ-साफ दिख रही थी. बिहार में गंठबंधन की सरकार को विशाल बहुमत मिला हुआ था. सिद्धांतों की खातिर मैंने गंठबंधन तोड़ दिया और सदन में विशाल बहुमत साधारण बहुमत में परिवर्तित हुआ.
प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल पर हमने डेढ़ वर्ष पहले ही कह दिया था कि हमें ऐसा पीएम चाहिए, जो सबको जोड़े और सबकी इज्जत करे. पीएम ऐसा हो, जो पिछड़े इलाकों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हो और समावेशी विकास करे. हमने वसूलों से कभी समझौता नहीं किया.
दीदारगंज में आयोजित प्रमंडलीय संकल्प रैली में ठंड और बूंदाबांदी के बावजूद बड़ी संख्या में दूरदराज से लोग आये थे. इससे उत्साहित मुख्यमंत्री ने भाजपा पर जम कर हमला बोला. कहा, बिहार के लोग यदि अफवाह मास्टरों के फेरे में पड़ेंगे, तो बिहार के विकास की गाड़ी बेपटरी हो जायेगी. दिल्ली की हवा में लोग प्रभावित होते हैं और पूछते हैं कि जदयू है कहां? संकल्प रैलियों ने साबित कर दिया कि जदयू कहां है.
कुछ लोगों ने विवाद करने की कोशिश की, फिर भी हमने अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय की शाखा के लिए जमीन दी. कुछ दल कब उपद्रव करा देंगे, कहा नहीं जा सकता. सचेत रहना होगा. पहले गणोश को दूध पिलाया, फिर बाजार से नमक गायब कराया. शासन-प्रशासन तो सर्तक है, पर आपको भी सजग रहना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बिहार को उसका हक और विशेष राज्य का दर्जा दिला कर रहेंगे. इसके लिए जदयू को दिल्ली में ताकत होनी चाहिए. दिल्ली में यदि हमारी ताकत होगी, तो बिहार को विशेष दर्जा मिलेगा. यह निर्णायक लड़ाई है. विशेष दर्जा मिला, तो लोगों को टैक्स में छूट मिलेगी, रोजगार मिलेगा और काम की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने लोगों से बिहार की हर सीट पर जदयू को जिताने की अपील की.
उन्होंने कहा कि आज लाठी में तेल पिलाने की नहीं, बल्कि कलम में स्याही भरने की जरूरत है. पोशाक और साइकिल योजना से लड़के-लड़कियों में शिक्षा का विकास हुआ है. तीन वर्षो में 1500 हाइस्कूल खुलेंगे. एक करोड़ लोगों का कौशल विकास करेंगे.
सरकार की प्राथमिकता अब बिजली सुधार की है. तीन वर्षो में एक-एक गांवों में बिजली होगी. मैंने तो 2012 में ही घोषणा कर दी थी कि यदि बिजली नहीं सुधरी, वोट मांगने नहीं जाऊंगा. लड़कियों में स्वच्छता के लिए एक अप्रैल से सरकार मिडिल और हाइस्कूलों की लड़कियों को माह में चार सेनेटरी नैपकिन देगी. सरकारी स्कूलों का इस स्तर का बनाने की हमारी योजना है कि धनी वर्ग के छात्र भी वहां पढ़ने आएं.
बिहार को आगे ले जाने का संकल्प : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि जदयू का संकल्प है-बिहार को आगे ले जाने का. बिहार आगे जायेगा, तो देश भी आगे बढ़ेगा. सांसद केसी त्यागी ने कहा देश में आज राजनीति के दो ध्रुव बन गये हैं. एक का गुजरात है, तो दूसरे का बिहार. कहा जाता है कि सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी. लोग लोकसभा चुनाव में सावधान रहें. जदयू को विजयी बनाएं.