पटना: पटना नगर निगम में आरटीआइ से सूचना मांगने के लिए पहले साक्षात्कार देने के लिए तैयार रहना होगा. निगम ने सूचना मांगने वालों के लिए यह व्यवस्था रखी है. आरटीआइ में एक माह के अंदर सूचना उपलब्ध कराने का नियम है, लेकिन निगम में तीन माह से अधिक समय बीत जाने पर भी सूचना नहीं दी जाती है. शिकायत करने का भी असर सूचना देनेवाले सहायक पर नहीं पड़ता है.
देना होगा साक्षात्कार
अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोरचा के राष्ट्रीय महासचिव मनोज लाल दास मनु ने निगम में सूचना के लिए जनवरी में आवेदन दिया. उनके आवेदन को लोक सूचना पदाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त स्थापना को भेज दिया. सूचना देने के लिए संबंधित सहायक को निर्देश दिया गया. आवेदक को सूचना तो नहीं मिली, लेकिन उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया.
अपर नगर आयुक्त को भेजे पत्र में नगर आयुक्त ने लिखा कि ‘यह कौन महात्मा हैं, साक्षात्कार के लिए बुलाएं.’ श्री मनु ने निगम की उपस्थिति पंजी में छेड़छाड़, पंजी गायब करने की भूमिका निभानेवाले के खिलाफ दिये गये आवेदन पर की गयी अधिकारियों की टिप्पणी की सूचना की मांग की थी. पवन राठौर ने 3 अक्तूबर, 2013 को सूचना प्राप्त करने के लिए निगम में आवेदन दिया था. आज तक उन्हें सूचना प्राप्त नहीं हुई है. उनके द्वारा मांगी गयी सूचना को अपर नगर आयुक्त स्थापना द्वारा संबंधित अधिकारी के पास भेज दिया गया. इसके बाद भी सूचना नहीं मिली. सूचना में नूतन राजधानी अंचल के चुहरमल नगर में निगम की जमीन पर अतिक्रमण व निगम बोर्ड एवं सशक्त स्थायी समिति की वीडियोग्राफी करनेवाली एजेंसी व उसे भुगतान की जानेवाली राशि की जानकारी मांगी गयी थी. सूचना के लिए 3 जनवरी को आवेदन जमा करने वाले रवि प्रकाश को भी एक माह बीतने पर सूचना नहीं मिली है.
एक माह में सूचना देने का है नियम
आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना एक माह के अंदर आवेदक को उपलब्ध कराने का नियम है. एक माह में सूचना नहीं मिलने पर आवेदक प्रथम अपीलीय ऑथोरिटी के पास अपील कर सकता है. निगम कार्यालय में लोक सूचना पदाधिकारी का बोर्ड खोज पाना सहज नहीं है. लोगों की जानकारी के लिए कोई प्रोपर व्यवस्था नहीं है.