पटना: विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने जदयू छोड़ने का मन बना लिया है. उन्होंने विधान परिषद् का चुनाव निर्दलीय लड़ने का एलान किया. शुक्रवार को विधानमंडल की कार्यवाही के बाद उन्होंने इसकी घोषणा की. वे तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित विधान पार्षद हैं. अप्रैल महीने में इसका चुनाव होना है. मार्च के पहले सप्ताह में नामांकन का कार्य शुरू होगा. इसी समय वे जदयू से भी इस्तीफा देंगे.
फिलहाल उन्होंने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया है. देवेश ठाकुर ने लोकसभा चुनाव भी लड़ने के संकेत दिये. उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी और मुजफ्फ रपुर पसंदीदा लोकसभा क्षेत्र रहा है. यह पूछे जाने पर कि ऐसी क्या नौबत आ पड़ी कि आपने इतना कड़ा कदम उठा लिया, श्री ठाकुर ने निकाह फिल्म का यह गाना सुनाया ‘शायद उनका आखिरी हो यह सितम, हर सितम यह सोच कर हम सह गये‘.
उन्होंने कहा कि हमारा सामाजिक रिश्ता किसी भी दल से ऊपर है. जात-कुल से ऊपर उठ कर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि शुरू से वे सर्वदलीय जिंदगी जीते आएं हैं. अब तक किराये के घर (जदयू) में थे, लेकिन अब अपने घर (निर्दलीय) में रहना चाहते हैं. जब विधान परिषद् के सदस्य बने थे, तो भी वे निर्दलीय थे. बाद में जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी. जदयू से किसी प्रकार की खटास से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पार्टी से उनका संबंध मधुर है. उनकी कोई भी बात मुङो चुभी नहीं है. सामाजिक रिश्ते को अहमियत की वजह से विधान परिषद् का चुनाव निर्दलीय लड़ना चाहता हूं.
लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि पहले विधान परिषद् का चुनाव तो हो जाने दीजिए. उसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए कोई फैसला करेंगे. इससे पहले जब वे बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के समय आये, तो विपक्ष (भाजपा) के साथ बैठ गये. जदयू विधायक व विधान पार्षदों के मान मनोव्वल के बाद वे सत्ता पक्ष की ओर आ कर बैठे.