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प्लस टू स्कूल: मुख्यमंत्री ने 550 भवनों का किया शिलान्यास

पटना: छात्रवृत्ति, पोशाक व साइकिल योजना समेत शिक्षा विभाग की अन्य योजनाओं में जो राशि बची है, उससे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए फर्नीचर खरीदे जायेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव व विकास आयुक्त को इस संबंध में निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, किसी योजना की राशि […]

पटना: छात्रवृत्ति, पोशाक व साइकिल योजना समेत शिक्षा विभाग की अन्य योजनाओं में जो राशि बची है, उससे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए फर्नीचर खरीदे जायेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव व विकास आयुक्त को इस संबंध में निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा, किसी योजना की राशि अगर बचती है, तो वह सरकारी खजाने की होती है, न कि विभाग की, लेकिन शिक्षा विभाग तो बहुत होशियार है. अगर ऐसा हर विभाग करने लगे, तो सरकार के खजाने का क्या होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तरंग का सफल आयोजन किया गया है और आयोजनकर्ता राहुल सिंह ने खुद यह प्रस्ताव दिया, तो मुङो लगता है कि यह पैसा फर्नीचर खरीदने के लिए दे दिया जाये. मुख्यमंत्री गुरुवार को तरंग के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने 550 प्लस टू स्कूलों के भवनों का शिलान्यास किया.

खुलेंगे 1,741 प्लस टू स्कूल
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1000 नये प्लस टू स्कूल खोलने का लक्ष्य था, लेकिन 1,741 स्कूल खोलने की तैयारी की जा चुकी है. 991 प्लस टू स्कूलों के लिए भी जमीन मिल गयी और इसका टेंडर प्रक्रियाधीन है, जबकि 200 के लिए जमीन की तलाश की जा रही है.

सूबे में प्लस टू स्कूलों की संख्या कम है. इसलिए हर हाइस्कूल को प्लस टू तक किया जा रहा है, ताकि पंचायत के बच्चे उनमें पढ़ सकें. प्लस टू स्कूल नहीं होने और स्कूल दूर होने की वजह से बच्चियां मैट्रिक के बाद पढ़ाई छोड़ देती थीं, लेकिन अब कम-से-कम 12वीं तक पढ़ लेंगी.

सीएम ने अगले चार साल में सभी पंचायतों में प्लस टू स्कूल खुल जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 12वीं तक डिजिटल लिटरेसी की पढ़ाई होगी और बच्चों को कंप्यूटर भी पढ़ाया जायेगा. वर्ष 2017 तक सूबे में एक करोड़ लोगों का कौशल विकास भी होगा.

चौथे चरण का उद्घाटन
हुनर के चौथे चरण का भी मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया. इसमें 86,518 लड़कियों का प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू हो गया. 50 हजार लड़कियों को जहां शिक्षा विभाग प्रशिक्षित कर रहा है, वहीं साढ़े 35 हजार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग हुनरमंद बना रहा है. इन लड़कियों को 67 स्वयंसेवी संस्थाएं ट्रेनिंग दे रही हैं. ये संस्थाएं सूबे के 397 प्रशिक्षण केंद्रों पर इन लड़कियों को प्रशिक्षित कर रही हैं. हुनर के चौथे चरण में लड़कियां को 16 कोर्सो का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें आठ कोर्स छह महीने व आठ एक साल के हैं. हुनर में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अतिपिछड़ा वर्ग की लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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