पटना . अंतरिम रेल बजट के दावों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हास्यास्पद बताया है. उन्होंने कहा, रेलवे ने दावा किया है कि इस साल उसकी कमाई सरप्लस रहेगी, इस पर आश्चर्य होता है और हंसी आती है.
अगर रेलवे के पास इतना धन है, तो बिहार में चल रही परियोजनाएं बंद क्यों हो रही हैं? पूरी क्यों नहीं हो रही हैं? पता चला है कि मुंगेर में रेल पुल के साथ सड़क निर्माण का काम एक-दो दिनों में बंद होनेवाला है. पटना-दीघा-सोनपुर रेल पुल निर्माण की हालत भी अच्छी नहीं है. राज्य सरकार ने इसमें पैसा तक दिया, पर काम पूरा नहीं हो सका है. बिहार रेल पुलों का निर्माण पूरा करने के लिए पैसा देने को तैयार है, लेकिन रेलवे कोई पहल नहीं कर रही है.
रेलवे से दीघा-पटना रेल लाइन और पटना साहिब स्टेशन-पटना घाट रेल लाइन की जमीन की मांग की जा रही है, लेकिन वे देने को तैयार ही नहीं हैं. रेलवे अगर जमीन दे दे, तो राज्य सरकार अपने खर्च पर सड़क का निर्माण करायेगी. वहीं, नवनिर्मित पाटलिपुत्र स्टेशन का विवाद भी नहीं सुलझा है. अगर रेलवे जमीन दे दे, तो सरकार उस पर सड़क बनवा देगी. एंटी कॉलिजन डिवाइस को पिछले 10 सालों में काफी धीमा कर दिया गया है. यह आपराधिक लापरवाही है. कोंकण रेलवे ने इसे परीक्षण कर पास भी कर दिया था और संसद का भी एप्रूवल हो गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.