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बिहार में बिजली उपलब्धता जून 2015 तक 5500 मे.वा. पहुंच जाएगी

पटना : बिहार के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने आज दावा किया कि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 2015 जून तक 5500 मेगावाट तक पहुंच जाएंगी. उन्होंने दावा किया कि 2018-19 तक बिहार में बिजली इफरात में होगी. बिहार उर्जा विभाग द्वारा यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिजेंद्र ने कहा कि वर्ष 2015 तक […]

पटना : बिहार के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने आज दावा किया कि प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 2015 जून तक 5500 मेगावाट तक पहुंच जाएंगी. उन्होंने दावा किया कि 2018-19 तक बिहार में बिजली इफरात में होगी.

बिहार उर्जा विभाग द्वारा यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिजेंद्र ने कहा कि वर्ष 2015 तक हर टोले-मुहल्ले तक बिजली पहुंचाने के प्रयास का हमारा लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 तक प्रेदश में बिजली की स्थिति को सर्पलस करने की योजना है. उर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली पहुंचाने के नेटवर्क के विस्तार के लिए सभी 38 जिलों में विद्युतीकरण का काम प्रारंभ हो गया है. 2015 तक सौ की आबादी तक वाले बसावटों तक हमारा तंत्र निश्चित तौर पर खडा हो जाएगा और दूर दराज में भी कम से कम 10 से 12 घंटा बिजली बिजली उपलब्ध करायी जा सकेगी.

उन्होंने बताया कि बिहार के 11 जिलों में सौ की आबादी तक वाले बसावटों के ग्रामीण विद्युतीकरण का काम प्ररांभ कर दिया गया है और बाकी बचे प्रदेश के 27 जिलों में विद्युतीकरण कराए जाने के लिए आगामी 15 फरवरी तक निविदा जारी कर अगले महीने से वहां भी विद्युतीकरण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. बिजेंद्र ने बताया कि नए पावर सब स्टेशन और अनुमंडल स्तर पर नए ग्रिड बनाने के साथ वर्तमान में मौजूद पावर सब स्टेशनों की क्षमता को दोगुना किया जाएगा. प्रदेश में अभी 545 पावर सब स्टेशन हैं. दो-तीन वर्ष में 300 नये पावर सब स्टेशन बनाये जाएंगें.

बिहार के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि 500 करोड रुपये की लागत से बिजली संचरण व्यवस्था का नवीकरण किया जा रहा है.इस अवसर पर उर्जा विभाग के प्रधानसचिव संदीप पांड्रिक ने बताया कि इस समय संचरण क्षमता तीन हजार मेगावाट की है जो पिछले तक 2300 मेगावाट की थी. उन्होंने बताया कि करीब डेढ लाख ट्रांसफर्मर और लगाए जा रहे जिससे बिजली वितरण क्षमता हमारी तीगुनी हो जाएगी जिसके जरिए सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में अच्छी बिजली दे पाएंगे. संदीप ने कहा कि वर्तमान में संचरण एवं वितरण ह्रास :टी एंड डी लॅास: करीब 42 प्रतिशत है और पूर्व में संचरण के दौरान विद्युत की हानि (आपरेटिंग लास) जो करीब 56 प्रतिशत थी वह अब घटकर 43 प्रतिशत हो गया है.

उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में आपरेटिंग लास अभी भी अधिक है और उसका कारण विद्युत की उपलब्धता का बढना है. संदीप ने कहा कि देश के सभी राज्यों में शहरी इलाका की तुलना में ग्रामीण इलाकों में आपरेटिंग लास कम रहता है पर बिहार में बिजली की उपलब्धता अब ग्रामीण इलाकों में बढने से आपरेटिंग लास की गति थोडी धीमी रहेगी. उन्होंने यह स्वीकार किया कि पूर्व में बिल पहुंचाने की बेहतर व्यवस्था नहीं थी और इस समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक फीडर पर एक फ्रेंचाईजी की व्यवस्था की गयी है जिससे पिछले जनवरी महीने में एक लाख से अधिक बिजली का बकाया भुगतान करने वालों की संख्या बढी है.

संदीप ने कहा कि अब हर एक-दो गांव पर एक रेवेन्यु फेंचाईजी की नियुक्ति की जा रही है जो मीटर की रीडिंग करने के साथ बिल उपभोक्ता तक पहुंचाएगा तथा भुगतान को बिजली कार्यालय में जमा कराएगा. उन्होंने बताया कि काफी दिनों से बकाया बिजली बिलों के भुगतान के लिए वन टाईम सेटलमेंट स्कीम लायी गयी है और बिजली बिल से संबंधित शिकायतों की सुनवाई एवं समाधान के लिए प्रत्येक वृहस्पतिवार को डिविजन एवं सब डिविजन स्तर पर शिकायत निष्पादन शिविर का आयोजन किया जाएगा.

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