नयी दिल्ली/ पटना: गैर कांग्रेस-गैर भाजपा फेडरल फ्रंट का चुनावी अभियान बिहार से शुरू होगा. मार्च में पटना में बड़ी रैली होगी. इसमें मंच पर मुलायम सिंह यादव, नवीन पटनायक, एसडी देवेगौड़ा, प्रकाश करात व एबी वर्धन समेत 11 दलों के बड़े नेता मौजूद रहेंगे.
यहां से तीसरे फ्रंट का बिगुल फूंका जायेगा. रैली की तिथि को लेकर 22 फरवरी के बाद दिल्ली में एक बैठक होगी. पटना के बाद दूसरे राज्यों में भी रैलियां की जायेंगी, जिनमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष शरद यादव शिरकत करेंगे. जदयू महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के आवास पर नीतीश कुमार गये और वहां वाम नेताओं के साथ पहले दौर की बैठक हुई. 21 फरवरी को संसद का वर्तमान सत्र समाप्त हो जायेगा और 22 फरवरी को बिहार विधानमंडल का सत्र खत्म होगा. इसके बाद तीसरे फ्रंट की गतिविधियां तेज हो जायेंगी.
सोमवार की शाम पटना लौटने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फेडरल फ्रंट सबसे बड़ा और व्यापक होगा. उन्होंने बताया कि सत्र के बाद फ्रंट के गठन के लिए औपचारिक विमर्श होगा. पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज हुई बैठक में सीपीएम और सीपीआइ के नेता मौजूद थे. मुलायम सिंह यादव से भी बात हुई है. देश के फेडरल स्वरूप के अनुसार मोरचा का नाम होगा. जो पार्टियां संसद के अंदर नहीं हैं, लेकिन संसद के बाहर उनका आधार है, ऐसे दलों को भी फ्रंट में शामिल किया जायेगा. वाम दल के नेता सबों से बात कर आपसी सहमति तय करेंगे. जयललिता के पीएम पद की उम्मीदवारी संबंध प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. फ्रंट के गठन के लिए व्यापक मुद्दों को लेकर विमर्श हुआ है. मुद्दों के बारे में उन्होंने कहा कि सेकुलरिज्म सहित विभिन्न मुद्दों पर ठोस बातों पर सहमति बन रही है.
भाजपा को पता चल जायेगा कौन है लूजर : अरुण जेटली द्वारा तीसरे मोरचे को असफल बताने संबंधी प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि एनडीए पहले 24 दलों का मोरचा था. अब तीन दलों का रह गया है. यूपीए में भी कई दल थे, अब कम हो गया है. सफलता-विफलता की बात सापेक्ष होता है. तेलंगाना पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कई मुद्दे राज्यों के हैं. कई बातों पर सहमति बनी है. नरेंद्र मोदी के पिछड़ा कार्ड खेलने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कोई कहां पैदा लेता है, उससे थोड़े ही कुछ होता है. उसने समाज के लिए क्या संघर्ष किया, इस पर सब निर्भर करता है. नमो को हवा-हवाई नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि फेडरल फ्रंट के गठन की नाम से ही हवा निकलने लगी है.
वे परेशान हैं. इसलिए प्रहार कर रहे हैं. उनकी पूरी योजना कम्युनल कार्ड खेलने की है. कुमार ने कहा कि हम मुद्दों, नजरियों पर बात करते हैं. गरीबी उनके राज्य में है, कहते हैं बिहार-यूपी के कारण गरीबी है. अब वे महाराष्ट्र की भाषा बोल रहे हैं.बिहारी वहां नहीं रहेगा, तो उनका विकास ही ठप हो जायेगा. उनका हीरा कौन तरासेगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों की कांग्रेस-भाजपा से मोहभंग हो चुका है.
जनता इनके खिलाफ हो गयी है. इसलिए सही विकल्प हो, ताकि जनता ठगी न जाये. नरेंद्र मोदी पर भावनात्मक मुद्दों को उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सामाजिक, आर्थिक नीति और वैदेशिक नीति क्या हो? पर बात ही नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि फेडरल फ्रंट देश को आगे ले जायेगा. अरुण जेटली के इस बयान पर कि तीसरा मोरचा हमेशा लूजर रहा है, नीतीश ने कहा कि मैं जेटली जी को शुभकामना देता हूं कि वे पार्टी में तो दुरुस्त रहें. बाद में पता चल जायेगा कि कौन लूजर है और कौन विनर. टिकट के लिए एक नेता द्वारा मोरचा खोलने संबंधी प्रश्न के जवाब में कहा कि चुनाव के समय में यह सब होता ही रहता है. बीएचयू की बिहार में शाखा के बारे में कहा कि वे इसके लिए सदन में भी कहा है कि इसके लिए बिहार सरकार जमीन देगी. यह सूचना बीएचयू और केंद्र सरकार को भी दिया गया है. इससे तो बिहार के छात्र को ही फायदा होगा.
आज का दिन किसानों का दिन : कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने पर कहा कि आज का दिन बिहार के किसानों का दिन है. यह पुरस्कार बिहार को दूसरी बार मिला है. पहले तो बिहार सबसे कम उत्पादन वाला राज्य में था. किसानों को कृषि रोड मैप के तहत तकनीकी मदद और सहायता से उत्पादन बढ़ा है. अब सभी फसलों में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास होगा.