पटना: कई जिलों में शिक्षा के अधिकार कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. शिवहर जिले में सत्र 2013-14 में किसी भी निजी स्कूल में एक भी गरीब बच्चे का नामांकन नहीं हुआ. वहीं, अरवल में 12, लखीसराय में 13, सीतामढ़ी में 19, कटिहार में 30 और बक्सर जिले में मात्र 35 गरीब तबके के बच्चों का नामांकन हो सका. इन जिलों में भी 20-50 निजी स्कूल तो हैं, लेकिन किसी में गरीब बच्चे का नामांकन नहीं हुआ.
शिक्षा विभाग अब ऐसे स्कूलों को नोटिस भेज रहा है. 2013 में सबसे ज्यादा नामांकन पटना जिले में हुआ. पटना में 700 बच्चों का नामांकन हुआ है. वहीं, नवादा में 685, भोजपुर में 598, मुंगेर में 363, मुजफ्फरपुर में 345 और किशनगंज में 302 बच्चों का नामांकन हुआ है.
वहीं, अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें, तो कई जिलों में पिछले साल की अपेक्षा भी कम नामांकन हुआ है. शिक्षा के अधिकार के तहत हर निजी स्कूलों में क्लास एक में 25 फीसदी गरीब तबकों के बच्चों का नामांकन होना है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है.
स्कूलों को भेजा जा रहा नोटिस : प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक सह प्रवक्ता आएएस सिंह ने बताया कि सीबीएसइ व आइसीएसइ से मान्यता प्राप्त जिन निजी स्कूलों ने 25 फीसदी गरीब बच्चों का नामांकन नहीं लिया है, शिक्षा विभाग उन्हें नोटिस भेज रहा है. संबंधित स्कूलों से उचित जवाब नहीं देने पर विभाग उनकी मान्यता तक रद्द करने की कार्रवाई कर सकता है.