पटना: राज्य पुलिस मुख्यालय ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण एवं सूचना प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान का किसी आतंकी अथवा आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है. एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस मुख्यालय को सीतामढ़ी और मोतिहारी एसपी की रिपोर्ट मिल गयी है. रिपोर्ट में न तो दोनों संदिग्धों […]
पटना: राज्य पुलिस मुख्यालय ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण एवं सूचना प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान का किसी आतंकी अथवा आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है. एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस मुख्यालय को सीतामढ़ी और मोतिहारी एसपी की रिपोर्ट मिल गयी है.
रिपोर्ट में न तो दोनों संदिग्धों के आतंकी संगठन आइएम के साथ संबंध पाये गये हैं और न ही इन दोनों संदिग्धों के संबंध राज्य के कैबिनेट मंत्री शाहिद अली खान से हैं. एसएसबी ने सूचना बिहार पुलिस को 17 जनवरी को भेजी थी.
मंत्री ने आरोपों को नकारा : बिहार सरकार के सूचना प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान ने खुद पर लगे आतंकी कनेक्शन के आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर आरोप में मैं गलत हूं तो मुङो फांसी पर लटका दिया जाये. लेकिन अगर आरोप साबित नहीं होता है, तो आरोप लगाने वाले के साथ भी ऐसा ही किया जाना चाहिए. उन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. शाहिद अली खान ने कहा कि ऊपर वाले पर पूरा भरोसा है.
एसएसबी की इनपुट पर कार्रवाई
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी ने राज्य पुलिस मुख्यालय को एक खुफिया इनपुट दी थी कि सीतामढ़ी के बैरगनिया के मथुरा मार्केट में साइकिल की दुकान चलाने वाले जमील अख्तर और पूर्वी चंपारण के ढाका के एक राज मिस्त्री मंजूर साईं के संबंध आइएसआइ और आइएम के साथ हैं. दोनों आतंकियों के संबंध बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण व सूचना प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान के साथ भी बताये जाते हैं. पुलिस मुख्यालय ने एसएसबी की सूचना क ी जांच की जिम्मेदारी सीतामढ़ी और मोतिहारी एसपी को दी थी. जब इन दोनों एसपी ने इसकी जांच की, तो पाया कि दोनों का आइएसआइ से जुड़े होने को न कोई प्रमाण मिला और न ही उनके संबंध राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से ही पाये गये.