पटना: मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि फरवरी में 29 व मार्च में 129 यानी कुल 150 भ्रष्ट लोकसेवकों को सेवा से बरखास्त कर दिया जायेगा. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही पूरी हो चुकी है. 2006 से अब तक 95 लोकसेवकों को सेवा से बरखास्त किया जा चुका है, जिनमें सर्वाधिक 44 पुलिसकर्मी हैं.
बचानेवालों को भी वही सजा : शुक्रवार को सचिवालय स्थित सभाकक्ष में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि सेवा नियमावली में प्रावधान है कि अगर कोई रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार होता है, तो उसे सेवा से बरखास्त किया जायेगा. इससे कम दंड देने का प्रावधान नहीं है. लेकिन, समीक्षा में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिससे स्पष्ट हुआ है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद या तो उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है या फिर कम सजा दी गयी है. मुख्य सचिव ने कहा कि कम सजा देनेवाले अधिकारियों को भी वही सजा दी जायेगी, जो भ्रष्ट लोकसेवक को. यानी उन्हें भी सेवा से बरखास्त किया जायेगा.
कार्रवाई में लायी जायेगी तेजी : मुख्य सचिव ने बताया कि अखिल भारतीय सेवा के जिन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई में तेजी लायी जायेगी. भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ 81 मामले दर्ज किये गये हैं, जिनमें 100 पुलिसकर्मी आरोपित हैं. इसमें से 44 को सेवा से बरखास्त कर दिया गया है. शेष 56 पर कार्रवाई अंतिम चरण में है. संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचिव के अलावा सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव डॉ धर्मेद्र सिंह गंगवार व सूचना एवं जनसंपर्क व पथ निर्माण के सचिव प्रत्यय अमृत थे.
झकारी राम निलंबित : खान एवं भूतत्व विभाग ने शेखपुरा के खनिज विकास पदाधिकारी झकारी राम और गोपालगंज के खान निरीक्षक विरेंद्र प्रसाद यादव को आय के ज्ञात स्नेत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में शुक्रवार को निलंबित कर दिया है. दोनों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने मामला दर्ज किया था. दोनों अधिकारियों के ठिकानों पर की गयी छापेमारी में इओयू ने करोड़ों रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था.
विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि निलंबन अवधि में झकारी राम का मुख्यालय अंचल कार्यालय, पटना होगा, जबकिगोपालगंज के खान निरीक्षक विरेंद्र प्रसाद यादव का मुख्यालय जिला खनन कार्यालय, पटना होगा.
नौ आइएएस भ्रष्टाचार के आरोपित
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य के नौ आइएएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं. किसी मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है, किसी में मिली भी है तो मामला कोर्ट में विचाराधीन है. जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनमें मधेपुरा के तत्कालीन डीएम हेमचंद्र झा, झारखंड कैडर के रिटायर्ड आइएएस सीके बसु, महेश्वर पात्र, के सैंथिल कुमार, राधेश्याम बिहारी सिंह व सुबोध कुमार ठाकुर हैं. के सैंथिल कुमार के खिलाफ दो मामले चल रहे हैं. इनके अलावा बीबी सहाय, अशोक कुमार सिंह, बागंबर प्रसाद हैं. ये रिटायर हो चुके हैं.