पटना: नये सीवरेज सिस्टम से राजधानी के हर घर को जोड़ा जायेगा. इसका नेटवर्क 1250 किमी का होगा. इसके लिए शहर को छह जोनों में बांटा जायेगा. सभी जोन में अलग-अलग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किये जायेंगे. कंकड़बाग व दीघा में इसके लिए जमीन खोजी जा रही है.
सिंगापुर की कंपनी मेनहर्ट ने इसकी डीपीआर तैयार की है. शनिवार को नगर निगम बोर्ड ने डीपीआर के अनुमोदन व मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर के लिए नगर आयुक्त को अधिकृत कर दिया. प्रस्ताव मेयर अफजल इमाम ने रखा. उन्होंने कहा कि यह जनहित से जुड़ा बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है.
2017 तक होगा पूरा : बुडको के एमडी अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि वर्तमान में चार स्थानों पर एसटीपी लगे हुए हैं और 27 किमी नेटवर्क है, जो संचालित नहीं है. प्रस्तावित सीवरेज सिस्टम के तहत 1250 किमी में इसका नेटवर्क होगा. प्रोजेक्ट 2600 करोड़ का है, जिसमें 70 प्रतिशत भारत सरकार व 30 प्रतिशत राज्य सरकार की राशि शामिल है. नगर निगम की स्वीकृति मिल गयी है और पांच फरवरी को भारत सरकार के शहरी मंत्रलय में डीपीआर उपलब्ध कराने के बाद राशि आवंटित की जायेगी. शहरी मंत्रलय से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर निकालने व एजेंसी चयनित करने में तीन-चार माह लग जायेंगे. लेकिन, 2017 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लेना है.
संशोधन के बाद टेंडर डॉक्यूमेंट पारित : मेयर ने ठोस कचरा प्रबंधन के तहत सफाई उपकरणों के क्रय व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन को लेकर एजेंसी चयनित करने के लिए तैयार किये गये टेंडर डॉक्यूमेंट के प्रस्ताव पर कहा कि पूर्व में स्थायी समिति व निगम बोर्ड ने जो सुझाव दिया, उसे इसमें शामिल नहीं किया गया है. नगर आयुक्त ने कहा कि छोटे वाहनों में पावर स्टेयरिंग नहीं होता है. इस पर कई वार्ड पार्षदों ने सवाल उठाये. वहीं मेयर ने पावर स्टेयरिंग के साथ-साथ 12 से 16 सीसी के वाहन होने की बात कही. इस पर नगर आयुक्त ने स्वीकृति दी, तब जा कर प्रस्ताव मंजूर किया गया.