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खाद्य सुरक्षा: राज्य सरकार अपनी ओर से खर्च करेगी 800 करोड़

पटना: सामाजिक-आर्थिक गणना के आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू करनेवाला बिहार पहला राज्य बन गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया. राज्य सरकार इसे लागू करने पर अपनी ओर से करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसका लाभ प्रदेश के सात करोड़ 60 लाख से अधिक शहरी और ग्रामीण लोगों […]

पटना: सामाजिक-आर्थिक गणना के आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू करनेवाला बिहार पहला राज्य बन गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया. राज्य सरकार इसे लागू करने पर अपनी ओर से करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसका लाभ प्रदेश के सात करोड़ 60 लाख से अधिक शहरी और ग्रामीण लोगों को मिलेगा.

राज्य सरकार ने इस योजना की मॉनीटरिंग की फुलप्रूफ व्यवस्था की है. खाद्य निगम की गोदामों से निकलनेवाले ट्रकों की जीपीएस सिस्टम से निगरानी की जायेगी. कोई भी ट्रक रास्ते से जैसे ही भटकेगा, इसकी तुरंत सूचना निगरानी इकाई को मिल जायेगी. ट्रक से अनाज भरे बोरों को उतारने

की भी जानकारी मिल सकेगी. गोदाम से निकलनेवाले सभी ट्रकों की जानकारी एसएमएएस से पीडीएस दुकानदार और निगरानी समिति के सदस्यों और उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी. मुख्यमंत्री द्वारा योजना के शुभारंभ करते ही चार जिलों की एक-एक पंचायत के पीडीएस दुकानदारों समेत 70 हजार लोगों को एसएमएस से ट्रकों द्वारा खाद्यान्न जाने की सूचना मिल गयी.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू ने भी इस कानून को संसद में पारित कराने में सहयोग किया है. राज्य सरकार की सलाह पर इसमें कई प्रावधान किये गये. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच किलो अनाज एक व्यक्ति के लिए पर्याप्त नहीं है, पर इससे उस परिवार को अनाज पर कम खर्च करना पड़ेगा. इससे उनके खान-पान में पोषक सामग्री शामिल होगी.

केंद्र दे रहा केवल अनाज : मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र बिहार में बीपीएल परिवारों की संख्या के लिए हुए सर्वेक्षण को स्वीकार नहीं करता था. हमलोग कहते थे कि बिहार में एक करोड़ 40 लाख बीपीएल परिवार हैं, जबकि केंद्र 72 लाख ही मानता रहा. एसइसीसी के सर्वेक्षण के आधार पर लाभुकों का चयन किया गया है. अभी इसमें मिली 40 लाख शिकायतों का निबटारा किया जा रहा है. शिकायतों के निबटारे के बाद उचित लोगों को सूची में शामिल किया जायेगा. जरूरत पड़ी, तो शिकायतों के निबटारे के लिए समय का विस्तार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस योजना में केंद्र सरकार ने सिर्फ अनाज दिया है. पीडीएस दुकानदारों को कमीशन पर राज्य को चार सौ करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेगा. सिर्फ पीडीएस दुकानों तक अनाज पहुंचाने में राज्य को 388 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. पहले तो जनवितरण प्रणाली की पूरी जिम्मेवारी केंद्र सरकार की होती थी.

मुख्यमंत्री का सपना पूरा : खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून लागू करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना था. आज से राज्य के छह करोड़ 90 लाख ग्रामीण और 70 लाख शहरी लोगों को इस योजना के तहत अनाज मिलेगा. अंत्योदय योजना के तहत 25 लाख परिवार और अन्नपूर्णा योजना के तहत एक करोड़ 16 लाख लोगों को यह लाभ मिलेगा. विभागीय प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने कहा कि जिस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, उसमें शिकायत की कोई आशंका नहीं रहेगी. मौके पर मुख्य सचिव एके सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद, एसएफसी के एमडी डॉ दीपक प्रसाद आदि मौजूद थे.

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