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लेट आये तो हाथ से गयी नौकरी

पटना: जिले के उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर का शिक्षक नियोजन शिविर बुधवार को केबी सहाय उच्च विद्यालय में शुरू हुआ. पहले दिन जिले के सभी नगर निकायों में उपलब्ध कुल 339 रिक्तियों के लिए लगभग 1400 अभ्यर्थी उपस्थित हुए. नगर निगम में 171 पदों के विरुद्ध 145 को ही नौकरी मिली, जबकि नगर परिषद व […]

पटना: जिले के उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर का शिक्षक नियोजन शिविर बुधवार को केबी सहाय उच्च विद्यालय में शुरू हुआ. पहले दिन जिले के सभी नगर निकायों में उपलब्ध कुल 339 रिक्तियों के लिए लगभग 1400 अभ्यर्थी उपस्थित हुए. नगर निगम में 171 पदों के विरुद्ध 145 को ही नौकरी मिली, जबकि नगर परिषद व नगर पंचायत की कुल 168 रिक्तियों के विरुद्ध 100 की नियुक्ति हुई.

नगर परिषद व पंचायत के चयनित अभ्यर्थियों को हाथों-हाथ नियुक्ति पत्र दे दिया गया. नगर निगम के चयनित 100 अभ्यर्थियों को 31 जनवरी को नगर आयुक्त कार्यालय में नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. हालांकि इसके बावजूद नगर निगम के 26 और नगर परिषद व नगर पंचायत की 68 सीट खाली रह गयी. कई अभ्यर्थियों को अनुपस्थित करार दिया गया, जिससे उन्हें नियोजन काउंसेलिंग से वंचित रहना पड़ा. विभाग द्वारा दिये समयानुसार सुबह 10 से शाम चार बजे तक उपस्थित होने की सूचना दी गयी थी. कई अभ्यर्थी एक बजे के बाद पहुंचे, जिससे वे रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके.

उनकी काउंसेलिंग नहीं की गयी. उन्हें निराश होकर कैंप से लौटना पड़ा. मसौढ़ी से आये राजनीति विज्ञान के छात्र राजीव रंजन 12.30 बजे सेंटर पहुंचे, तो उन्हें यह कह कर लौटा दिया गया कि वह समय से लेट हो गये हैं. राजीव ने बताया कि मेधा सूची में वे पांचवें नंबर पर थे, जिससे उनका नियोजन संभव था. राजीव पीयू के दीक्षांत समारोह में एमएड की डिग्री लेने के बाद नियोजन सेंटर तो पहुंचे, पर उन्हें वहां से निराश लौटना पड़ा.

इन्हें मिला पहला नियुक्ति पत्र: समाज शास्त्र विषय में मेधा सूची में पहले नंबर पर चल रहे संजीव कुमार व गृह विज्ञान विषय में नंबर वन पर रही अभिलाषा कुमारी को पहला नियुक्ति पत्र मिला. इन्हें खुसरूपुर महादेव उच्च विद्यालय के लिए भेजा गया है. आवेदन के तहत 30 दिनों के अंदर स्कूल में योगदान करेंगे. अभिलाषा ने बताया कि वर्तमान में वह पावापुरी में प्लस टू स्कूल में नियोजन शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई पटना में होने से उन्हें बच्चों से अलग रहना पड़ रहा था. अब नये नियोजन से उन्हें बच्चों के साथ रहना का मौका मिल सकेगा.

विषय वार हुई काउंसेलिंग : स्कूल में कुल अलग -अलग विषयों की काउंसेलिंग की गयी. कुल 19 विषयों की काउंसेलिंग की गयी. क्लास रूम से लेकर कैंपस ग्राउंड व बरामदे तक में अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग की व्यवस्था की गयी. जहां अभ्यर्थी अपने विषयों के अनुरूप लगे सूचना पट के अनुसार उन जगहों में बैठ अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. एक -एक कर शिक्षक मेधा सूची के आधार पर बुलाते गये. किसी के पास फोटो नहीं, तो किसी के पास मूल प्रमाण पत्र नहीं होने की समस्या रही. कोई अपने घर पर फोन कर बता रहा था तो कोई गेट के बाहर खड़े परिजनों को इसकी सूचना देकर प्रमाण पत्र मंगाने में व्यस्त दिखा.

कइयों के पास तो बीएड के मूल प्रमाण पत्र नहीं होने पर आवेदन लगा काम चलाने को कहा गया. जिससे अभ्यर्थियों की सांसे इस वजह से अटकी रही कि कहीं उनका मेरिट लिस्ट में नाम इस वजह से कैंसिल न हो जाये.

उर्दू टीचरों का हंगामा, काउंसेलिंग स्थगित
पटना में चल रहे अंतर जिला स्थानांतरण की काउंसेलिंग में उर्दू शिक्षिकाओं ने जम कर हंगामा किया. शास्त्रीनगर व्याज हाइ स्कूल में चल रहे काउंसेलिंग में उर्दू शिक्षिकाओं ने खुद को सामान्य शिक्षकों के पद पर पदस्थापित करने की मांग पर अड़ गयी. उनका कहना था कि उनकी नियुक्ति भले ही उर्दू शिक्षक के रूप में हुई है, लेकिन उनका तबादला सामान्य शिक्षक की कोटि में किया जाये. हंगामे की जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने इसे स्थगित करने का निर्देश दिया. बुधवार को 150 शिक्षकों के स्थानांतरण संबंधी आवेदन पर विचार होना था. इसमें से 38 की काउंसेलिंग भी हो गयी, लेकिन उर्दू के चार सीट भरते ही उर्दू शिक्षिकाओं ने हंगामा शुरू किया. वे अपने आप को सामान्य शिक्षक को कोटि में ट्रांसफर की मांग कर रही थी.

अब बाकी बचे पदों के लिए फिर से काउंसेलिंग होगी. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता सह प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक आर. एस. सिंह ने बताया कि उर्दू शिक्षकों के लिए फरवरी महीने तक 28 पद निकाले गये थे, जबकि 110 आवेदन आये थे. ऐसे में जब पद खाली होता तो उन्हें सीधे मौका मिल जाता.उर्दू शिक्षकों को सामान्य कोटी में स्थानांतरण हो सकता है. इस पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा है. उर्दू के जो शिक्षक 200 अंक की पढ़ाई किये होंगे, उनका तबादला सामान्य शिक्षक का पद रहने पर हो सकता है. क्योंकि वे शिक्षक या शिक्षिका उर्दू के साथ-साथ कई और विषय छात्र छात्रओं को पढ़ा सकते हैं. खाली पदों से उर्दू शिक्षिकाओं की तुलना करें तो इनकी संख्या कम है. ऐसे में प्रक्रिया शुरू होने पर मार्च महीने तक ये पद भरे भी जा सकते हैं. उर्दू शिक्षिकाओं की संख्या करीब सौ है, जबकि सामान्य कोटि के 150 पद रिक्त हैं.

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