पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के शव मिले हैं उनमें बाबूलाल रामकी (40) पुष्पा कुमारी(19) और सुखवलिया देवी (45) शामिल
एनडीआरएफ की टीम द्वारा छह अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पलिया गांव में काम करने के बाद उक्त नौका पर सवार होकर 21 लोग अपने घर लौट रहे थे तभी तेज बहाव के कारण नौका असंतुलित होकर नदी में पलट गयी.
सभी महिलाएं चौसा प्रखंड के न्यायीपुर गांव की रहनेवाली हैं. घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी रमन कुमार, एसपी बाबूराम और अनुमंडलाधिकारी अवधेश कुमार आनंद मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुट गये. लापता शवों की बरामदगी के लिए गोताखोरों को लगाया गया. सूत्रों ने बताया कि चौसा प्रखंड के न्यायीपुर गांव से प्रतिदिन महादलित टोले की महिलाएं उत्तरप्रदेश के पलिया गांव में टमाटर के खेतों में मजदूरी करने जाती हैं. हर दिन की तरह मंगलवार को भी न्यायीपुर गांव की 22 महादलित परिवार की महिलाएं पलिया गयी हुई थीं.
काम के बाद संध्या समय काम से वापस अपने गांव लौट रही थीं. महिलाएं जिस नाव पर सवार थी उस नाव पर टमाटर और आलू लदा हुआ था. हादसे में बची रमेश राम की पत्नी ललिता देवी बताती हैं कि पलिया घाट से नाव चौसा बाजार घाट की ओर रवाना हुई.
नाव चौसा बाजार घाट से कुछ दूर ही थी कि नाव में पानी भरना शुरू हो गया और देखते-देखते नाव गंगा नदी में डूब गयी. नाव को डूबते हुए देख आसपास के राजू चौधरी सहित कुछ साहसी युवकों ने गंगा में कूद कर बंगा राम की पत्नी पवित्री देवी, रमेश राम की पत्नी राधिका देवी, लाल मोहर राम की पत्नी ललिता देवी, सुखारी राम की पत्नी कुमरिया देवी, किशोरी राम की पत्नी ललिता देवी, निरीश राम की पत्नी मीना देवी, अशोक राम की पुत्री कवि कुमारी, कांग्रेस राम की पत्नी और विजय राम की सात वर्षीय पुत्री रेखा कुमारी की जान बचायी.