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गंडक नदी पर बांध निर्माण के लिए दूसरे दिन भी धरना जारी
कुचायकोट. गंडक नदी की तबाही को साल दर साल ङोल रहे सैकड़ों लोगों का धैर्य अब टूट चुका है. सरकार से आरपार की लड़ाई करने का निर्णय लिया है. दियारा संघर्ष समिति के बैनर तले दूसरे दिन भी अनशन जारी रही. अनशन के समर्थन में सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को दिन भर सिपाया ढाला पर बैठे […]
कुचायकोट. गंडक नदी की तबाही को साल दर साल ङोल रहे सैकड़ों लोगों का धैर्य अब टूट चुका है. सरकार से आरपार की लड़ाई करने का निर्णय लिया है. दियारा संघर्ष समिति के बैनर तले दूसरे दिन भी अनशन जारी रही. अनशन के समर्थन में सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को दिन भर सिपाया ढाला पर बैठे रहे. सोमवार की सुबह नौ बजे से दियारा संघर्ष समिति के संरक्षक शिवजी सिंह कुशवाहा, संयोजक तथा दलित सेना के अध्यक्ष अनिल कुमार मांझी, पूर्व जिला पार्षद सत्येंद्र बैठा, जगन्नाथ सिंह, राज बलम प्रसाद अनशन पर बैठे हुए हैं. वहीं, अनशन के दूसरे दिन सामाजिक कार्यकर्ता धनराज सिंह, मिथलेश राय, मुखिया कृष्णा यादव, विजय कुमार मांझी, नंद किशोर नंदू, राजेश कुमार देहाती, असगर अली, मुन्ना पंडित समेत पांच हजार से अधिक लोग सुबह आठ बजे से ही धरना पर आकर बैठ गये. बैठक में इस आंदोलन को तब तक जारी रखने का निर्णय लिया गया, जब तक कि यहां हजारों बेघर हुए परिजनों को पुनर्वास की व्यवस्था स्थायी तौर पर नहीं हो जाती. यहां गंडक नदी पर नया बांध बनाने की मांग को लेकर जारी आंदोलन पर जब तक सरकार की नींद नहीं खुलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन के जरिये सरकार तक पीड़ितों का दर्द पहुंचाने का प्रयास किया गया है. यहां गंडक नदी से काला मटिहिनियां का पांच गांव वर्ष 2013 में ही नक्शा से गायब हो गया. साल दर साल यह सिलसिला चल रहा है. गन्ना किसान अपने बकाया राशि के भुगतान के लिए परेशान हैं. उनके पास गन्ना ही एक मात्र नकदी फसल है, वह भी चीनी मिल की तिजोरी में बंद है. ऐसी स्थिति में पीड़ित जाएं तो जाएं कहां.
एसडीएम का प्रयास हुआ विफल
कुचायकोट. गंडक नदी पर बांध तथा कटाव पीड़ित सैकड़ों परिवार को पुनर्वास देने जैसी मांगों को लेकर सिपाया ढाला पर अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों से वार्ता करने पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी रेयाज अहमद खा ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि सरकार ने यूपी के अहिरौली दान से विशुनपुर गाइड बांध तक नया बांध बनाने की मंजूरी दे दी है. कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. जल्द ही यहां नया बांध बनाने का काम शुरू हो जायेगा. धरना पर बैठे लोग लिखित आश्वासन मांगने लगे कि निर्माण कार्य कब से शुरू और कब तक खत्म होगा. इस पर एसडीएम ने अपने स्तर से उसे समझाने का प्रयास किया, जो विफल हो गया. अनशनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इस बार वे मुख्यमंत्री की संकल्प रैली तक अपने आंदोलन को जारी रखने तथा पीड़ितों के लिए उचित आश्वासन लेने का निर्णय लिया है.
राजद ने अनशन का किया समर्थन
गंडक नदी पर बांध निर्माण की मांग को लेकर दियारा संघर्ष समिति द्वारा जारी आमरण अनशन का राजद ने समर्थन किया है. राजद के जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि राजद पूर्व से ही गंडक नदी पर बांध बनाने की मांग करता आ रहा है. इस नदी पर बांध नहीं बनने के कारण हर साल दर्जनों परिवार बाढ़ की विभीषिका ङोलते हैं. साथ ही हजारों एकड़ में लगी फसल बरबाद हो जाती है. राजू ने जिला प्रशासन से इस सारे प्रकरण को राज्य सरकार से अवगत कराने की मांग करते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही इस मामले में राज्य सरकार कोई ठोस निर्णय नही लेती है तो राजद इस आंदोलन को और तेज करने को विवश हो जायेगा. उन्होंने पूरे प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख कर दियारा क्षेत्र को इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है. इस अवसर पर राजद के प्रधान महासचिव इम्तेयाज अली भुट्टो भी मौजूद थे.
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