पटना : कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच गठबंधन पर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश की जनता उनकी कथनी और करनी के अंतर को समझ रही है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजद से गठबंधन के विषय पर कहा था कि वह किसी व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि एक पार्टी से गठबंधन कर रहे हैं. इसके बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि राहुल जितनी भी सफाई दे लें पर देश की जनता उनकी कथनी और करनी के अंतर को समझ रही है. एक निजी समाचार चैनल पर कल साक्षात्कार के दौरान राहुल के राजद के साथ गठबंधन को लेकर दी गयी सफाई के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने आज कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि राजद और कांग्रेस का पुराना गठबंधन है तथा यह स्वभाविक है.
गठबंधन नहीं होने पर आश्चर्य होता.उन्होंने कहा कि लालू पूर्व से ही कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग में थे और यूपीए वन में मंत्री रहे पर यूपीए टू में मंत्री नहीं बनाए गए लेकिन कांग्रेस ने उन्हें साथ रखा. नीतीश ने कहा कि यही कारण ही है कि कांग्रेस ने लोकसभा में लालू को अपनी हिस्से की पहली कतार की सीट दे रखी थी. उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों का मन मिलता है और उनका स्वभाव एक जैसा है तथा विचार एक है क्योंकि संप्रग कार्यकाल में जिस प्रकार से भ्रष्टाचार बढा और मंहगाई बढी है उसके वे साथ पोषक रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि केवल कहने से काम नहीं चलता बल्कि आप क्या करते हैं यह महत्वपूर्ण है और लोगों के मन पर जो असर पडा है वह अचानक और यूं ही नहीं है बल्कि उनके कार्य शैली जिसमें भ्रष्टाचार के एक से एक मामले और मंहगाई की मार शामिल हैं इसके लिए जवाबदेह वे ही हैं.उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाने के बाद भी सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों की सदस्यता समाप्त किए जाने के मुद्दे पर हमने राहुल के विचार का समर्थन किया था और ठीक बताया थाराहुल के उक्त अध्यादेश का विरोध किए जाने पर केंद्र ने उसे वापस ले लिया था जिसके कारण चारा घोटाले एक मामले में सजा पाने वाले राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गयी थी. लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के एक बडा मुद्दा होने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने हां कहते हुए कहा कि यह इतना बडा मुद्दा है कि पूरे देश की जनता ने दो बार एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत बंद का आयोजन किया था.
नीतीश ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में बिहार में एक और मुद्दा केंद्र की संप्रग सरकार द्वारा पिछडे राज्य के लिए कुछ नहीं किया जाना होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्ज की मांग थी और एक समय ऐसा लगा था कि वह इस दिशा में सही कदम उठा रहे हैं पर बाद में राजनैतिक कारणों पर इसको लेकर कदम आगे बढाना रोक दिया. अगले लोकसभा चुनाव में जदयू से अन्य दलों से गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हमारी गठबंधन को लेकर कोई बात ही नहीं हुई. उन्होंने कहा कि वे शुरु से ही कह रहे हैं कि जदयू अपने बलबूते लोकसभा का चुनाव लडेगी और अगर वामदलों के साथ गठबंधन होता है तो ऐसा हो सकता है पर इसके अलावा कोई गठबंधन की बात कभी भी किसी से और कभी भी हमारी नहीं हुई है. नीतीश ने कहा कि बीच के दौर में रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा से गठबंधन की बात आयी थी जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि यह उनपर निर्भर करता है.
नीतीश ने कहा कि कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि जदयू का उसके साथ गठबंधन का प्रश्न ही नहीं पैदा होता क्योंकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मामले को शुरु करके उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, ऐसे में जदयू ने बिहार के हक की लडाई का जो संकल्प लिया है और इसको लेकर वे आगे भी लडते रहेंगे. राहुल गांधी के उस कथन पर कि 2002 में गुजरात दंगे भड़काने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है जबकि कांग्रेस सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोकने की कोशिश की थी, इसके बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कांग्रेस सिख विरोधी दंगे और वर्ष 1989 में बिहार के भागलपुर दंगा के लिए तथा भाजपा सरकार गुजरात दंगे के लिए जिम्मेवार है. नीतीश ने कहा कि भागलपुर दंगे के बाद बिहार में सत्ता में आयी वर्तमान में कांग्रेस की सहयोगी राजद सरकार ने साक्ष्य रहते मामलों को बंद करने का काम किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर ऐसे मामलों में सजा दिलवाने के साथ पीडितों को मुआवजा और बेसहारों को पेंशन देना शुरु किया है.