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बांकीपुर क्लब में दवा व्यवसायी की मौत

पटना: बांकीपुर क्लब के बियर बार में दवा व्यवसायी वीरेश रंजन उर्फ वीरु बाबू की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी. उनके मुंह, नाक व आंख के पास से खून निकल रहा था. इन तीनों जगहों पर चोट के भी निशान थे. वह बार के अंदर फर्श पर गिरे हुए थे. उनके परिजनों ने हत्या […]

पटना: बांकीपुर क्लब के बियर बार में दवा व्यवसायी वीरेश रंजन उर्फ वीरु बाबू की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी. उनके मुंह, नाक व आंख के पास से खून निकल रहा था. इन तीनों जगहों पर चोट के भी निशान थे. वह बार के अंदर फर्श पर गिरे हुए थे. उनके परिजनों ने हत्या करने की बात कही है. इसकी जानकारी क्लब के गार्ड जीतेंद्र ने गुरुवार की सुबह उनकी पत्नी मीना सिंह को राजेंद्रनगर रोड नंबर तीन स्थित उनके आवास पर जाकर दी. मीना सिंह ने दामाद व व्यवसायी पुनीत कुमार (कदमकुआं निवासी) व बेटी रोहिणी रंजन को सूचना दी. पुनीत व रोहिणी गार्ड जीतेंद्र के साथ क्लब में पहुंचे. इसके बाद गांधी मैदान पुलिस को जानकारी दी गयी. सिटी एसपी जयंतकांत व गांधी मैदान थानाध्यक्ष राजबिंदु प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है
बेटी रोहिणी रंजन ने हत्या की बात कही है, लेकिन उन्होंने किसी को नामजद आरोपित नहीं बनाया है. हालांकि, उनकी सूचना पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है. पुलिस ने क्लब के गार्ड राम भगत और जीतेंद्र से पूछताछ की. जीतेंद्र कुछ देर के लिए गायब हो गया, पर फिर शाम में गांधी मैदान थाना पहुंचा और अपना बयान दिया. उसने बयान में बताया कि उसे घटना की जानकारी 4: 30 बजे मिली थी और उसने पांच बजे सुबह परिजनों को जानकारी दे दी थी. दामाद पुनीत के मुताबिक, रात में ही क्लब के गार्ड को इस बात की जानकारी हो गयी थी कि वह फर्श पर गिरे हैं. पर, उसने सुबह जानकारी दी. समय पर जानकारी मिलती, तो उन्हें बचाया जा सकता था.

रात 11:45 बजे गये थे बार के अंदर
सीसीटीवी कैमरे फुटेज से पता चला है कि वह 11:45 बजे बार के अंदर गये थे. इसके पहले वह क्लब के स्विमिंग पूल के पास बैठ कर खा-पी रहे थे. बुधवार की रात एसबीआइ के अधिकारी आरके कक्कड़ के बेटे का रिसेप्शन था और वह उसमें शामिल होने के बाद ही बार में गये. सीसीटीवी कैमरा क्लब परिसर में लगा है. वह बार के अंदर नहीं है. बार के अंदर से फिर वह नहीं निकले, क्योंकि बाहर निकलने का फुटेज नहीं है. इससे स्पष्ट है कि उनकी मौत रात में ही हो गयी थी. इसके अलावा उनके शरीर पर खून की स्थिति भी इस बात की पुष्टि कर रहे थे.

विक्रम के गोरखरी के थे मूल निवासी
वीरेश रंजन विक्रम के गोरखरी के मूल निवासी थे. यहां राजेंद्रनगर रोड नंबर तीन में उनका मकान है. उनके साथ सिर्फ पत्नी मीना सिंह रहती थीं. बेटी रोहिणी की शादी हो चुकी है और वह कदमकुआं स्थित ससुराल में रहती हैं. बेटा रोहित रंजन दिल्ली में एक शैक्षणिक संस्थान में शिक्षक हैं. हाल में ही उनकी नियुक्ति राजस्थान में एक नामी गल्र्स स्कूल में हुई है. इसी सिलसिले में वह मुंबई गये हुए हैं. पहले वह जेएनयू में भी शिक्षक रह चुके हैं. वीरेश रंजन के पिता स्व रामचंद्र प्रसाद पटना कॉलेज के प्राचार्य रह चुके थे. व्यवसायी की इकलौती बहन रोजी आगरा में रहती हैं. बहनोई अवधेश कुमार सेना में ब्रिगेडियर हैं. गोरखरी स्थित गांव में इनकी चार बीघा जमीन है और उनकी मां गांव पर ही रहती हैं. पटना के गोविंद मित्र रोड में उनकी दवा की दुकान थी और पार्टनरशिप पर दवाओं का व्यापार करते थे.

क्लब परिसर में लगे सीसीटीबी कैमरे के फुटेज में बुधवार की रात 11: 45 बजे बियर बार के अंदर जाते हुए व्यवसायी वीरेश रंजन की तसवीर आयी है. पर, क्लब से बाहर निकलते उनकी कोई तसवीर नहीं मिली है. गार्ड ने आधा घंटे बाद 12:15 बजे बार का दरवाजा बंद किया था.

हत्या या हादसा
शव, मुंह, नाक व कान से निकल रहा था खून

परिजनों ने कहा, हत्या हुई, मगर किसी को नहीं बनाया नामजद

क्लब के दोनों गार्डो से हुई पूछताछ

परिजनों ने उठाये सवाल

1. क्लब के गार्डो को जब घटना की जानकारी रात में ही थी, तो उसने अगले दिन सुबह में सूचना क्यों दी?

2. अगर वह अत्यधिक शराब पीने से गिरते भी तो उनकी नाक, आंख व ओठ में जख्म कैसे हुए और इतना खून कैसे निकला?

प्रथमदृष्टया अनुसंधान में जो बातें सामने आयी हैं, वह हत्या की ओर इंगित नहीं करता है. हालांकि, मामले की छानबीन की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है. मेडिकल बोर्ड का गठन कर जांच की जा रही है.
मनु महाराज, एसएसपी

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