पटना: काम के बदले उसे मिलती थी मार. रात को देर से सोने दिया जाता था और सुबह जल्दी जगा दिया जाता था. सुबह उठने में देर होती थी, तो अंकल (अपहर्ता) उसकी बेंत से पिटाई करते थे. वह रोता रहता था और अंकल हंसते रहते थे. यी पीड़ा है कक्षा तीन में पढ़ने वाले 10 वर्षीय संजीव कुमार पांडेय का, जो आज सुबह 10 बजे पटना जंकशन आरपीएफ थाना पहुंच कर पुलिस से घर पहुंचाने की विनती की.
पूछते-पूछते पहुंचा आरपीएफ थाने:आरपीएफ के अनुसार संजीव कुमार पांडेय नवादा मेन रोड आरा का निवासी है. स्थानीय डीएवी स्कूल के कक्षा तीन में पढ़ने वाला संजीव गुरुवार की सुबह दस बजे पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर उतरा.
वह प्लेटफॉर्म पर टहलते हुए लोगों से पुलिस के बारे में पूछताछ कर रहा था. जब वह प्लेटफॉर्म स्थित सीढ़ी पर चढ़ा, तो नीचे खाकी वरदीधारी को देखा, तो बगैर किसी को कहे वह आरपीएफ थाने पहुंच गया. बाद में बच्चे से पूछताछ के बाद पटना आरपीएफ ने संजीव के मिलने की सूचना आरा पुलिस को दी. गुरुवार की शाम चार बजे आरा पुलिस पटना जंकशन पहुंची और संजीव को अपर इंडिया एक्सप्रेस से आरा ले गयी. वहां पर उसके परिजन उसका इंतजार कर रहे थे.