पटना: जदयू किसी भी दल से गंठबंधन कर ले, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसे सफलता नहीं मिलनेवाली है. बिहार की जनता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला ले चुकी है. जहां तक लोजपा-जदयू गंठबंधन की चर्चा है, तो उसका लाभ भी उसे नहीं मिलेगा. लोजपा का माना जानेवाला आधार वोट, तो भाजपा के पक्ष में है. भाजपा में अकेले अनुसूचित जाति के नौ विधायक हैं.
विभिन्न संस्थानों के सव्रे भी लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा को सबसे आगे बता रहे हैं. ये बातें मंगलवार को भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं. वे अपने सरकारी आवास पर संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि जदयू, राजद, लोजपा व कांग्रेस सहित अधिकतर दल नरेंद्र मोदी को रोकने को लेकर परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस से तालमेल न करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बातें कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में उनके सिपहसालार बैकडोर से कांग्रेस से गंठबंधन करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. यदि इतना ही है, तो विधानसभा में उन्होंने कांग्रेस के चार विधायकों का समर्थन क्यों ले रखा है?
कृषि के प्रति सरकार लापरवाह : मोदी ने कहा कि कृषि के प्रति बिहार सरकार लापरवाह है. किसानों से 30 लाख मीटरिक टन धान की खरीद होनी है, लेकिन अभी तक मात्र छह लाख मीटरिक टन की ही खरीद हुई है. केजरीवाल के धरने पर उन्होंने कहा कि वे सरकार छोड़ने का बहाना बना रहे हैं. सरकार से नाता तोड़ने के लिए कौन पहले अपनी शहादत देगा, इसको लेकर आप और कांग्रेस में होड़ मची है. आप की मांग तो सही है, किंतु उसका तरीका गलत है. यूएन बिश्वास को लेकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के ताजा बयान पर उन्होंने कहा कि वे कुछ भी बोल सकते हैं.