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नीतीश ने कांग्रेस से गठबंध को किया खारिज,”आप” पर टिप्पणी से इनकार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से जदयू के गंठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया. कहा कि आज की तारीख तक जदयू अकेले है. कांग्रेस से चुनावी समझौते की संभावना नहीं है. इस संबंध में किसी नेता से बातचीत नहीं हुई है. वहीं, लोजपा के संबंध में उन्होंने […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से जदयू के गंठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया. कहा कि आज की तारीख तक जदयू अकेले है. कांग्रेस से चुनावी समझौते की संभावना नहीं है. इस संबंध में किसी नेता से बातचीत नहीं हुई है. वहीं, लोजपा के संबंध में उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान अच्छे आदमी हैं, पर तालमेल की औपचारिक बातचीत नहीं हुई है.

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार ने कहा, राजद या जदयू के साथ कांग्रेस के समझौते खबर पढ़ कर मुङो तकलीफ होती है. ऐसी खबरें बिल्कुल नॉन एक्जिस्टिंग (वजूद में नहीं) बात है. जदयू इस लाइन में नहीं हैं. झारखंड में जेवीएम से बातचीत हुई है.

लेकिन, सीटों के संबंध में बातचीत जमीन पर नहीं उतरा है. लोजपा के साथ तालमेल की संभावना पर मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि मैं रामविलास पासवान की इज्जत करता हूं. लेकिन, उनके दल के साथ समझौते के बारे में कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है. यह रामविलास पासवान को निर्णय लेना है कि वह किस गंठबंधन में जाना चाहते हैं. जहां तक जदयू की बात है, तो वह कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं करने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, 31 दिसंबर, 2005 में मैं पासवान के घर पर था. समझौते को लेकर बातचीत करने गया था. उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने की बात थी. लेकिन, वह नहीं माने. फरवरी, 2005 के चुनाव बाद भी उन्हें साथ आने का प्रस्ताव दिया था. अब कोई बातचीत नहीं हो रही है.

धरने पर प्रतिक्रिया नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. सिर्फ इतना कहा कि दिल्ली की स्थिति विचित्र है. वहां पुलिस और विधि-व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ में है. ऐसी स्थिति में अरविंद केजरीवाल परिस्थितियों के हिसाब जो उचित लग रहा होगा, कर रहे हैं. दिल्ली की तुलना दूसरे प्रदेशों से नहीं की जा सकती. केजरीवाल को आप समर्थन करते हैं, इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि जब वह प्रतिक्रिया ही नहीं दे रहे, तो समर्थन करने या नहीं करने का सवाल कहां पैदा होता है.

नरेंद्र मोदी पर हमला : नीतीश ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर हमला बोला. फिल्म अभिनेता सलमान खान द्वारा नरेंद्र मोदी की प्रशंसा किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, गुजरात में जो कुछ हुआ, उसे भुलाया नहीं जा सकता. गुजरात के दंगे को लेकर किसी को माफी नहीं दी जा सकती. जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि नरेंद्र मोदी ने केंद्र में सरकार बनने पर चारों दिशाओं से देश को जोड़ते हुए बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही है, तो उन्होंने चुटकी ली कि केंद्र में सरकार बनेगी या नहीं बनेगी, मूल प्रश्न तो यह है. चुनाव परिणाम क्या होता है इसके बाद इन चीजों पर सोचा जा सकता है. साथ ही मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी द्वारा बुलेट ट्रेन को लेकर दिये गये रोड मैप को भारत के लिए अव्यावहारिक करार दिया. कहा, यह विचार 1980 के दशक में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, उस समय भी आया था. लेकिन, खर्चीला होने के कारण बात आगे नहीं बढ़ी. मेरे रेल मंत्री कार्यकाल में भी मुंबई से अहमदाबाद के लिए हाइ स्पीड रेल लाइन परियोजना पर चर्चा चली. लेकिन, यह टेक ऑफ नहीं हो पाया. मैंने यूरोप में इसे देखा था, जायजा भी लिया था. इसके लिए जमीन की समस्या आयी थी. भारत के संदर्भ में यह सही नहीं है.

मर्यादा का पालन नहीं करते लालू : मुख्यमंत्री ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की तीखी आलोचना की. कहा कि वह सार्वजनिक मर्यादा का भी पालन नहीं करते. जिस तरह उनकी छवि है, उसी तर्ज पर सबका आकलन करते हैं. लालू प्रसाद को यह खुशफहमी नहीं पालन चाहिए कि वह कुछ भी बोलते रहेंगे और उन्हें कोई जवाब नहीं देगा.

बिहार में अखबारों पर पाबंदी नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अखबारों पर पाबंदी नहीं है. जो कोई इस तरह की बात करता, वह गलत कह रहा है. कभी हमने किसी अखबार को कोई खबर छापने और नहीं छापने के लिए फोन नहीं किया. हमारी किसी से शिकायत नहीं. मेरी बड़ी रैली हो रही है, पर अखबारों में बड़ी खबर नहीं छप रही है. लेकिन, मेरी किसी से शिकायत भी नहीं है. यह तो मीडिया की स्वतंत्रता है. अब लालू जी चाहे जिस केस में जेल गये, मैं तो मीडिया की स्वतंत्रता के लिए जेल गया हूं. मैंने कभी भी किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं की. नीतियों की आलोचना जरूर की. नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मीडिया में छाये रहनेवाले लोग हैं. मैं तो उपेक्षित व्यक्ति हूं. बड़ों के विवाद में नहीं पड़ता. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आइबी की किसी सांप्रदायिक तनाव संबंधी रिपोर्ट की उनकी जानकारी नहीं है. कुछ लोग सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन सरकार सतर्क है.

कांग्रेस 31 तक फैसला करे, नहीं तो हम साथी चुनने को स्वतंत्र : पासवानपटना. लोजपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में नये राजनीति समीकरण के संकेत दिये हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा. लेकिन, इतना जरूर कहा कि अगर 31 जनवरी तक कांग्रेस गंठबंधन पर अपना फैसला नहीं लेती है, तो वह खुद फैसला लेने क ो स्वतंत्र होंगे. उन्होंने तारीफ करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि हम दोनों शुरुआती दिनों के साथी रहे हैं. वर्ष 2005 में बिहार में उन्होंने मेरे समक्ष मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन तब मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि मैं राजद और भाजपा दोनों के सहयोगवाली सरकार में शामिल नहीं हो सकता.श्री पासवान ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि बिहार में लोजपा के साथ गंठबंधन पर फैसला कांग्रेस को लेना है. हमने कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट कर दिया है कि हमारी पार्टी क्षेत्रीय पार्टी है और लोकसभा चुनाव के लिए हमें तैयारी करने का पर्याप्त समय मिलना चाहिए. ऐसे में अगर समय यों ही बरबाद हो जायेगा, तब हम चुनाव की तैयारी ढंग से नहीं कर पायेंगे.

हमने कांग्रेस को यह साफ कर दिया है कि 31 जनवरी तक उनके फैसले का इंतजार करेंगे.उन्होंने कहा कि गंठबंधन की स्थिति स्पष्ट होने पर ही हम अपने उम्मीदवारों का चयन करेंगे. साथ ही चुनाव लडने वाले उम्मीदवारों को भी अपने क्षेत्र में काम करने का पर्याप्त समय मिलना चाहिए. हमने अपनी इस चिंता से सोनिया गांधी को अवगत करा दिया है. नीतीश कुमार और जदयू के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने कभी भी व्यक्ति विशेष की राजनीति नहीं की है. हम हमेशा से ही सिद्धांतों की राजनीति करते रहे हैं और सिद्धांतों की लड़ाई भी लडते रहे हैं. पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी चुनाव को लेकर हमारी जदयू के साथ कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हमने तो कभी उन साथियों पर भी कोई टिप्पणी नहीं की, जो लोजपा को छोड़ कर किसी और पार्टी में चले गये.

मोदी पर निशाना
गुजरात के दंगे को लेकर किसी को माफी नहीं दी जा सकती

बुलेट ट्रेन का रोड मैप भारत के लिए अव्यावहारिक

लालू को चेताया
जैसी अपनी छवि है, उसी के आधार पर सबका आकलन करते हैं
यह खुशफहमी नहीं पालें कि उनकी बातों का कोई जवाब नहीं देगा

..इधर दोनों निर्दलीय सांसद भाजपा में
नयी दिल्ली: बिहार के दो निर्दलीय सांसद पुतुल कुमारी और ओम प्रकाश यादव सोमवार को भाजपा में शामिल हो गये.भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में दोनों शामिल हुए. पुतुल कुमारी तत्कालीन सांसद और अपने पति दिग्विजय सिंह के निधन के बाद 2010 में बांका सीट के लिए हुए उपचुनाव से विजयी हुई थीं.उपचुनाव में जदयू ने उनका समर्थन किया था. वहीं, सीवान लोकसभा सीट से ओम प्रकाश यादव ने पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना को हराया था.

वह हाल तक यूपीए-2 सरकार को समर्थन दे रहे थे. बिहार में जदयू से गंठबंधन टूटने के बाद से भाजपा राज्य में अपने को मजबूत बनाने में जुटी है. सूत्रों ने बताया कि आनेवाले दिनों में पार्टी कुछ और नेताओं को अपनी जमात में शामिल करेगी. राजनाथ सिंह ने दोनों सासंदों का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि लोग कांग्रेस से नाराज हैं और सरकार को बदलना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस भी आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर चुकी है. साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस हर तरह के हथकंडे अपनायेगी.

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