मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर शहर में शुक्रवार को बूढ़ी गंडक नदी पर पुल का शिलान्यास करने आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिले को एक और तोहफा दिया. शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा, हम गंडक नदी के बंगरा घाट (साहेबगंज) पर भी महासेतु बनायेंगे. इसका शिलान्यास आठ फरवरी को होगा. हमने राज्य के लोगों से सड़क व पुल-पुलियों के जाल बिछाने का वादा किया था. आठ साल में 12 हजार से अधिक पुल-पुलियों का निर्माण हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा, बंगरा घाट पर महासेतु बनने से मुजफ्फरपुर व गोपालगंज जुड़ जायेंगे. इस पर 508 करोड़ लगेंगे. इसके बनने से सूबे के विकास में सहायता मिलेगी.
उन्होंने कहा, 2011 में सेवा यात्र के दौरान शहर की स्थिति को देखने के बाद चंदवारा पुल के निर्माण का निर्णय लिया गया था. आज इसका काम शुरू हो रहा है. इससे मुजफ्फरपुर शहर ही नही, कई प्रखंडों के लोगों को फायदा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने लोगों से अमन चैन बनाये रखने की अपील की. कहा, आज ज्ञान की दुनिया है. पढ़ लिख कर आगे बढ़ सकते है. लाठी में तेल पिलाने की बात करनेवालों से सावधान रहने की जरूरत है.
समारोह की अध्यक्षता पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष संजीव हंस ने की. सभा को सांसद अनिल सहनी, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रमई राम, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर, विधायक अजीत कुमार, राजू कुमार सिंह राजू व सुरेश चंचल और विधान पार्षद डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह ने भी संबोधित किया.
अगले साल से 4000 मेगावाट बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल तक सूबे में चार हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू हो जायेगी. शिक्षा के बाद सरकार का सबसे बड़ा बजट बिजली पर है. अभी तीन हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जायेगी. 2015 तक प्रत्येक प्रखंड में पावर स्टेशन व जिला व अनुमंडल स्तर पर ग्रिड की स्थापना कर दी जायेगी. मैंने गांधी मैदान से वादा किया था, 2015 तक घर-घर बिजली पहुंचाऊंगा. इस पर कायम हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा, जब मैं केंद्रीय मंत्री था, तब बाढ़ सुपर थर्मल पावर की स्थापना हुई थी, लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने उससे पैदा होनेवाली बिजली में हिस्सा नहीं मांगा था. उस समय जो गलती हुई थी, उसका सुधार हम लोग कर रहे हैं. अब थर्मल पावर में बननेवाली बिजली में राज्य का हिस्सा निर्धारित किया गया है.