पटना: बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार विष कब्जा एवं विक्रय नियामवली 2104 को आज मंजूरी प्रदान कर दी.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधानसचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा बिहार विष कब्जा एवं विक्रय नियामवली 2104 को मंजूरी प्रदान किए जाने के बाद विष एवं एसिड की खरीद-बिक्री, भंडारण एवं व्यवहार पर नियंत्रण रखा जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि एसिड हमलों की बढती घटनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार के विष अधिनियम 1919 जिसमें कानून नहीं बना था, केंद्र द्वारा अब कानून बनाए जाने पर, उसी आधार पर बिहार सरकार ने यह कानून बनाने का फैसला किया है.
ब्रजेश ने बताया कि इसके प्रभाव में आने से शहरों में योजनाबद्ध आवासी एवं व्यवसायिक संरचना के विकास के साथ बेहतर नागरिक सुविधाओं यथा चौडी सडकों, सुदृढ जल निकासी तथा पार्क, सामुदायिक भवन एवं विरासत भवनों का बेहतर संरक्षण तथा क्षेत्र विकास योजना का प्रावधान अब हो गया है.
ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि इस आयोग में एक अध्यक्ष, पांच सदस्य तथा एक सदस्य सचिव होंगे जिनका कार्यकाल पद ग्रहण करने से पांच वर्षो से अनाधिक अवधि के लिए होगा तथा वे पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होंगे तथा 65 वर्ष की आयु तक वे इस पद पर बने रह सकते हैं. उन्होंने बताया कि आयोग के इन सात सदस्यों में दो महिलाएं, एक-एक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडे वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग से होंगे.
उन्होंने बताया कि इस आयोग के गठन का उद्देश्य जन साधारण को गरिमामय जीवन यापन करने के लिए सस्ती कीमतों पर पर्याप्त मात्र में खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने का अनुश्रवण तथा इसका उल्लंघन तथा शिकायत प्राप्त होने पर उसकी जांच करना, अपील की सुनवाई करना तथा सरकार को इस बारे में सलाह देना है. ब्रजेश ने बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार खान एवं भूतत्व निरीक्षक सेवा नियामवली 2009 में संशोधन को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है.