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चाहिए बड़ा व सुरक्षित एयरपोर्ट

पटना: पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले ढाई हजार यात्री हर दिन खतरे के साये में सफर करते हैं. खास कर लैंडिंग के वक्त उनकी सांसें अटकी रहती हैं. रनवे छोटा होने की वजह से हर फ्लाइट में पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ती है. एयरपोर्ट लैंड होने के एनाउंसमेंट होते […]

पटना: पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले ढाई हजार यात्री हर दिन खतरे के साये में सफर करते हैं. खास कर लैंडिंग के वक्त उनकी सांसें अटकी रहती हैं. रनवे छोटा होने की वजह से हर फ्लाइट में पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ती है. एयरपोर्ट लैंड होने के एनाउंसमेंट होते ही कई यात्री कुरसी को मजबूती से पकड़ हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर देते हैं. जमीन पर उतरते ही इस ठंड में भी उनके चेहरे पर पसीने की बूंदें छलक जाती हैं. छोटा रनवे होने की वजह से पटना एयरपोर्ट की यह परेशानी लंबे समय से है, मगर इस परेशानी को दूर करने की दिशा में न तो एयरपोर्ट अथॉरिटी और न ही राज्य सरकार कोई ठोस कदम उठा पा रही है.

देश के 11 खतरनाक एयरपोर्ट में शामिल
पटना एयरपोर्ट आज भी देश के 11 उन खतरनाक हवाई अड्डे में शामिल है, जहां पर रनवे की लंबाई बड़े विमानों की लैंडिंग के अनुकूल नहीं है. पिछले साल डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवियेशन (डीजीसीए) ने छह बार राज्य सरकार को इसकी चेतावनी दी थी.

कई बड़े शहरों की सीधी उड़ान नहीं
पटना एयरपोर्ट से दूसरे शहरों में उड़ान भरने वाले यात्रियों की तादाद में हर साल इजाफा हो रहा है. पिछले चार सालों में इनकी संख्या लगभग तीन गुणी हो गयी है. बावजूद अब तक देश के कई बड़े एयरपोर्ट से पटना का सीधा संपर्क नहीं हो सका है. फिलहाल पटना एयरपोर्ट से मात्र चार शहर नयी दिल्ली, कोलकाता, रांची और लखनऊ के लिए ही सीधी उड़ानें मिलती हैं. मुंबई और बेंगलुरु के लिए वाया उड़ान की सुविधा है. इनके अलावा गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर, हैदराबाद, चेन्नई, पुणो, इंदौर जैसे शहरों के लिए आज भी हवाई यात्री या तो कनेक्टिंग फ्लाइट का सहारा लेते हैं अथवा उनको मजबूरी में ट्रेन की एसी बोगियों में सफर करना पड़ता है.

कई शहरों की उड़ान हुई बंद
कुछ साल पहले इंडिगो ने पटना एयरपोर्ट से अहमदाबाद, गोवा, इंदौर जैसे शहरों के लिए सीधी उड़ान शुरू की थी, मगर कुछ दिनों बाद ही उसे बंद कर दिया गया. बगैर कारण बताये यह फ्लाइट दूसरे रूट पर शिफ्ट कर दी गयी. इसी तरह, जेट लाइट ने हैदराबाद और जेट एयरवेज ने गुवाहाटी के लिए बुकिंग शुरू की थी, लेकिन उनकी योजनाएं भी असफल रहीं. देश के वाणिज्यिक शहर मुंबई जाने के लिए पटना से सीधी उड़ान नहीं है. यात्रियों को वाया रांची, लखनऊ या दिल्ली होकर सफर करना पड़ता है.

जमीन का मामला भी अटका
राज्य सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को एयरपोर्ट के बगल में एसटीएफ की खाली जमीन उपलब्ध कराने की पेशकश की, मगर राशि को ले कर ही पूरा मामला उलझ गया. इसके एवज में 86 करोड़ मांगे गये. इसमें एयरपोर्ट प्रशासन ने यह कह कर इनकार कर दिया कि दूसरे राज्यों में विकास की दृष्टि से राज्य सरकार मुफ्त जमीन उपलब्ध कराती है, जबकि बिहार में इसके एवज में पैसे मांगे जा रहे हैं. इसके बाद से ही जमीन का मामला अटक गया. यह जमीन मिलने पर रनवे की समस्या, तो नहीं सुलझती, लेकिन एयरक्राफ्ट की पार्किग के लिए अच्छी जगह मिल जाती. अभी पटना एयरपोर्ट पर एक समय में दो या तीन एयरक्राफ्ट ही खड़े हो सकते हैं. उसके बाद कोई विमान उतरने पर पार्किग की समस्या हो जाती है.

एयरपोर्ट शिफ्ट करने की मांग
पटना एयरपोर्ट के विकास की संभावना नहीं बनती देख कर राज्य सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कई बार दूसरी जगह पर नया एयरपोर्ट बनाने की संभावना पर चर्चा की, मगर अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके. पटना

शहर में जमीन की महंगी कीमत को देखते हुए इसकी संभावना नहीं बनी. बिहटा में पहले ही काफी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. राजधानी के आस-पास के शहरों धनरूआ, वैशाली, राजगीर और नालंदा में भी नया एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव आया.

अनकंफर्टेबल परिस्थिति में होती है लैंडिंग
निजी एयरलाइंस के एक पायलट ने बताया कि पटना में नियमित रूप से लैंडिंग के वक्त हैवी ब्रेकिंग करनी पड़ती है. रनवे पर उतरते वक्त बहुत ही अनकंफर्टेबल परिस्थिति होती है. पायलट के पास गलती की हल्की सी गुंजाइश भी नहीं होती. भगवान न करे अगर कुछ करने में थोड़ा भी विलंब हुआ, तो कुछ भी हो सकता है. खास कर गर्मियों में ज्यादा दिक्कत होती हैं. पहले से रनवे गरम रहता है. ऐसी परिस्थिति में हैवी ब्रेकिंग करने पर चिनगारी निकलने या गड़बड़ी होने की आशंका बनती है.

एयरपोर्ट पर जगह की समस्या
पटना एयरपोर्ट से बड़े शहरों के लिए फ्लाइट नहीं होने का सबसे बड़ा कारण जगह की समस्या है. सामान्य तौर पर पटना एयरपोर्ट पर सात-आठ फ्लाइट की ही सुविधा है, मगर फिलहाल पंद्रह फ्लाइट हर दिन उड़ान भर रही हैं. एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, अगर किसी समय तीन फ्लाइट एक साथ आ जाये, तो किसी हेलीकॉप्टर को खड़ा रखने की जगह ही नहीं मिलेगी. हालांकि, राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के बगल में पड़ी एसटीएफ की छह एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को मुहैया करायी है, मगर उसके एवज में 115 करोड़ मांगे जा रहे हैं. वैसे इसके मिलने से भी रनवे की समस्या दूर नहीं होगी, सिर्फ एक-दो फ्लाइट के लिए पार्किग की सुविधा बढ़ सकती है. लेकिन, राशि को ले कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को आपत्ति है. उनके मुताबिक, भुवनेश्वर, रायपुर सहित कई शहरों में राज्य सरकार ने अपने स्तर से एयरपोर्ट प्रशासन को जगह मुहैया करायी है.

विस्तार की योजना अब तक अधूरी
करीब दो साल पहले ही पटना सहित 35 एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण को ले कर निर्णय लिया गया था. इसमें से अधिकांश एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण पूरा हो गया, मगर जगह के अभाव में पटना एयरपोर्ट में अधिक बदलाव नहीं आ सका. उपलब्ध संसाधन में ही यात्री सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. पटना एयरपोर्ट भवन करीब 40 साल पुराना है. इसके मूल मॉडल में अधिक बदलाव नहीं किया जा सकता.

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