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दही-चूड़ा बाद साफ होगी तसवीर

लोकसभा चुनाव में कौन किसके साथ होगा. इसकी तसवीर मकर संक्रांति के बाद साफ हो जायेगी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 17 जनवरी से शुरू हो रही है. इसमें पार्टी अपनी चुनावी रणनीति का एलान कर सकती है, वही लालू भी कांग्रेस व लोजपा से तालमेल को लेकर अपने पत्ते खोलेंगे. वही रालोसपा जदयू […]

लोकसभा चुनाव में कौन किसके साथ होगा. इसकी तसवीर मकर संक्रांति के बाद साफ हो जायेगी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 17 जनवरी से शुरू हो रही है. इसमें पार्टी अपनी चुनावी रणनीति का एलान कर सकती है, वही लालू भी कांग्रेस व लोजपा से तालमेल को लेकर अपने पत्ते खोलेंगे. वही रालोसपा जदयू छोड़ किसके साथ चुनाव लड़ेगी, इसकी तसवीर भी 15 के बाद ही साफ होगी.

राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 17 से
पटना: भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 17 जनवरी से शुरू हो रही है. पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही बैठक में भाग लेने के लिए विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी 16 को पटना से रवाना होंगे. उनके साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के बिहार से सभी सदस्य भी शामिल होंगे. राष्ट्रीय कार्यसमिति के अगले दिन रामलीला मैदान में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक 18 से : 18 और 19 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद में पहली बार सभी जिला के अध्यक्ष और महामंत्री को आमंत्रित किया गया है. परिषद की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी अपनी रणनीति का एलान कर सकती है.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के सभी सांसद और विधायकों को उपस्थित रहने को कहा गया है. राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा भी भाग लेंगे. चुनाव प्रचार अभियान समिति में नाम नहीं होने से उनके समर्थकों में रोष है. सूत्रों ने बताया कि वह 15 को पटना आयेंगे और अगले दिन राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना हो जायेंगे. राष्ट्रीय कार्यसमिति में बिहार से सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव, शत्रुघ्न सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, सैयद शाहनवाज हुसैन,आरके सिन्हा,अश्विनी चौबे, चंद्रमोहन राय, रेणु देवी, रेणु कुशवाहा व रामेश्वर चौरसिया सदस्य हैं.

फरवरी में आयेंगे नरेंद्र मोदी : भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 15 फरवरी के बाद बिहार आयेंगे. जनवरी में ही बिहार आने के कयास लगाये जा रहे थे. 18 और 19 जनवरी को राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद उनके बिहार आने की तिथि घोषित की जायेगी.

लालू भी खोलेंगे 15 को पत्ता
लोकसभा चुनाव में लोजपा व कांग्रेस के साथ गंठबंधन पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद 15 जनवरी को अपना पत्ता खोलेंगे. उस दिन पार्टी के सभी नेताओं की बैठक पार्टी कार्यालय में होगी. पार्टी नेताओं की मानें, तो सब कुछ तय है, केवल घोषणा होनी है. हालांकि, पार्टी का एक खेमा लोजपा अध्यक्ष द्वारा अब तक खुल कर कुछ नहीं बोलने से असमंजस में है. बैठक में सभी सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, विधान पार्षद व पूर्व विधान पार्षद के अलावा प्रदेश कमेटी, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष व सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया है. उस दिन 23 फरवरी को गांधी मैदान में होनेवाली रैली पर भी अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

हालांकि, पार्टी के कई बड़े नेता रैली को लेकर अंदर-ही-अंदर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि राज्य में अभी शीतलहर का दौर चल रहा है. मई माह में बड़ी रैली हुई है. इसलिए इसकी फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है.

गंठबंधन पर कल फैसला लेगी रालोसपा
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी जदयू को छोड़ कर बिहार में किसी भी दल या गंठबंधन से चुनावी तालमेल करने को तैयार है. उनकी पार्टी का गंठबंधन किसके साथ होगा यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन 15 जनवरी को पार्टी की बैठक में कोई फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी उसी गंठबंधन में शामिल होगी, जो देश में सामाजिक न्याय की ताकत को मजबूती देगी. उपेंद्र कुशवाहा सोमवार को रालोसपा की किसान-नौजवान रैली के दूसरे चरण के कार्यक्रमों की घोषणा कर रहे थे.उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने अभी गंठबंधन पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. हमारे लिए अभी भी सभी विकल्प खुले हुए हैं, लेकिन एक बात तय है कि हम किसी भी कीमत पर जदयू के साथ नहीं होंगे. गंठबंधन पर उन्होंने कहा कि बिहार की जनता और उनकी पार्टी के साथियों के सम्मान को ध्यान में रखकर ही वह कोई फैसला करेंगे. दो माह बीत जाने के बाद भी राज्य में सरकारी स्तर पर धान की खरीद की प्रक्रिया कायदे से शुरू नहीं हुई है,जो चिंताजनक है.

सरकार बिचौलियों और व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही धान की खरीद में देरी करती है ताकि मजबूरी में किसान धान को औने-पौने कीमत में बेच दें. जब किसान अपने धान बेच चुके होंगे तब सरकार केवल दावा करेगी कि हमने पैक्सों के माध्यम से धान की खरीद की है.

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